
वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर बालीवुड के बिग बी अमिताभ बच्चन भी घेरे में आ गए हैं। हुआ यह कि सीबीआई द्वारा सिख विरोधी दंगे में आरोपी जगदीश टाइटलर के बचाव में अदालत के समक्ष पेश की गई 18 मिनट की सीडी में टाइटलर के साथ महानायक अमिताभ, आरके धवन और तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर गौतम कोल भी मौजूद हैं। यह सीडी देखने के बाद दंगा पीडि़तों के वकील एचएस फुल्का ने कई गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने सीबीआई से पूछा कि सीडी में वीडियोग्राफी का समय और तिथि क्यों दर्ज नहीं है? सीडी की सत्यता एवं समय जांचने के लिए अमिताभ, धवन व कोल से पूछताछ क्यों नहीं की गई? इतना ही नहीं, शोकसभा स्थल पर जहां जगदीश टाइटलर की मौजूदगी दिखाई गई है, वहां बवाल हुआ था और पुलिस ने लाठीचार्ज तक किया था। इस संबंध में स्वयं गौतम कोल ने मामला दर्ज कर कार्रवाई की थी। उक्त कार्रवाई रिपोर्ट की प्रति के आधार पर टाइटलर की मौजूदगी की भी जांच सीबीआई ने नहीं की है। फुल्का ने सीबीआई द्वारा अदालत के समक्ष सबूत के तौर पर पेश की गई सभी आठ वीडियो सीडी देखने और उनकी जांच की भी मांग की जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। एसीएमएम राकेश पंडित की अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह 16 नवंबर को दोपहर तीन बजे कड़कड़डूमा कोर्ट स्थित प्रासीक्यूशन ब्रांच में पीडि़त पक्ष के अधिवक्ता को टाइटलर से संबंधित सभी सीडी दिखाए। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथि एक दिसंबर मुकर्रर की है। इस दिन वादी एवं परिवादी पक्षों के अधिवक्ताओं के बीच सीबीआई द्वारा पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट के गवाह सुरेंद्र सिंह के बयान पर जिरह होगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगे में सीबीआई ने जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट देने के लिए उनकी दिनचर्या को आधार बनाया था। उसमें सीबीआई ने छह वीडियो टेप टाइटलर और दो वीडियो टेप दूरदर्शन से हासिल किए थे जिसमें दंगों के समय टाइटलर की मौजूदगी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की शोकसभा पर दिखाई गई थी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें