सिरसा-यदि समय रहते शासन व प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के इंतजाम क
र लेते तो आज सिरसा व गांवों के हालात बाढ़ के कारण इतने खराब ना होते और किसान उजडऩे से बच जाते। यह बात ऐलनाबाद के विधायक एवं खेलरत्न अभय सिंह चौटाला ने आज बाढ़ ग्रस्त गांवों का दौरान करने के बाद एक पत्रकार वार्ता में कही। श्री चौटाला ने बाढ़ ग्रस्त ग्रामीणों से मिलकर उनसे सहानुभूति जताई और उनके दुख में शामिल हुए। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अब जबकि घग्घर ने अपना कहर बरपा दिया है और हजारों एकड़ भूमि में खड़ी फसल नष्ट हो गई है अब शासन व प्रशासन घडिय़ाली आंसू बहा रहा है। उन्होंने कहा कि अंबाला व कुरुक्षेत्र में बाढ़ आने के 6 दिन बाद सिरसा में घग्घर नदी ने तबाही मचाई लेकिन प्रशासन चैन की नींद सोया रहा और गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए। उन्होंने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन को घग्घर नदी के ऊफान का पता होने के बाद भी सिरसा के उपायुक्त व उपमंडलाधीश छुट्टी पर चले गए जिससे पता चलता है कि प्रशासन बाढ़ के प्रति कितना गंभीर था। ऐलनाबाद विधायक ने मुख्यमंत्री पर सिरसा की जनता के साथ भद्दा मजाक करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो मुख्यमंत्री ने सिरसा को बाढ़ से बचाने के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए लेकिन अब बाढ़ आने के बाद व सिरसा की ग्रामीण जनता के उजडऩे का तमाशा देखने के लिए आए है। इनेलो नेता ने कहा कि हरियाणा बाढ़ से ग्रस्त है लेकिन मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए सोनिया गांधी के दरबार में चक्कर लगा रहे है जिन्हें हरियाणा की जनता के दुख दर्द से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि इनेलो बाढ़ को लेकर कोई राजनीति नहीं करती है अपितु दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इनेलो सुप्रीमो चौ. ओ३म प्रकाश चौटाला के आदेशानुसार इनेलो कार्यकर्ता टै्रक्टर ट्रालियों सहित व अन्य साधनों से बाढ़ पीडि़तों की सहायता कर रहे है। एक प्रश्र के उतर में उन्होंने कहा कि हांसी-भुटाना नहर को लेकर हमारी आंशका सही निकली और जनता का 350 सौ करोड़ रुपए लगाकर भी इस नहर ने केवल तबाही मचाने का काम किया है। अभय सिंह ने कहा कि घग्गर नदी के तटबंधों पर मिट्टी डालकर उसे पक्का करने के लिए करोड़ों रुपए फर्जी तौर पर कागजों में दिखाए लेकिन तटबंधों को पक्का नहीं किया गया इस फर्जी बाड़े की मुख्यमंत्री किसी एजैंसी से जांच करवाए कि वह पैसा कहां गया? उन्होंने कहा कि अगर तटबंध पक्के हो जाते तो आज बाढ़ की हालात ना होती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को सिरसा आकर नाटक करने की कोई जरूरत नहीं थी यदि वे बाढ़ के प्रति गंभीर होते तो चंडीगढ़ में बैठकर अधिकारियों को आदेश दे सकते थे। श्री चौटाला ने बाढ़ राहत कार्यो में जुटे किसानों द्वारा डीजल मांगने पर पुलिस द्वारा उन पर लाठी चार्ज की कड़ी निंदा की। श्री चौटाला ने कहा कि जिस मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार बाढ़ राहत कार्यो के लिए 22 सौ करोड़ मांगने पर केवल 2 सौ करोड़ रुपए देती है ऐसे मुख्यमंत्री को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बाढ़ आने के लिए पंजाब को दोषी ठहराकर मुख्यमंत्री व उनके मंत्रीमंडल के सहयोगी अपनी जुम्मेवारी से पल्ला झाड़ रहे है। ऐलनाबाद के विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान जहां सरकारी खजाने पर बोझ पड़ता है वहीं पर प्रशासन का ध्यान भी बाढ़ राहत कार्यो से बंट जाता है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सिरसा व फतेहाबाद में विकास कार्यो के प्रति उदासीन थे और इन क्षेत्रों में बाढ़ रोकने के प्रबंध में रूचि ना दिखाकर मुख्यमंत्री ने अपनी मनशा प्रकट कर दी। उन्होंने कहा कि सेना को राहत कार्यों के लिए पहले से ही बुला लिया जाता तो ऐसी विकट स्थिति पैदा ना होती। उन्होंने सरकार से पूरजोर मांग करते हुए कहा कि किसानों की फसलों की गिरदावरी तुरंत करवाई जाए और उन्हें 25 हजार प्रति एकड़ मुआवजा देकर उनके घावों पर मरहम लगाई जाए तथा किसानों के फसल के ऋण व दूसरे ऋणों को तुरंत प्रभाव से माफ किया जाए ताकि किसान अपना जीवन आसानी से जी सके। इस अवसर पर उनके साथ अमीर चावला, महावीर बागड़ी, विनोद दड़बी, धर्मवीर नैन, महावीर शर्मा उपस्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें