
अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता मिलनी चाहिए.
दिल्ली में एक सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने चरमपंथ का मुद्दा भी उठाया और कहा कि भारत-अमरीका दोनों वैचारिक स्तर पर चरमपंथियों के ख़िलाफ़ वैचारिक लड़ाई लड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में लड़ाई जीतने के लिए भारत और अमरीका को मिलकर काम करना होगा.
बुश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के प्रवेश का समर्थन किया. उनका कहना था, “भारत ने विश्व पटल पर एक मज़ूबत लोकतंत्र के रूप में जगह बनाई है. भारत में सर्व धर्म लोकतंत्र है, यहाँ शांति और सहनशीलता का माहौल है.”
मनमोहन मेरे अच्छे मित्र
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जॉर्ज बुश भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ अपने मधुर संबंधों का ज़िक्र करना भी नहीं भूले. उनका कहना था, “मुझे आप लोगों के प्रधानमंत्री बेहद पसंद हैं. वे बुद्धिमान हैं और एक अच्छे इंसान हैं. उन्हें अपना दोस्त कहते हुए मुझे गर्व महसूस होता है.”
जॉर्ज बुश वर्ष 2006 में भारत आए थे जब दोनों देशों ने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और अन्य रणनीतिक मसलों पर भी बातचीत हुई थी.
भारत के प्रति अपना प्यार ज़ाहिर करते हुए बुश ने कहा, “राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद मेरी ज़िंदगी बदल गई है. लेकिन भारत के प्रति मेरा प्यार नहीं बदला है. विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रति अमरीका का अलग ही संबंध है.”
अमरीका के वर्तमान राष्ट्रपति ओबामा को लेकर उन्होंने अपनी राय कुछ यूँ ज़ाहिर की, “व्हाइट हाउस के लिए ओबामा मेरी पहली पसंद नहीं है लेकिन मेरी शुभकामनाएँ उनके साथ हैं. मैं उनकी आलोचना पर ज़्यादा समय ज़ाया नहीं करूंगा, उनके पहले से ही काफ़ी आलोचक हैं.”
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