
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की बहुचर्चित तवांग यात्रा की तैयारी के बीच भारत सरकार ने विदेशी पत्रकारों के अरुणाचल प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। यही नहीं उसने जिन विदेशी पत्रकारों को अरुणाचल प्रदेश जाने की इजाजत दे रखी थी उसे भी वापस ले लिया है। इनमें से दो अमेरिकी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस(एपी) के पत्रकार भी हैं। ज्ञात हो कि अरुणाचल प्रदेश में यात्रा के लिए विदेशी नागरिकों को भारत सरकार से विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। दलाई लामा की तवांग यात्रा के ठीक पहले विदेशी पत्रकारों के अरुणाचल प्रदेश के रिपोटर्स वीजा खारिज करने के भारत सरकार के फैसले पर नई दिल्ली स्थित फॉरेन करेस्पांडेंस क्लब के अध्यक्ष हीथर टिमोन्स ने निराशा के साथ हैरानी जताई है। एपी के अनुसार विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर कुछ कहने से इनकार कर दिया। प्रेस ट्रस्ट ने ईटानगर से मुख्य सचिव ताबोम बाम का हवाला देते हुए खबर दी है कि करीब 50 पत्रकारों ने राज्य सरकार से आवास एवं दलाई लामा की तवांग यात्रा की कवरेज संबंधी जानकारी के लिए संपर्क किया है। इनमें से कुछ विदेशी समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय पत्रकार हैं। ताबोम बाम ने इससे इनकार किया कि उन्हें केंद्र सरकार से विदेशी मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। माना जा रहा है कि भारत सरकार चीन की नाराजगी के चलते दलाई लामा की तवांग यात्रा के अंतरराष्ट्रीय प्रचार से बचना चाहती है और इसीलिए उसने विदेशी पत्रकारों पर पाबंदी लगा दी। भारत सरकार का यह फैसला उसके उस रुख के उलट है जिसके तहत देश-दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही थी कि भारत इस बार चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की ठान चुका है। भारत सरकार के यह स्पष्ट करने के बावजूद कि दलाई लामा धार्मिक नेता हैं और वह कहीं पर भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं, चीन की टोका-टाकी जारी है। इस सबके बीच दलाई लामा रविवार को तवांग पहुंच रहे हैं। बौद्ध आध्यात्मिक नेता टीजी रिनपोचे ने बताया है कि तिब्बती धर्मगुरु का स्वागत करने के लिए 700-800 भिक्षुओं के साथ तैयारियां पूरी हो गई हैं और पूरे शहर तथा मठ ने एक नया रूप ले लिया है। रिनपोचे तवांग मठ और एक स्कूल के खेल के मैदान में चल रही सभी तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। दलाई लामा सोमवार से इस मैदान में तीन दिवसीय धार्मिक प्रवचन देंगे। ऐतिहासिक तवांग मठ के एक पुजारी जेपी शास्त्री का कहना है कि दलाई लामा की सुरक्षित यात्रा के लिए सभी मठों में प्रार्थनाएं की जा रही हैं। तिब्बती नेता रविवार को तवांग मठ पहुंचेंगे। यह चीन की सीमा से लगा इलाका है, जिस पर चीन अपना हक जताता रहा है। दलाई लामा के तवांग में एक अस्पताल का उद्घाटन करने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि 1959 में दलाई लामा तवांग के रास्ते ही भारत आए थे। वह 12 नवंबर को राजधानी ईटानगर के लिए रवाना होने से पहले बोमडील्ला और डीरांग की भी यात्रा करेंगे। 15 नवंबर को उनके दौरे का समापन होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें