सिरसा, 14 जुलाई: जिला प्रशासन द्वारा जिला के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के पास जरुरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। इस संदर्भ में जिला उपायुक्त श्री सी.जी रजिनीकांथन ने आज सभी अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक खाद्य सामग्री व अन्य जरुरी चीजें पहुंचाई जाने के प्रबंधों को सुनिश्चित किया।
उन्होंने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा मिट्टी का तेल सप्लाई किया जा रहा है। इसके साथ-साथ स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जिसमें डेरा सच्चा सौदा, व्यापार संगठन, गुरुद्वारा कमेटियां व अन्य के सहयोग से खाने के पैकेट व दूध आदि भी पहुंचाएं जा रहे है। सभी गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों की ड्यूटी लगाई गई है, जो संबंधित गांवों में बीमार व्यक्तियों को नि:शुल्क दवाईयां दे रही है। इसके साथ-साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी प्रकार की महामारी आदि ना फैले, जिस पर विभाग के अधिकारियों द्वारा पूरा ध्यान रखा जा रहा है। पीने के पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए टैंकर आदि की व्यवस्था की गई है, जो लोगों की जरुरत अनुसार संबंधित गांवों में पानी की सप्लाई कर रहे है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पशुधन को भी बीमारियों से बचाने के लिए पशुपालन विभाग की टीम गठित की गई हैै जो निरन्तर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जा रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। जिला में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सेना बुलाई गई है जो निरन्तर घग्घर नदी के बांध में हुए कटों को पाटने का काम कर रही है। इसके साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाए लगातार प्रशासन और सेना का साथ दे रही है।
उन्होंने बताया कि जिला में तीन दर्जन से भी अधिक गांवों की लगभग 20 हजार एकड़ भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है जिनमें नेजाडेला कलां, नेजाडेला खुर्द, फरवाई कलां, फरवाई खुर्द, पनिहारी, बुर्ज कर्मगढ़, लहंगेवाला, किराड़कोट, बुढ़ाभाणा, बनसुधार, मल्लेवाला, चामल, रंगा, नागोकी, मुसाहिबवाला, झोरडनाली, केलनियां, मीरपुर, अहमदपुर, फिरोजाबाद, ढाणी सतनाम सिंह, नगराना, रानियां की भूमि शामिल है। उन्होंने बताया कि गांवों में जरुरत के मुताबिक बांध आदि बनाने के लिए जेसीबी की मशीने दी गई है। जिला में तीन दर्जन से भी अधिक जेसीबी मशीनों को इस कार्य के लिए लगाया गया है। इसके साथ-साथ मिट्टी भरने के लिए बैग दिए गए है। जिला प्रशासन द्वारा सभी बाढ़ प्रभावित गांवों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर तैनात किया गया है जो अपनी टीम के साथ गांव में ही बैठे हुए है और बाढ़ बचाओ प्रबंधों की निगरानी कर रहे है। इसके साथ-साथ ये नोडल अधिकारी संबंधित गांवों में बाढ़ बचाओ के कार्यकरवाने के साथ-साथ निरन्तर जिला प्रशासन से संपर्क बनाए हुए है और संबंधित गांव के लोगों को जरुरत के अनुसार आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवा रहे है।
उन्होंने बताया कि जिला में किसी प्रकार से यातायात बाधित न हो इसके लिए भी लोक निर्माण के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे सड़कों आदि की मरम्मत एवं बाढ़ से प्रभावित सड़कों की देखरेख कर उन्हें दुरुस्त करवाने का कार्य करें। इस संबंध में चंडीगढ़ से लोक निर्माण विभाग के विशेष सचिव आईएएस श्री वी. राजाशेखर ने भी विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित कर निर्देश दिए कि अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि जिला में कहीं भी यातायात बाधित न हो। यदि किसी सड़क पर बाढ़ का पानी भरा है तो उसका वैकल्पिक रास्ता बिना किसी देरी के लोगो को तैयार करके दे। उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को भी सचेत किया कि वे अपने बिजली घरों को पानी से बचाकर गांव में निरन्तर बिजली की सप्लाई सुनिश्चित करे।
उपायुक्त ने आमजन से अपील की है कि वे घग्घर के तटबंधों पर न जाए और न ही अपने बच्चों को जाने दे। घग्घर के तटबंधों पर पुलिस की गश्त जारी है। इसके साथ-साथ उन्होंने लोक निर्माण के अधिकारियों से कहा कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पडऩे वाले सड़कों के पुलों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करे और यह भी सुनिश्चित करे कि जहां से ज्यादा पानी आ रहा है उन पुलों से धीमी गति में वाहन गुजरे। उन्होंने आज पूरी प्रशासनिक एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ फिरोजाबाद, रानियां, ढाणी सतनाम सिंह और अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के गांवों का दौरा किया। उनके साथ अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी, उपमंडल अधिकारी नागरिक श्री एस.के जैन, बिजली विभाग के अधीक्षक अभियंता व सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता थे।
