चर्चित मंजूनाथ हत्याकांड में दोषी मोनू मित्तल को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने मोनू की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। इसके अलावा उसके दो साथियों- संजय अवस्थी और हरीश मिश्रा को बरी कर दिया गया है। इस मामले के बाकी पांच आरोपियों की उम्रकैद की सज़ा कोर्ट ने कायम रखी है।
गौरतलब है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मार्केटिंग मैनेजर रहे मंजूनाथ षणमुगम की 19 फरवरी, 2005 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मंजूनाथ ने लखीमपुर के एक पेट्रोल पंप में चल रहे मिलावटी तेल के गोरखधंधे का पर्दाफाश किया था।
उनकी हत्या के आरोप में पेट्रोल पंप मालिक पवन कुमार उर्फ मोनू मित्तल और उसके सात साथियों को गिरफ्तार किया गया।
लखीमपुर सेशन कोर्ट ने पवन को फांसी और उसके सात साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सेशन कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और लगभग ढाई साल के इंतजार के बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट का फैसला आया है।
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