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रविवार, 1 नवंबर 2009

उप्र में राहुल की राह रोकेंगे दो राजकुमार


कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की नजर यदि उत्तर प्रदेश में पार्टी की खोई जमीन वापस लाने पर है, तो वहां अब उनके ही हमउम्र दो अलग-अलग पार्टियों के राजकुमार उनकी राह रोकेंगे। लगभग तीन साल तक जुदा रास्तों के बावजूद राहुल को जवाब देने के लिए वे एक साथ आ गए हैं। मुलायम सिंह के सांसद पुत्र अखिलेश यादव और चौधरी अजित सिंह के सांसद पुत्र जयंत चौधरी वैसे तो इसकी शुरुआत फीरोजाबाद सीट पर कांग्रेस व उसके युवराज को निशाने पर लेकर करेंगे, लेकिन यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा। जानकारों का कहना है कि जयंत चौधरी चार नवम्बर को फीरोजाबाद लोकसभा सीट के लिए होने जा रहे उपचुनाव में सपा प्रत्याशी व अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का प्रचार करने यूं ही नहीं जा रहे हैं। जनसभा के लिए भी टूंडला (वैशालीपुरम्) को चुना गया है। वह भी अनायास नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर टूंडला में ही पले-बढ़े हैं, लिहाजा उन्हें व उनकी कांग्रेस को जवाब भी वहीं से दिया जाएगा। राहुल गांधी ने शुक्रवार को फीरोजाबाद में राज बब्बर के प्रचार के लिए हुई जनसभा में बीते बीस साल में उत्तर प्रदेश के पिछड़ने के लिए विपक्ष (खास कर सपा) पर निशाना साधा था। इसलिए जयंत व अखिलेश इस चुनाव में कांग्रेस और उसके भविष्य की असलियत मतदाताओं को बताएंगे। सपा प्रमुख मुलायम के पुत्र अखिलेश यादव व रालोद मुखिया अजित के पुत्र जयंत चौधरी अपने-अपने दलों के भावी सितारे हैं। दोनों दलों को अपने इन राजकुमारों से बहुत उम्मीदें हैं। वे नेता इन युवा नेताओं में अपना व पार्टी का भविष्य देख रहे हैं। तर्क यह भी है कि सपा व रालोद के दोनों सांसदों के पास उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में उनके पिता की राजनीतिक विरासत व संगठन है। वे युवा भी हैं और दोनों ने अच्छी पढ़ाई भी कर रखी है। इसलिए वे कांग्रेस और उसके युवराज को पूर्वी, मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हर तरह से जवाब दे सकते हैं। इसकी शुरुआत फिलहाल फीरोजाबाद उपचुनाव से होगी, लेकिन यह सिलसिला आगे भी चलेगा। वजह यह है कि लोकसभा चुनाव के महज पांच महीने के भीतर कांग्रेस जिस तरह से जीतकर उभर रही है, उस खतरे का अहसास दोनों दलों को है। लिहाजा उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी को रोकना दोनों पार्टियों के लिए जरूरी हो गया है।

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