उन्होंने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा मिट्टी का तेल सप्लाई किया जा रहा है। इसके साथ-साथ स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जिसमें डेरा सच्चा सौदा, व्यापार संगठन, गुरुद्वारा कमेटियां व अन्य के सहयोग से खाने के पैकेट व दूध आदि भी पहुंचाएं जा रहे है। सभी गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों की ड्यूटी लगाई गई है, जो संबंधित गांवों में बीमार व्यक्तियों को नि:शुल्क दवाईयां दे रही है। इसके साथ-साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी प्रकार की महामारी आदि ना फैले, जिस पर विभाग के अधिकारियों द्वारा पूरा ध्यान रखा जा रहा है। पीने के पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए टैंकर आदि की व्यवस्था की गई है, जो लोगों की जरुरत अनुसार संबंधित गांवों में पानी की सप्लाई कर रहे है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के पशुधन को भी बीमारियों से बचाने के लिए पशुपालन विभाग की टीम गठित की गई हैै जो निरन्तर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जा रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। जिला में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सेना बुलाई गई है जो निरन्तर घग्घर नदी के बांध में हुए कटों को पाटने का काम कर रही है। इसके साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाए लगातार प्रशासन और सेना का साथ दे रही है।
उन्होंने बताया कि जिला में तीन दर्जन से भी अधिक गांवों की लगभग 20 हजार एकड़ भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है जिनमें नेजाडेला कलां, नेजाडेला खुर्द, फरवाई कलां, फरवाई खुर्द, पनिहारी, बुर्ज कर्मगढ़, लहंगेवाला, किराड़कोट, बुढ़ाभाणा, बनसुधार, मल्लेवाला, चामल, रंगा, नागोकी, मुसाहिबवाला, झोरडनाली, केलनियां, मीरपुर, अहमदपुर, फिरोजाबाद, ढाणी सतनाम सिंह, नगराना, रानियां की भूमि शामिल है। उन्होंने बताया कि गांवों में जरुरत के मुताबिक बांध आदि बनाने के लिए जेसीबी की मशीने दी गई है। जिला में तीन दर्जन से भी अधिक जेसीबी मशीनों को इस कार्य के लिए लगाया गया है। इसके साथ-साथ मिट्टी भरने के लिए बैग दिए गए है। जिला प्रशासन द्वारा सभी बाढ़ प्रभावित गांवों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर तैनात किया गया है जो अपनी टीम के साथ गांव में ही बैठे हुए है और बाढ़ बचाओ प्रबंधों की निगरानी कर रहे है। इसके साथ-साथ ये नोडल अधिकारी संबंधित गांवों में बाढ़ बचाओ के कार्यकरवाने के साथ-साथ निरन्तर जिला प्रशासन से संपर्क बनाए हुए है और संबंधित गांव के लोगों को जरुरत के अनुसार आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवा रहे है।
उन्होंने बताया कि जिला में किसी प्रकार से यातायात बाधित न हो इसके लिए भी लोक निर्माण के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि वे सड़कों आदि की मरम्मत एवं बाढ़ से प्रभावित सड़कों की देखरेख कर उन्हें दुरुस्त करवाने का कार्य करें। इस संबंध में चंडीगढ़ से लोक निर्माण विभाग के विशेष सचिव आईएएस श्री वी. राजाशेखर ने भी विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित कर निर्देश दिए कि अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि जिला में कहीं भी यातायात बाधित न हो। यदि किसी सड़क पर बाढ़ का पानी भरा है तो उसका वैकल्पिक रास्ता बिना किसी देरी के लोगो को तैयार करके दे। उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को भी सचेत किया कि वे अपने बिजली घरों को पानी से बचाकर गांव में निरन्तर बिजली की सप्लाई सुनिश्चित करे।
उपायुक्त ने आमजन से अपील की है कि वे घग्घर के तटबंधों पर न जाए और न ही अपने बच्चों को जाने दे। घग्घर के तटबंधों पर पुलिस की गश्त जारी है। इसके साथ-साथ उन्होंने लोक निर्माण के अधिकारियों से कहा कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पडऩे वाले सड़कों के पुलों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करे और यह भी सुनिश्चित करे कि जहां से ज्यादा पानी आ रहा है उन पुलों से धीमी गति में वाहन गुजरे। उन्होंने आज पूरी प्रशासनिक एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों की टीम के साथ फिरोजाबाद, रानियां, ढाणी सतनाम सिंह और अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के गांवों का दौरा किया। उनके साथ अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती पंकज चौधरी, उपमंडल अधिकारी नागरिक श्री एस.के जैन, बिजली विभाग के अधीक्षक अभियंता व सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता थे।
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