
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में मुर्दा व्यक्ति को जिंदा कर करोड़ों की जमीन हथिया ली गई। शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने जांच की तो पता चला कि जिस व्यक्ति को जमीन का मालिक बताकर रजिस्ट्री कराई गई, असल में वह यहां कभी रहा ही नहीं है। कर्मचारियों की साठगांठ से सारा खेल दस्तावेज में हुआ। डीएम को जांच रिपोर्ट भेजी गई है। अब मिलीभगत करने वाले सरकारी मुलाजिमों पर कार्रवाई की तैयारी है। मामला अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र के गांव नरवारी का है। यहां पचास बीघे जमीन के बैनामे का खेल जून में हुआ था। भूमि के मालिक दो सगे भाइयों रमजान और छज्जर के होश तब उड़ गए, जब उनकी चार हेक्टेयर भूमि पर कुछ लोग कब्जा हासिल करने के लिए गांव आ धमके। उन्होंने तहसील में छानबीन की। खुलासा हुआ कि उनके पिता चंदरू पुत्र खैराती के स्थान पर हरियाणा के किसी चंदरू पुत्र बहादुर ने स्वयं को जमीन का मालिक बता कर भूमाफिया से साठगांठ कर उनकी जमीन बेच डाली। उसने अपने ग्राम प्रधान से यह लिखवा लिया कि वह नरवारी में भी रहा है। यह जमीन जट्टारी निवासी टोनी अग्रवाल ने गत दो जून को खरीदी थी। पता चलने पर रमजान और छज्जर को 12 जून को डीएम से शिकायत की। शिकायत में रमजान ने कहा कि उसके पिता चंदरू का निधन मई 2004 में हो गया था। उसके बाद राजस्व निरीक्षक ने 21 जुलाई, 2004 को उनके स्थान पर उनके बेटों रमजान, छज्जर, फतेह मोहम्मद, हमीद और हसन की विधवा व उनके बेटे हसरुद्दीन व भूरा के नाम खतौनी में दर्ज कर दिए। इसके बावजूद तहसील के रिकार्ड में हेराफेरी कर हरियाणा के पलवल निवासी चंदरू को ही जमीन का मालिक मान लिया गया। बैनामा हो गया। रमजान ने डीएम से शिकायत करने के साथ ही खरीदार टोनी, चंदरू समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई है।
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