चंडीगढ़, प्रदेश के जरूरतमंद व्यक्ति को सस्ता सर्जरी पैकेज, मुफ्त दवाइयां, आरोग्य कोष और जननी सुरक्षा योजना का लाभ भले ही बेहतर स्वास्थ्य प्रयासों के साक्षी हैं, लेकिन अब भी बहुत कुछ ऐसा किया जाना बाकी है। और नए साल में इस दिशा में कई योजनाओं के पूरा होने व नए कदम उठाने की उम्मीद है ताकि प्रदेश के लोगों की अच्छी सेहत बन सके। सभी सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन की सुविधा, राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रत्येक पचास किलोमीटर की दूरी पर ट्रोमा सेंटर और अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी को दूर करना वर्ष 2010 की प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों में शामिल हैं। सरकार को इस वर्ष ये सुविधाएं उपलब्ध हो जाने की न केवल उम्मीद है, बल्कि उन पर तेजी से काम भी किया जा रहा है। इसके अलावा अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी को भी दूर किए जाने की उम्मीद है। यानी स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह वर्ष प्रदेशवासियों की उम्मीदों को पूरा करने वाला हो सकता है। अस्पतालों में प्रसव से पहले की चिकित्सा, सिजेरियन आपरेशन, आंखों की सर्जरी और कटे होंठों के आपरेशन मुफ्त करने के लिए प्रदेश को देश का पहला राज्य होने का गौरव हासिल है। दवाइयां मुफ्त देने में भी यहां के अस्पतालों का कोई जवाब नहीं है, लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि डाक्टरों द्वारा लिखी गई सभी दवाइयां कभी भी अस्पतालों से पूरी नहीं मिल पाई हैं। मरीजों के तीमारदारों को ये दवाइयां न केवल बाहरी मेडिकल स्टोरों से खरीदनी पड़ती हैं, बल्कि दुकानदारों से मिलीभगत के चलते चिकित्सक भी बाहरी दवाइयां लिखने में कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री गीता भुक्कल की मानें तो जल्दी ही प्रदेश के लोगों की सेहत चकाचक होने वाली है। वर्ष 2010 में जहां डाक्टरों की कमी नहीं होगी, वहीं सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कोई कमी नहीं रहने देने के दावे हैं। प्रदेश सरकार का सबसे अधिक ध्यान लिंग अनुपात सुधारने की ओर है। स्वास्थ्य मंत्री भुक्कल के अनुसार सभी अधिकारियों को सरकार के विजन 2010 के अनुरूप काम करने के निर्देश दे दिए गए हैं। बस-कार भिड़ंत में चार.. घने कोहरे के कारण
Young Flame Headline Animator
शनिवार, 2 जनवरी 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें