
यह चूडि़यों का शहर है, पर इन दिनों यहां कलाइयों की आजमाइश चल रही है। मुलायम सिंह के विरोधी उपचुनाव के बहाने उन्हें सपा के इस गढ़ में ही आइना दिखाने की चालें चल रहे हैं, तो सपा प्रमुख ने विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपनी पुत्रवधू डिम्पल को मैदान में उतार दिया है। बहू के पक्ष में पूरा परिवार फिरोजाबाद में डेरा डाले हुए है, तो कांग्रेस उम्मीदवार राजबब्बर के पक्ष में खुद राहुल गांधी ने वोट मांगकर संकेत दे दिया कि राजनीतिक दलों के लिए यह उपचुनाव किस कदर प्रतिष्ठापूर्ण है। बसपा ने एसपी सिंह बघेल को उम्मीदवार बनाया है जो सपा के टिकट पर जलेसर से सांसद रहे और पिछले चुनाव से पहले सपा से नाता तोड़ बसपा से चुनाव लड़े थे। इनके बीच भाजपा पांचवें सवार की तरह मैदान में है। अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद सीट छोड़ते वक्त ही संकेत दे दिया था कि डिम्पल मैदान में उतर सकती हैं। जाहिर है, सपा के लिए यह प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। शायद इसीलिए मुलायम सिंह ने यहां खुद कमान सम्भाल रखी है। प्रो.रामगोपाल, शिवपाल सिंह यादव, स्वयं अखिलेश, सांसद धर्मेन्द्र यादव पार्टी के तमाम दिग्गजों को लेकर दिनरात एक किये हैं। डिम्पल अपने को यहां की बहू बताकर वोट मांग रही हैं। कांग्रेस उम्मीदवार राजबब्बर पिछला चुनाव फतेहपुर सीकरी से कम मतों के अन्तर से हार गए थे। उनकी उम्मीदवारी का फैसला राहुल गांधी का था, इसलिए कांग्रेस के लिए भी यह प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। राहुल की रैली के बाद यहां के सियासी महौल में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। इससे पहले दिग्विजय सिंह, रीता जोशी, प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद अजहरुद्दीन व जगदम्बिका पाल जैसे जैसे नेता यहां आ चुके हैं। बसपा की उम्मीदें कांग्रेस और सपा के बीच मत विभाजन पर टिकी हैं। सरकार के मंत्रियों की पूरी फौज यहां जुटी है। रामवीर उपाध्याय, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, जयवीर सिंह और नारायण सिंह इनमें मुख्य हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा.रमापति राम त्रिपाठी पार्टी उम्मीदवार भानुप्रताप सिंह के पक्ष में सभाएं कर चुके हैं। इस संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं। शिकोहाबाद में अशोक यादव व जसराना में रामप्रकाश यादव निर्दलीय हैं, जबकि फिरोजाबाद से शेख नासरुद्दीन सिद्दीकी व टूंडला से राकेश बाबू बसपा विधायक हैं। सिरसागंज के विधायक ठा.जयवीर सिंह प्रदेश सरकार में मंत्री हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें