चंडीगढ़--अम्बाला प्रशासन द्वारा अंबाला के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 20 जुलाई तक मुख्यालय न छोडने के आदेश दिए हैं ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्य सुचारू रखे जा सकें। इन आदेशों की अवहेलना करने वाले अधिकारी व कर्मचारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी और किसी विशेष परिस्थिति में उपायुक्त कार्यालय से अग्रिम अनुमति लेकर ही मुख्यालय छोड़ा जा सकता है। अंबाला जिला प्रशासन ने जनता से अनुरोध किया कि जिस क्षेत्र में बाढ़ के कारण मानव जीवन और पशुधन का नुकसान हुआ है, उसके लिए सम्बन्धित व्यक्ति उपायुक्त कैम्प कार्यालय में सहायता हेतु आवेदन कर सकते हैं।
इस संबंध में एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मानव जीवन व पशुधन के नुकसान के लिए राज्य सरकार की योजना के तहत सम्बन्धित व्यक्तियों को मुआवजा दिया जायेगा। इसके लिए जिला राजस्व अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वह राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के माध्यम से जिला के जिन क्षेत्रों में बाढ़ आई है, वहां फसलों और मकानों के नुकसान की भी सूचना एकत्रित करें ताकि सरकार की योजना के तहत इस तरह के नुकसान के मुआवजे हेतु आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
जिला प्रशासन ने सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से अनुरोध किया कि वे बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन व पानी उपलब्ध करवाने में प्रशासन का सहयोग करें। प्रशासन ने बाढ़ पीडि़त लोगों की सेवा में गत तीन दिनों से जुटे हुए शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी और गीता गोपाल संस्था के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया और आग्रह किया है कि स्थिति सामान्य होने तक बाढ़ पीडि़त लोगों के लिए खाने की सेवा जारी रखें। बाढ़ पीडि़त लोगों के लिए गुरूद्वारा मंजी साहिब, बादशाही बाग,लखनौर साहिब, पंजोखरा साहिब, भानोखेड़ी में लंगर तैयार किया जा रहा है और शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के प्रयासों से गुरूद्वारा नाडा साहब व गुरूद्वारा दुख निवारण साहिब पटियाला से भी लंगर भिजवाया जा रहा है।
इसके अलावा, अंबाला जिला प्रशासन द्वारा अम्बाला शहर व अम्बाला छावनी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को भोजन, पानी व अन्य आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। अम्बाला छावनी क्षेत्र में अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमति रेनू फुलिया और अम्बाला शहर में एसडीएम मुकेश आहूजा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
प्रशासन द्वारा धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा तैयार किए जा रहे खाने के सही वितरण के लिए नगराधीश अरविन्द शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया है। शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सदस्य गुरदीप सिंह भानोखेड़ी को गुरूद्वारों के माध्यम से बाढ़ पीडि़त लोगों के लिए खाना उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया गया है। प्रशासन ने अन्य सामाजिक संगठनों से भी इस कार्य में सहयोग का अनुरोध किया और कहा कि वह अपने नजदीकी बाढ़ पीडि़त इलाकों में लोगों को इस तरह के खाने की आपूर्ति में सहयोग दें।
जनस्वास्थ्य विभाग को कल दोपहर तक शहर के सभी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये है और कहा गया है कि जब तक सभी क्षेत्रों में नलकूपों और नहरी पेयजल सिस्टम से पानी आपूर्ति संभव न हो पाए, तब तक पानी के टैंकर से प्रत्येक व्यक्ति तक पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। अम्बाला शहर और छावनी में 125 हॉर्सपॉवर के 12 जनरेटर स्थापित किए गए हैं जिनके सहयोग से पेयजल नलकूप चलाकर सम्बन्धित क्षेत्रों में पानी वितरित करने के साथ साथ अम्बाला शहर और छावनी में 12-12 टैंकरों से पानी आपूर्ति की जा रही है और प्रत्येक टैंकर दिन में कम से कम आठ चक्कर लगायेगा। उन्होने उपायुक्त को यह जानकारी भी दी कि अम्बाला शहर में नहरी पेयजल आधारित पानी आपूर्ति आरंभ की जा चुकी है। इसी प्रकार जनस्वास्थ्य और नगर निगम के अधिकारियों को जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी तुरंत निकलवाने के निर्देश दिए गये है।
प्रशासन पानी से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के बचाव के लिए आवश्यक दवाईंयों के 5000 पैकेट तैयार करवा रहा है ताकि आवश्यकता अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में इनका वितरण किया जा सके। जिन क्षेत्रों में बाढ़ के कारण पशु इत्यादि मरने की सूचना है, उन्हे नगर निगम के अधिकारी तुरंत उठवाना सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि मरे पशुओं के कारण गंदगी और बदबू न फैलने पाए। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर नग्गल क्षेत्र में लोगों को खाना और पीने का पानी उपलब्ध करवाने के लिए भी निर्देश दिए गए।
प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वह पानी को ऊबालकर पीयें। इसके अतिरिक्त जिन घरों में अभी तक पानी है, वे बिजली के स्विच इत्यादि का सावधानी से प्रयोग करें ताकि किसी प्रकार के जानी नुकसान से बचा जा सके। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वह पके हुए भोजन का भंडारण न करें क्योंकि बासा भोजन बीमारी का कारण हो सकता है और प्रशासन द्वारा सभी बाढ पीडि़त लोगों को प्रतिदिन ताजा खाना उपलब्ध करवाया जायेगा। प्रशासन ने लोगों को प्राकृतिक संकट की इस घड़ी में धैर्य बनाए रखने, अफवाहों से सावधान रहने और समाज विरोधी विचाराधारा के लोगों की भडकाने वाली गतिविधियों से सचेत रहने का भी अनुरोध किया है।
