
कमरे दुरुस्त, दीवारें चकाचक, विद्यार्थियों का भी टोटा नहीं, पूरे चार सौ। पर, पढ़ाई खाक होगी, पूरे स्कूल में आठ कक्षाओं के लिए एक ही शिक्षक है और वह भी हेडमास्टर। जी हां, शिक्षा व्यवस्था की संजीदगी देखनी है तो चले आइए सीतामढ़ी के सुप्पी प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय मोहिनी खुर्द। महकमे की कलई परत दर परत खुल जाएगी। जिले के सर्वाधिक पिछड़े इलाकों में शामिल सुप्पी का यह स्कूल हर दावे की धज्जियां उड़ाता चमचमाता खड़ा है। सरकारी नियमों के मुताबिक 60 छात्रों पर एक टीचर की तैनाती का प्रावधान है। पर, सुप्पी के इस स्कूल में 400 से अधिक बच्चों की शिक्षा की बागडोर सिर्फ एक शिक्षक के जिम्मे है। स्कूल का दुर्भाग्य रहा है कि यहां कभी भी पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती हुई ही नहीं। तीन माह पूर्व यहां एक प्रधान शिक्षक के अलावा दो शिक्षकों पर पठन-पाठन का जिम्मा था। जैसे-तैसे स्कूली शिक्षा की गाड़ी चल रही थी। इसी बीच एक शिक्षक का तबादला हो गया और दूसरे सेवानिवृत हो गए। ऐसे में अब प्रधान शिक्षक ही स्कूल में बच गए हैं। जब विभागीय कार्य से प्रधान शिक्षक बाहर चले जाते हैं, तब स्कूल में ताला लटक जाता है। बच्चे छुट्टी मान लेते हैं। इधर, तीन दिनों से प्रधान शिक्षक इग्नू के प्रशिक्षण में जिला मुख्यालय में हैं, सो विद्यालय बंद ही चल रहा है। हैरत तो यह है कि शिक्षा महकमा इन बातों से अनजान मान कर पल्ला झाड़ रहा है। बीईईओ सिपाही प्रसाद यादव कहते हैं कि कुछ माह पहले ही उनकी नियुक्ति हुई है, इसलिए उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
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