नई दिल्ली, एजेंसियां : कड़कड़ाती ठंड में चाय भी अब गरमाहट नहीं देने वाली। महंगी चीनी पहले ही आम उपभोक्ताओं को रूला रही थी, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के थोक बाजार में उसके दाम 200 रुपये उछलकर 4150 रुपये प्रति क्विंटल हो गई, मिल गेट का भाव भी इतना ही चढ़ गया। लिहाजा खुदरा बाजार में चीनी 45 रुपए किलो तक पहुंच जाए तो कोई आश्चर्य नहीं। मिलों की सीमित आपूर्ति के बीच स्टाकिस्टों और आइसक्रीम व साफ्ट ड्रिंक निर्माताओं जैसे थोक उपभोक्ताओं की बढ़ी मांग को ताजा तेजी की वजह बताया जा रहा है। ऐसे में इस तेजी का असर खुदरा कीमतों पर भी पड़ना तय है, जहां चीनी पहले ही 42 रुपये प्रति किलो पहुंच चुकी है। चीनी के चढ़ते दामों को काबू में करने की तमाम सरकारी कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं। सरकार ने 30 दिसंबर, 09 को चीनी के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध की अवधि सितंबर, 2010 तक बढ़ा दी थी। इसके अलावा जनवरी के लिए 16 लाख 39 हजार टन चीनी जारी की गई। इसके अगले ही दिन चीनी के दामों में 125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। सरकार ने कच्ची (रा) और साफ (रिफाइंड) दोनों ही तरह की चीनी का आयात शुल्क मुक्त कर रखा है। इन उपायों के बाद भी थोक बाजार में केवल कमी का गणित ही हावी है। आगामी शादी-विवाह के सीजन को देखते हुए चीनी की मांग तेजी से बढ़ रही है, जबकि मिलों से इसकी आपूर्ति काफी कम हो रही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें