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बुधवार, 13 जनवरी 2010

सुधरने के लिए 48 घंटे

पुणे, एजेंसी : 48 घंटे, सिर्फ 48 घंटे हैं हाकी खिलाडि़यों के पास अपनी मांगें छोड़कर वापस आने के लिए। हाकी इंडिया और खिलाडि़यों के बीच चल रहा विवाद अब लड़ाई में तब्दील हो गया है। दोनों ही पक्ष झुकने को तैयार नहीं है। मंगलवार को फिर दोनों पक्षों के बीच बातचीत विफल होने के बाद हाकी इंडिया ने बागी खिलाडि़यों को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है जबकि खिलाडि़यों ने भी आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस ली है। अभ्यास शिविर को भी 48 घंटों के लिए बंद कर दिया गया है। हाकी इंडिया ने कहा कि उनके पास खिलाडि़यों की मांग के हिसाब से देने के लिए इस समय पैसा नहीं है जबकि बागी हाकी स्टार प्रति खिलाड़ी साढे़ चार लाख रुपये के अलावा गे्रडेड भुगतान प्रणाली की मांग कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच बातचीत विफल हो जाने के बाद हाकी इंडिया के अध्यक्ष एके मट्टू ने कहा, लगता है कि उनके लिए देश के लिए खेलने से ज्यादा जरूरी पैसा है। किसी को शिविर से बाहर नहीं निकाला गया है। खिलाडि़यों को अभ्यास पर लौटने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है। यदि वे इसमें भी नहीं लौटते हैं तो शिविर बंद कर दिया जाएगा और विश्व कप के लिए दूसरी टीम चुनी जाएगी। मट्टू ने कहा, भारत विश्व कप में भाग लेगा चाहे ये खिलाड़ी खेलें या नहीं। हम देश भर से नए खिलाडि़यों को चुनेंगे, जो जोस ब्रासा और हरेंद्र सिंह के साथ अभ्यास करेंगे। तकनीकी लोग इस मामले को देखेंगे। उनसे कहा गया था कि 7 फरवरी को होने वाले चुनाव के बाद उनकी शिकायतों का निराकरण किया जाएगा, लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने कहा, मैने खिलाडि़यों से कहा कि मेरे पास इतनी धनराशि है। यदि मैं उन्हें ही दे देता हूं तो महिला और जूनियर टीम को क्या दूंगा। मैंने उनसे कहा कि नई इकाई उनकी मांगे सुनेगी और उन्हें पूरा करेगी। इस जवाब में खिलाडि़यों का कहना था कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, वे अभ्यास नहीं करेंगे। ऐसा कहीं नहीं होता।

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