IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

Young Flame Headline Animator

मंगलवार, 17 नवंबर 2009

नौकरी के बाद भी नौकरी

देहरादून इस राज्य में युवाओं के लिए भले की नौकरी मिलना बेहद कठिन हो पर बड़े अफसरों को साठ साल की उम्र पूरी करने पर बड़े ओहदे मिल रहे हैं। खास बात ये भी है ये बड़े अफसर नए पद पर ज्वाइन करने को वीआरएस की भी सहारा ले रहे हैं। सरकार ने आमतौर पर सेवानिवृत्ति की उम्र साठ साल तय की है। माना यही जाता है कि जीवन के इस पड़ाव पर आने के बाद व्यक्ति को आराम की मुद्रा में आना चाहिए। इसके साथ ही कुछ खास पदों के लिए उम्र की सीमा 65 साल तक रखी गई है। इनमें से अधिकांश पद संवैधानिक हैं। उत्तराखंड में एक नया चलन शुरू हुआ है। बड़े अफसर रिटायर होने से पहले ही अपने लिए नए पद तलाश कर ले रहे हैं। कुछ ने सेवानिवृत्ति के अगले रोज ही नया पद ज्वाइन किया और बदस्तूर सेवा में बने हैं। कुछ बड़े अफसरों ने पहले नई नौकरी की व्यवस्था बनाई और फिर रियाटर होने से कुछ माह पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले नया ओहदा ज्वाइन कर लिया। शासन स्थित सूत्रों ने बताया कि बड़े अफसरों में सबसे पहले आईएएस अफसर डा. आरएस टोलिया ने सूबे के मुख्य सचिव जैसे ओहदे को सेवानिवृत्त होने से तकरीबन दो साल पहले वीआरएस लेकर छोड़ दिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने सूबे के पहले मुख्य सूचना आयुक्त का पद ज्वाइन कर लिया। इसके बाद मुख्य सचिव एसके दास ने भी यही रास्ता अपनाया। अपनी सेवानिवृत्ति का समय समाप्त होने से महज एक माह पहले ही उन्होंने वीआरएस ले लिया। इससे पहले राज्य लोक सेवा आयोग में बतौर अध्यक्ष उनकी ताजपोशी तय हो चुकी थी। सेवा निवृत्ति के बाद आईएएस अफसर वीसी चंदोला को राज्य निर्वाचन आयोग में राज्य निर्वाचन आयुक्त का ओहदा मिला हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के सचिव रहे आईएएस अफसर तारकेंद्र वैष्णव और संयुक्त सचिव रहे जेपी भट्ट को रिटायर होते ही मुख्यमंत्री का ओएसडी बना दिया गया। आईएएस सेवा से वीआरएस लेने वाले अफसर आरके सिंह को मुख्यमंत्री का सलाहकार (उच्च शिक्षा और पर्यटन) बनाया गया है। अब रिटायर होने वाले अफसरों को नए पदों पर समायोजित करने को राज्य के तीसरे वित्त आयोग का गठन किया गया है। इसमें सबसे पहले अभी हाल में ही राज्य वित्त सेवा से सेवानिवृत्त अफसर टीएन सिंह को बतौर विशेष कार्याधिकारी नौकरी दे दी गई। एक अन्य सेवा निवृत्त अफसर एनएन थपलियाल को वित्त विभाग में ओएसडी बना दिया गया। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो यह सिलसिला अभी थमा नहीं है। मुख्य सचिव इंदुकुमार पांडे भी इसकी अगली कड़ी बनने जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगले माह दिसंबर में रिटायर हो रहे श्री पांडे को राज्य के तीसरे वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया जाना तय कर लिया है। श्री पांडे अवकाश पर हैं और लौटते ही वीआरएस लेकर नया पद ज्वाइन करने वाले हैं। यहां बता दें कि नए पदों का वेतन और सुविधाएं सेवानिवृत्ति वाले पद से किसी भी स्तर पर कम नहीं हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

SHARE ME

IMPORTANT -------- ATTENTION ---- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

SITE---TRACKER


web site statistics

ब्लॉग आर्काइव

  © template Web by thepressreporter.com 2009

Back to TOP