
हरियाणा के उदय के बाद हम 75 लाख 90 हजार से 2 करोड़ 11 लाख से अधिक हो गए। जनगणना के मामले में बेशक चीन विश्व में सबसे ऊपर हो पर घनत्व के मामले में हरियाणा ने उसको भी पछाड़ दिया है। वह भी सामान्य नहीं, बल्कि यहां का घनत्व चीन से लगभग दोगुना हो चुका है। प्रदेश का फरीदाबाद जिला ऐसा है, जिसकी जनसंख्या हर 9.7 साल में दोगुनी हो जाती है। इतनी तेज गति से जनसंख्या वृद्धि होने के कारण सरकार भी चिंतित है और इस वृद्धि को रोकने के लिए कारगर उपाय खोज रही है। जनगणना के मुताबिक हरियाणा की आबादी उदय के समय 75.90 लाख थी, जो अब 178.57 प्रतिशत बढ़ चुकी है। 2001 में प्रदेश की आबादी 211.4 लाख हो चुकी थी। वर्तमान में यह आंकड़ा कहां तक पहुंच गया होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां गौर करने लायक बात यह है कि आबादी तो लगातार बढ़ रही है पर सुविधाएं व दूसरी जरूरतें बहुत कम पूरी हो पा रही हंै। प्रदेश में 2001 तक भी 55.5 प्रतिशत परिवारों के पास प्रसाधन (शौचालय) की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जबकि ग्रामीण हरियाणा में 71.3 प्रतिशत परिवार इस सुविधा से वंचित हैं तथा 48.4 प्रतिशत घरों में बाथरूम नहीं हैं। 23.2 प्रतिशत परिवारों के पास गंदे जल की निकासी की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। भारत का घनत्व 325 है, जबकि हरियाणा का जनसंख्या घनत्व 478 है। अमेरिका का घनत्व 30 व कनाडा का घनत्व केवल 3 है। जनसंख्या के मामले में विश्र्व में सबसे अग्रणी माने जाने वाले चीन का घनत्व केवल 237 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जो कि हरियाणा से लगभग आधा है। देश में दस लाख से अधिक की आबादी वाले 35 शहर हैं, जिनमें फरीदाबाद शहर भी शामिल हैं। इस शहर की आबादी 10.55 लाख है और हर 9.7 वर्ष में दोगुनी हो जाएगी। देश के बड़े राज्यों में हरियाणा की शहरी जनसंख्या वृद्धि की प्रतिशतता सर्वोच्च है। हमको सबसे पहले जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे।
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