कोलकाता, अपने चहेते मार्क्सवादी नेता ज्योति बसु के अंतिम दर्शन करने के लिए कोलकाता में लाखों की भीड़ जमा हो गई है। सुबह से ही कोलकाता की सड़कों पर उमड़े जन सैलाब के हाथों में फूल और आखें नम हैं। बसु की अंतिम यात्रा के दौरान भीड़ के बैरिकेड पार करने से विधानसभा कैंपस में भगदड़ भी मच गई, पर किसी के घायल होने की कोई खबर न
हीं है। पुलिस के मुताबिक, एक बड़े हादसे को होते-होते टाल दिया गया और हालात को तत्काल नियंत्रण में ले लिया गया। पुलिस ने कहा कि भगदड़ उस समय मची जब मेन गेट को 15 मिनट के लिए पूरी तरह खोला गया था। इसके बाद इसे दोपहर तीन बजे पूरी तरह बंद कर दिया गया और शव को मोहर कुंज पार्क ले जाने की तैयारी शुरू कर दी। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई भी करनी पड़ी। विधानसभा कैंपस के भीतर रास्ते पर सैकड़ों जूते, चप्पल, स्वेटर, शाल, पानी की बोतलें और अन्य सामान बिखरा पड़ा था।
गौरतलब है कि ज्योति बसु अपना शरीर दान कर चुके थे, इसलिए पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं होगा। उनकी अंतिम यात्रा सुबह 7:30 बजे पीस ऑफ हेवन नामक शव गृह से शुरू हुई, जो दक्षिण कोलकाता स्थित एसएसकेएम अस्पताल में समाप्त होगी। इसी अस्पताल को उनका शरीर सौंप दिया जाएगा। पीस ऑफ हेवन के बाद बसु के पार्थिव शरीर को अलीमुद्दीन स्ट्रीट में पार्टी हेडक्वॉर्टर ले जाया गया। यहां पार्टी के सीनियर नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर राइटर्स बिल्डिंग ले जाया गया। ज्योति बसु की अंतिम यात्रा का अगला पड़ाव पश्चिम बंगाल विधानसभा था। यहां इसे जनता के दर्शनार्थ रखा गया था। यहीं पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मार्क्सवादी नेता को श्रद्धांजलि दी। अंत में बसु के पार्थिव शरीर को मोहर कुंज ले जाया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ में अंतिम विदाई दी गई। केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।

गौरतलब है कि ज्योति बसु अपना शरीर दान कर चुके थे, इसलिए पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं होगा। उनकी अंतिम यात्रा सुबह 7:30 बजे पीस ऑफ हेवन नामक शव गृह से शुरू हुई, जो दक्षिण कोलकाता स्थित एसएसकेएम अस्पताल में समाप्त होगी। इसी अस्पताल को उनका शरीर सौंप दिया जाएगा। पीस ऑफ हेवन के बाद बसु के पार्थिव शरीर को अलीमुद्दीन स्ट्रीट में पार्टी हेडक्वॉर्टर ले जाया गया। यहां पार्टी के सीनियर नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर राइटर्स बिल्डिंग ले जाया गया। ज्योति बसु की अंतिम यात्रा का अगला पड़ाव पश्चिम बंगाल विधानसभा था। यहां इसे जनता के दर्शनार्थ रखा गया था। यहीं पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मार्क्सवादी नेता को श्रद्धांजलि दी। अंत में बसु के पार्थिव शरीर को मोहर कुंज ले जाया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर के साथ में अंतिम विदाई दी गई। केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें