सिरसा(प्रैसवार्ता)दिल्ली के देह व्यापार माफिया ने हरियाणा के कई राजनेताओं तथा सरकारी तंत्र को अपनी चंगुल में फंसा कर ''काल गर्ल्स सप्लाई" का कारोबार शुरू कर दिया है, जो राजधानी चंडीगढ़ से होता हुआ विभिन्न-विभिन्न जिलों से होता सिरसा तक पहुंच गया है। इस गिरोह में फंसे राजनेताओं तथा सरकारी तंत्र ने अपने-अपने क्षेत्रों में ठिकाने बनवाने के साथ-साथ रंगीन मिजाजों से संपर्क तक करवा दिया है। सिरसा शहर में बने ठिकानों तक तो पुलिस का पहुंचना कठिन है, क्योंकि यहां के बदलते ठिकानों के साथ-साथ रंगीन मिजाजों के लिए बठिण्डा, हिसार, हांसी, भिवानी से ''काल गर्ल्स सप्लाई" होती हैं। ''प्रैसवार्ता" को मिली जानकारी अनुसार इस गिरोह से जुड़े लोगों द्वारा देह व्यापार के धंधे में संलिप्त महिलाओं के माध्यम से कामकाजी महिलाओं, कालेजों की छात्राएं, बढ़ती महंगाई से प्रभावित मध्यम वर्गीय परिवारों की महिलाएं व लड़कियां तथा ब्यूटी पार्लर का काम करने वाली महिलाओं व लड़कियों को धकेला जा रहा है और बाद में उन्हें डरा धमका व ब्लैकमेलिंग करके नई युवतियों को इस कारोबार में लाने के लिए विवश किया जाता है। इस गिरोह में संलिप्त ''काल गर्ल्स " को रंगीन मिजाज रईसाजादों तथा सरकारी तंत्र से मधुर संबंध बनाने की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। दिल्ली के इस गिरोह के संचालक प्रदेशभर के इन ठिकानों से प्रतिमास एक निर्धारित राशी लेते हैं ओर जरूरत पडऩे पर ''काल गर्ल्स" का आदान-प्रदान करते हैं। इस कारोबार में फंसने वाले अमीरजादों तथा सरकारी तंत्र को भी इस गिरोह द्वारा समय-समय पर ब्लैकमेल किया जाता है। प्रदेश में तेजी से फल-फूल रहे इस कारोबार में महत्वकांक्षी पुरूष तथा महिलाएं ज्यादा शरीक होने लगे हैं। अपनी इस घृणित कार्यप्रणाली को अखबारी सुर्खियों से बचाने के लिए इस गिरोह ने अपने कुछ विश्वास पात्रों को पत्रकारिता का लबादा भी पहना दिया है, हालांकि ऐसे लोग पत्रकारिता का क.ख.ग नहीं जानते। कुछ समय पूर्व सिरसा जिला का एक वरिष्ठ अधिकारी (अब स्थानांतरित) ''काल गर्ल्स" सप्लाई के मामले को लेकर चर्चित हुआ था। इस अधिकारी ने अपने विभागीय मंत्री की खुशामदी के लिए विभाग की ही एक महिला कर्मचारी को मंत्री को खुश करने के लिए पेश किया, तो मामला उल्ट हो गया, क्योंकि वह मंत्री जी के परिचित परिवार से थी। मामला चर्चित तो हुआ, मगर शीघ्र ही दब गया, क्योंकि संबंधित अधिकार सर्वगुण सम्पन्न होने के कारण मामले को दबाने में कामयाब हो गये थे। इस धंधे की जानकारी रखने वाले एक रंगीन मिजाज ने नाम न छापने की शर्त पर ''प्रैसवार्ता" को बताया कि सिरसा में अभी स्थाई ठिकाने तो नहीं बने हैं और जिन ठिकानों पर यह धंधा होता है, वहां सुविधाओं का अभाव होने के कारण सिर्फ हवस पूरी ही होती है, जबकि मनोरंजन के लिए काल गल्र्ज को सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ता है, जिसकी तलाश ग्राहक को करनी पड़ती है। इस गिरोह के सदस्य एवं दलाल ब्लयू फिल्मों का कारोबार करने के साथ-साथ ब्लयू फिल्मों के देखने के शौकीनों पर कड़ी नजर रखते हैं और जानकारी मिलने पर उनसे संबंध बनाकर अपने जाल में उलझा लेते हैं। पुलिस प्रशासन चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता, क्योंकि इस गिरोह से जुड़े लोगों की सतर्कता काफी होती है, वैसे भी कानूनी लचीलापन, राजनेताओं का दवाब भी इस धंधे को फलने-फूलने से रोकने में कामयाब नहीं होने देता, जिस कारण इस गिरोह के हौंसले बुलन्द हैं ओर कारोबार में तेजी आ रही है।
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मंगलवार, 13 जुलाई 2010
योजनाबद्ध ढंग से हो रहा है-''काल गर्ल्स सप्लाई ''का कारोबार
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