नई दिल्ली, गृहमंत्री पी चिदंबरम चाहते हैं कि केंद्र सरकार में एक मंत्रालय सिर्फ आंतरिक सुरक्षा से जुड़े काम देखने के लिए होना चाहिए। मौजूदा गृह मंत्रालय के पास विभिन्न तरह की जिम्मेदारियों की व्यवस्था में सुधार की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा है कि अन्य कामों के लिए अलग से मंत्रालय बने या फिर इस विभाग का स्वतंत्र काम किसी और को दे दिया जाए। उन्होंने आंतकवाद से लड़ने के लिए साल 2010 के अंत तक राष्ट्रीय आतंकरोधी केंद्र (एनसीटीसी) को गठित कर लेने का भरोसा भी दिलाया। गृहमंत्री चाहते हैं कि बदलती चुनौतियों के साथ ही गृह मंत्रालय की संरचना में भी बदलाव कर दिया जाए। आतंकवाद और नक्सलवाद के बढ़ते दबाव की वजह से अब इस मंत्रालय को जनगणना और केंद्र-राज्य संबंधों जैसी तमाम जिम्मेदारियों से मुक्त कर देना चाहिए। खुफिया ब्यूरो के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, गृह मंत्रालय अपना पूरा समय और ऊर्जा सिर्फ सुरक्षा से जुड़े मसलों पर लगाए। जो मुद्दे सीधे आंतरिक सुरक्षा से जुड़े नहीं हैं, उनके लिए अलग से एक मंत्रालय होना चाहिए। या फिर इनके लिए गृह मंत्रालय के तहत ही अलग से एक विभाग गठित किया जाए, और इसका काम एक मंत्री कमोबेश अपनी तरह से देखे। हर मुद्दे को गृहमंत्री तक लाने की जरूरत न पड़े। चिदंबरम ने यह भरोसा भी दिलाया कि देश भर में आतंकवादी गतिविधियों को काबू करने के लिए अगले साल के अंत तक राष्ट्रीय आतंकरोधी केंद्र (एनसीटीसी) काम करने लगेगा। इस केंद्र की जिम्मेदारी होगी कि वह देश भर में आतंकी वारदातें रोके, साथ ही अगर कहीं ऐसा हमला होता है, तो उसे काबू करे। चिदंबरम ने कहा कि अमेरिका पर जब आतंकी हमले हुए थे, तो उसे ऐसा संगठन खड़ा करने में 36 महीने लगे थे, लेकिन हम इतने समय तक इंतजार नहीं कर सकते।
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