
( डॉ सुखपाल सावंत खेडा)- : हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कल 18 सितंबर से पर्चा भरने का काम शुरू हो जाएगा। हरियाणा विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। पर्चा 25 सितंबर तक भरा जाएगा और 29 सितंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है। कांग्रेस, बीजेपी व बसपा अभी भी टिकटों के बंटवारे में उलझी हुई हैं। दूसरी तरफ इनेलो ने 42 और हरियाणा जनहित कांग्रेस ने 26 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इनेलो के लिए अपने बाकी प्रत्याशी तय करके उनका ऐलान करना कोई मुश्किल नहीं है पर कांग्रेस में टिकट बंटवारा बड़ी जंग बनी हुई है। हजकां-बीजेपी भी कांग्रेस के टिकट बंटवारे पर नजर गड़ाए हुए हैं। असल में इन्हें उम्मीद है कि टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस में जबरदस्त बगावत होगी। इन्हीं बागियों में जो मजबूत होंगे, उन्हें हजकां व बीजेपी प्रत्याशी बना सकती हैं। असल में कांग्रेस के लिए टिकट का दावा करने वालों के आवेदनों के चडीगढ़ कांग्रेस मुख्यालय में बोरे भर गए थे। पार्टी ने छंटनी के बाद 885 दावेदारों का पैनल बनाकर भेजा पर अब यह पैनल कहीं नहीं बचा है। सीधे पार्टी में आवेदन करने वालों से कहीं अधिक लोग वे थे, जो सीधे-सीधे पार्टी में अपने आकाओं को बायो डाटा दे रहे थे। इसके अलावा कई बड़े नेताओं ने अपने-अपने नाम दिए हैं। टिकटों का बंटवारे में कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर ऊभरी। एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गुट है तो दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री सैलजा, वित्तमंत्री वीरेंद्र सिंह, खेल मंत्री किरण चौधरी और सांसद राव इंद्रजीत सिंह का गुट है। दोनों धड़े अपने लोगों को ज्यादा से ज्यादा टिकटें दिलवाना चाहते हैं। असल में इसी के आधार पर ये गुट अगले पांच साल की राजनीति करना चाहते हैं। सैलजा तो कह भी चुकी हैं कि इस चुनाव में किसी को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा। सो जो ज्यादा टिकटें ले जाएगा, वहीं मुख्यमंत्री के लिए अपना दबाव बनाने में कामयाब रहेगा। पर सच यह भी है कि कांग्रेस में आला कमान सोनिया का हुक्म सब कुछ होता है। सोनिया ने जिसको आशीर्वाद दिया, कांग्रेस के सभी विधायक भी उसी के साथ होंगे और वहीं राज्य का मुख्यमंत्री बनेगा। लगता है कि कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची 19 सितंबर तक ही आ पाएगी। कांग्रेस जानती है कि टिकटों के बंटवारे से साथ ही एक धमाका होगा टिकट से वंचित तमाम दावेदार हंगामा करेंगे। कुछ निर्दलीय चुनाव मैदान में आ सकते हैं तो कुछ भीतरघात कर सकते हैं। इधर बीजेपी अपने प्रत्याशी 19 और बीएसपी 21 सितंबर को घोषित करेगी। बीएसपी 20 सितंबर को जींद में आयोजित राज्यस्तरीय रैली में लगी है जिसमें पार्टी सुप्रीमो मायावती हिस्सा लेंगी। बसपा का कहना है कि जो दावेदार रैली में सबसे ज्यादा भीड़ लेकर आएगा, उसी को टिकट दिया जाएगा। इनेलो वाहिद ऐसी सियासी पार्टी है जोकि अपना चुनाव घोषणापत्र भी जारी कर चुकी है और चुनाव प्रचार में भी जुटी है। वैसे टिकट बंटवारे से रुष्ट होकर छोटी-मोटी बगावत इनेलो में भी हुई है। पूर्व मंत्री नरेंद्र शर्मा, कुरुक्षेत्र जिला परिषद के अध्यक्ष मेवा सिंह पार्टी छोड़ चुके हंै। गुल्ला चीका के पूर्व विधायक ने टिकट न मिलने से नाराज होकर अभी पार्टी तो नहीं छोड़ी पर भविष्य की रणनीति तय करने के लिए 20 सिंतबर को सीवन में महापंचायत बुलाई हुई है।
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