डबवाली-चौटाला गांव में एक ही परिवार के 6 जनों की मौत की लोमहर्षक घटना के बाद वहां के सिविल अस्पताल में फैली अव्यवस्था को लेकर ग्रामीण भड़क गये। उन्होंने अस्पताल में से चिकित्सकों को बाहर निकाल कर अस्पताल के गेट को बंद कर दिया और वहां पर धरना लगा कर बैठ गये। चार घंटे बाद मौके पर पहुंचे डबवाली के तहसीलदार राजेंद्र कुमार और डिप्टी सीएमओं डा. गौर शंकर सोमानी ने लोगों की शिकायतें सुनने के बाद उचित कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दे कर लोगों को शांत किया और अस्पताल खुलवाया। पूर्व विधायक डा. सीता राम ने आरोप लगाया कि चौटाला गांव का सिविल अस्पताल रैफर अस्पताल बन गया है। यहां पर फैली अव्यवस्था के कारण अस्पताल कम और कबूतर खाना ज्यादा बन गया है। ग्रामीणों को छोटे से छोटे उपचार के लिए डबवाली या संगरिया के निजी चिकित्सकों के पास जाना पड़ता है। कुछ कर्मचारी अस्पताल में हाजरी लगा कर घरों को लौट जाते है। आपात सेवाओं का भी बूरा हाल है। उन्होंने बताया कि जब हादसे के शिकार इस परिवार को सिविल अस्पताल में लाया गया तो एक स्टाफ नर्स ही मौजूद थी बाद में बुलाये जाने पर चिकित्सक ओम प्रकाश ने आ कर इनका उपचार आरंभ किया इसके बाद एक अन्य चिकित्सक कुलविंद्र कौर वहां पर पहुंची। गांव के पीला राशन कार्ड धारक लाल चंद ने सिविल अस्पताल में तैनात चिकित्सक कुलविंद्र कौर पर उसका उपचार न करने का आरोप लगाया। डिप्टी सीएमओं डॉ. गौरी शंकर तथा तहसीलदार राजेंद्र सिंह ने जब सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया तो अस्पताल की लैब में रखे गये फ्रिज में सैंपल और अन्य साजो सामान की बजाय खाना रखा गया मिला है और यही हाल अन्य परिसरों में था। बेड टूटे हुए और दागदार बेडशीट और भवन के अंदर ही जमा र्इंटों और रेत के ढेर वहां की कारगुजारियों की पोल खोल रहे थे। का. प्रहलाद राय भारू खेड़ा और भाला राम भारू खेड़ा ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली जनता के लिए जानलेवा सिद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारी वर्ग भी पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहा है जिससे जनता त्रासद है। उप जिला चिकित्सा अधिकारी डा.गौरी शंकर ने पूरे मामले की जांच करवाये जाने का आश्वासन देते हुए ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों का चार्ट अस्पताल के नोटिस बोर्ड पर लगाने और अस्पताल परिसर में उपलब्ध दवाईयों का मात्रा का विवरण भी उपलब्ध करवाने के आदेश दिये। उन्होंने कहा कि कार्य में कौताही किसी भी कीमत पर सहन नहीं होगी। वहीं पूर्व विधायक ने तहसीलदार राजेंद्र कुमार से पीडि़त परिवार की आर्थिक सहायता दी जाने की गुजारिश की। बाद में तहसीलदार राजेंद्र कुमार पीडि़त परिवार के घर पर गये और उनके परिजनों को ढांढस बंधवाते हुए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
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गुरुवार, 8 जुलाई 2010
सिविल अस्पताल में फैली अव्यवस्था को लेकर ग्रामीण भडके
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