आंध्र प्रदेश में तेलंगाना मुद्दे के कारण संकट की स्थिति उत्पन्न होने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जल्दबाजी में कुछ नहीं किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने यह आश्वासन आंध्र प्रदेश में रायलसीमा और तटवर्ती क्षेत्रों के कांग्रेस सांसदों के एक दल को दिया, जो पृथक राज्य के गठन की गृह मंत्री की घोषणा से उत्तेजित थे।
राज्य के वरिष्ठ नेता केएस राव ने लोकसभा एवं राज्यसभा के सदस्यों के एक दल के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि जल्दबाजी में कुछ भी नहीं किया जाएगा।’’
राव ने कहा कि गृहमंत्री पी चिदंबरम के बयान में कुछ भी नया नहीं है तथा इसके जरिये कांग्रेस एवं भारत सरकार के पुराने रुख को फिर दोहराया गया है।
आंध्र प्रदेश के कांग्रेस नेता राव ने कहा, ‘‘उन्होंने (चिदंबरम ने) महज यह कहा है कि राज्य विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने के लिए कहकर प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।’’ राव ने कहा कि प्रक्रिया पहले से ही प्रारंभ हो गई है, क्योंकि इस मांग पर विचार करने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रोसैया के नेतृत्व में पार्टी समिति का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि तटवर्ती आंध्र और रायलसीमा के लोगों को भड़काया गया, क्योंकि गृहमंत्री के बयान को लेकर कुछ गलतफहमी है। स्थिति को ‘‘बेहद-बेहद गंभीर’’ करार देते हुए राव ने कहा कि उन लोगों को अपने चुनाव क्षेत्रों में जाने में भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि लोगों की भावनाएं एकीकृत आंध्र प्रदेश के पक्ष में है।
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