चंडीगढ़- दो साल पहले मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी से ठीक एक दिन पहले अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक और बिलाल लोन को कश्मीरी पंडितों का जबरदस्त गुस्सा झेलना पड़ा। पंडितों ने उन पर भारत विरोधी भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया। दोनों नेता यहां एक सेमिनार में शामिल होने आए थे
हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीर वायज उमर फारूक और बिलाल लोन गुरुवार को किसान भवन में आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा लेने पहुंचे। सेमिनार जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी ने आयोजित किया था। अलग कश्मीर की मांग को लेकर जैसे ही अलगाववादी नेता उमर फारुक ने बोलना शुरू किया, सेमिनार में बैठे कुछ लोगों ने इसका विरोध शुरू किया। ये प्रदर्शनकारी भारत समर्थक नारे लगाने लगे और इसी बीच कुछ लोगों ने फारुक और लोन पर हमला बोल दिया। भीड़ ने फारुक पर मुक्कों से प्रहार किया, जिससे वे कुर्सी से नीचे गिर पड़े।
हांलांकि फारुक को कोई चोट नहीं आई लेकिन प्रदर्शनकारियों, जिनमें अधिकांश कश्मीरी पंडित थे, ने वहां तोड़फोड़ कर दी। कार्यक्रम के दौरान वहां ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, लेकिन घटना के तुरंत बाद वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस ने दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें कुछ महिलाएं भी है।
यह तो होना ही था- : उमर
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हुर्रियत की जैसी राजनीति है, उसका अंजाम तो यह होना ही था।
इससे पहले दिल्ली में भी कश्मीर की आजादी पर आयोजित एक सेमिनार में हंगामा हुआ था। यहां कश्मीरी पंडितों ने अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी पर हमला किया था। उन पर भी भारत विरोधी भावनाएं भड़काने का आरोप था। 4 नवंबर को शब्बीर शाह को कश्मीरी पंडितों का गुस्सा झेलना पड़ा था।
हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीर वायज उमर फारूक और बिलाल लोन गुरुवार को किसान भवन में आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा लेने पहुंचे। सेमिनार जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी ने आयोजित किया था। अलग कश्मीर की मांग को लेकर जैसे ही अलगाववादी नेता उमर फारुक ने बोलना शुरू किया, सेमिनार में बैठे कुछ लोगों ने इसका विरोध शुरू किया। ये प्रदर्शनकारी भारत समर्थक नारे लगाने लगे और इसी बीच कुछ लोगों ने फारुक और लोन पर हमला बोल दिया। भीड़ ने फारुक पर मुक्कों से प्रहार किया, जिससे वे कुर्सी से नीचे गिर पड़े।
हांलांकि फारुक को कोई चोट नहीं आई लेकिन प्रदर्शनकारियों, जिनमें अधिकांश कश्मीरी पंडित थे, ने वहां तोड़फोड़ कर दी। कार्यक्रम के दौरान वहां ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, लेकिन घटना के तुरंत बाद वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस ने दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें कुछ महिलाएं भी है।
यह तो होना ही था- : उमर
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हुर्रियत की जैसी राजनीति है, उसका अंजाम तो यह होना ही था।
इससे पहले दिल्ली में भी कश्मीर की आजादी पर आयोजित एक सेमिनार में हंगामा हुआ था। यहां कश्मीरी पंडितों ने अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी पर हमला किया था। उन पर भी भारत विरोधी भावनाएं भड़काने का आरोप था। 4 नवंबर को शब्बीर शाह को कश्मीरी पंडितों का गुस्सा झेलना पड़ा था।
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