डबवाली (राजीव वढेरा)- सोमवार को डबवाली के सिविल अस्पताल में जो कुछ घटित हुआ उसे एक शर्मनाकघटना करार दिया जाए तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा। चिकित्सक और इस पेशे से जुड़े लोगों ने इस घटनाक्रम मेेेंंं पवित्र माने जाने वाले इस पेशे को जिस प्रकार शर्मसार किया, वह इस पेशे के जुड़े इतिहास का स्याह पन्ना बन गया है। पहले चिकित्सक पर अमर्यादित आचरण का आरोप, फिर स्वास्थ्य केंद्र से गर्भपात की किट मिलने के साथ साथ लोगों के स्वास्थ्य को कायम बनाये रखने के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई औषधियां कूड़ेदान से मिलने का दावा, उसके बाद सिविल अस्पताल में नर्सों की प्रधान और उसके साथियों द्वारा चिकित्सक की पिटाई ये सब ऐसी घटनाऐं हुई जिसे आम नागरिक के नजरिये देखा जाये तो उचित करार नहीं दिया जा सकता।
वर्तमान में चिकित्सक व इस पेशे से जुड़े लोगों को जीवनदान देने वाले भगवान के मानिंद माना जाता है। देव तुल्य इन लोगों का आचरण सोमवार को जनता ने सरेआम देखा। प्रोपोगंड़ा औषधियों के धड़ल्ले से प्रयोग और दवाईयों और लेब टेस्ट मे कमीशनखोरी के आरोपों के बाद इस चिकित्सक व नर्सों का इस तरह के आचरण के उपरांत चिकित्सक जगत एक बार फिर से जनता के कटघरे में है। इस बार भी उनकी विश्वसयनियता दाव पर है। बहरहाल हर तरफ से बेबस जनता विश्वास और अविश्वास के बीच देव तुल्यों के हाथों अपनी डोर थमाने को मजबूर है।अध्यक्षप्रैस क्लब डबवाली
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बुधवार, 1 जून 2011
पेशे से खिलवाड़, विश्वसनीय दाव पर
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