सिरसा (यंग फ्लेम) 26 जुलाई 1999 हमारे देश के रणबाकुंरों ने कारगिल से घुसपैठियों को भगाकर विजय प्राप्त की थी। इस विजय प्राप्ति के लिए देश के कई जवानों ने अपने प्राणों की आहूति दी थी जिसमें सिरसा जिले के भी कई सपूत शामिल थे। उन्हीं जांबाजों में एक था गांव तरकांवाली का शहीद कृष्ण कुमार जिसकी प्रतिमा सिरसा शहर में गोल डिग्गी चौक पर लगी हुई है, मगर अफसोस की शहीद की प्रतिमा की चार दीवारी की सुध लेने का समय किसी के पास नहीं है। शहीद की प्रतिमा के चारों ओर जो ग्रिल लगाई गई थी, वह टूट चुकी है। शहीद चौक पर कुछ लोग अपने प्रचार की खातिर पोस्टर, बैनर आदि लगा देते हैं पर, बाद में उन्हें हटाने या सफाई करने की कोई जहमत नहीं उठाता है।
कई संगठन व नेता कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे तथा उन्हें याद करेंगे पर शहर में एकमात्र कारगिल शहीद की प्रतिमा की सुध लेने कोई नहीं जाएगा। ऐसे में शहीदों को दी जाने वाली श्रद्धांजलि महज दिखावा के अलावा कुछ नहीं हो सकती। प्रशासन भी इस दिशा में अनजान बना हुआ है। इससे पहले भी ग्रिल टूटने की खबरें विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रहती हैं किंतु प्रशासन भी अपने स्तर पर कुछ नहीं कर रहा है। शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि तब ही सार्थक होगी जब उनकी विरासत अर्थात उनकी प्रतिमाओं की हिफाजत की जाए।
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बुधवार, 27 जुलाई 2011
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