इस संबंध में एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मानव जीवन व पशुधन के नुकसान के लिए राज्य सरकार की योजना के तहत सम्बन्धित व्यक्तियों को मुआवजा दिया जायेगा। इसके लिए जिला राजस्व अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वह राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के माध्यम से जिला के जिन क्षेत्रों में बाढ़ आई है, वहां फसलों और मकानों के नुकसान की भी सूचना एकत्रित करें ताकि सरकार की योजना के तहत इस तरह के नुकसान के मुआवजे हेतु आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
जिला प्रशासन ने सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से अनुरोध किया कि वे बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन व पानी उपलब्ध करवाने में प्रशासन का सहयोग करें। प्रशासन ने बाढ़ पीडि़त लोगों की सेवा में गत तीन दिनों से जुटे हुए शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी और गीता गोपाल संस्था के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया और आग्रह किया है कि स्थिति सामान्य होने तक बाढ़ पीडि़त लोगों के लिए खाने की सेवा जारी रखें। बाढ़ पीडि़त लोगों के लिए गुरूद्वारा मंजी साहिब, बादशाही बाग,लखनौर साहिब, पंजोखरा साहिब, भानोखेड़ी में लंगर तैयार किया जा रहा है और शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के प्रयासों से गुरूद्वारा नाडा साहब व गुरूद्वारा दुख निवारण साहिब पटियाला से भी लंगर भिजवाया जा रहा है।
इसके अलावा, अंबाला जिला प्रशासन द्वारा अम्बाला शहर व अम्बाला छावनी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को भोजन, पानी व अन्य आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। अम्बाला छावनी क्षेत्र में अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमति रेनू फुलिया और अम्बाला शहर में एसडीएम मुकेश आहूजा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
प्रशासन द्वारा धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा तैयार किए जा रहे खाने के सही वितरण के लिए नगराधीश अरविन्द शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया है। शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सदस्य गुरदीप सिंह भानोखेड़ी को गुरूद्वारों के माध्यम से बाढ़ पीडि़त लोगों के लिए खाना उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया गया है। प्रशासन ने अन्य सामाजिक संगठनों से भी इस कार्य में सहयोग का अनुरोध किया और कहा कि वह अपने नजदीकी बाढ़ पीडि़त इलाकों में लोगों को इस तरह के खाने की आपूर्ति में सहयोग दें।
जनस्वास्थ्य विभाग को कल दोपहर तक शहर के सभी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये है और कहा गया है कि जब तक सभी क्षेत्रों में नलकूपों और नहरी पेयजल सिस्टम से पानी आपूर्ति संभव न हो पाए, तब तक पानी के टैंकर से प्रत्येक व्यक्ति तक पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। अम्बाला शहर और छावनी में 125 हॉर्सपॉवर के 12 जनरेटर स्थापित किए गए हैं जिनके सहयोग से पेयजल नलकूप चलाकर सम्बन्धित क्षेत्रों में पानी वितरित करने के साथ साथ अम्बाला शहर और छावनी में 12-12 टैंकरों से पानी आपूर्ति की जा रही है और प्रत्येक टैंकर दिन में कम से कम आठ चक्कर लगायेगा। उन्होने उपायुक्त को यह जानकारी भी दी कि अम्बाला शहर में नहरी पेयजल आधारित पानी आपूर्ति आरंभ की जा चुकी है। इसी प्रकार जनस्वास्थ्य और नगर निगम के अधिकारियों को जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी तुरंत निकलवाने के निर्देश दिए गये है।
प्रशासन पानी से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के बचाव के लिए आवश्यक दवाईंयों के 5000 पैकेट तैयार करवा रहा है ताकि आवश्यकता अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में इनका वितरण किया जा सके। जिन क्षेत्रों में बाढ़ के कारण पशु इत्यादि मरने की सूचना है, उन्हे नगर निगम के अधिकारी तुरंत उठवाना सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि मरे पशुओं के कारण गंदगी और बदबू न फैलने पाए। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर नग्गल क्षेत्र में लोगों को खाना और पीने का पानी उपलब्ध करवाने के लिए भी निर्देश दिए गए।
प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वह पानी को ऊबालकर पीयें। इसके अतिरिक्त जिन घरों में अभी तक पानी है, वे बिजली के स्विच इत्यादि का सावधानी से प्रयोग करें ताकि किसी प्रकार के जानी नुकसान से बचा जा सके। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वह पके हुए भोजन का भंडारण न करें क्योंकि बासा भोजन बीमारी का कारण हो सकता है और प्रशासन द्वारा सभी बाढ पीडि़त लोगों को प्रतिदिन ताजा खाना उपलब्ध करवाया जायेगा। प्रशासन ने लोगों को प्राकृतिक संकट की इस घड़ी में धैर्य बनाए रखने, अफवाहों से सावधान रहने और समाज विरोधी विचाराधारा के लोगों की भडकाने वाली गतिविधियों से सचेत रहने का भी अनुरोध किया है।
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