नई दिल्ली, नेता जी को यह बात बहुत बुरी लगती थी कि कोई हाईवे पर उन्हें रोके और उनसे पैसा मांगे। लिहाजा उन्होंने सरकार से शिकायत की और सरकार ने उनकी सुन ली। अब नेताजी चौड़े होकर हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरेंगे। किसी की मजाल नहीं जो उनसे टोल टैक्स भरने को कहे, लेकिन इसका खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ेगा जो इन्हें चुनकर संसद व विधानसभाओं में भेजती है। जी हां, नेताओं को टोल टैक्स से छूट देने के लिए सरकार ने जनता से ज्यादा टोल वसूलने का फैसला किया है। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नई टोल टैक्स पालिसी में विधायकों, सांसदों और सरकारी अफसरों को पहले की तरह टोल टैक्स अदायगी से मुक्त कर दिया गया है। इसके बदले में हाईवे और एक्सप्रेस वेके आसपास बसे लोगों से ज्यादा टोल टैक्स वसूला जाएगा। इसकी खातिर उनकी रियायती पास सुविधा में कटौती कर दी गई है। अभी इन सड़कों पर यात्रा करने वाले स्थानीय लोगों को सामान्य से दो तिहाई शुल्क पर 50 यात्राओं की सुविधा है, लेकिन नई नीति में इनकी संख्या घटाकर 30 कर दी गई है। यानी पूरी बीस यात्राओं की कटौती। जाहिर है अब इन लोगों को ज्यादा बार पास बनवाने पड़ेंगे और ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। कोई आश्चर्य नहीं कि उनसे यह बलिदान माननीयों के लिए ही लिया जा रहा है। वर्ष 1997 की टोल नीति के तहत नेताओं और अफसरों को टोल टैक्स से पहले भी मुक्ति थी, लेकिन 2008 में इस छूट को वापस ले लिया गया था। इससे नेता बिरादरी खासी नाराज थी। लिहाजा उन्होंने संसद में हल्ला मचाया और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री कमलनाथ को उनकी बात माननी पड़ी, लेकिन सड़कें बनाने के लिए पैसा तो चाहिए ही, लिहाजा इसका बोझ आम लोगों पर डाल दिया गया है। नई टोल पालिसी जो 1 अप्रैल 2010 से लागू होनी है, में नेताओं पर दरियादिली दिखाने के अलावा और भी कई बदलाव किए गए हैं। जैसे कि तीन एक्सल वाले दस पहिया वाहनों के लिए अलग श्रेणी बना दी गई है। इन पर दो एक्सल वाले छह पहिया सामान्य वाहनों के मुकाबले 25 प्रतिशत ज्यादा टोल वसूला जाएगा। दो लेन की सड़कों पर टोल दरों में कमी करने या उन्हें पूरी तरह टोल मुक्त रखने का निर्णय भी किया गया है। किस सड़क पर टोल लगना है और किस पर नहीं, इसका फैसला सड़क पर आने वाले खर्च और यातायात के मुताबिक किया जाएगा। जिन सड़कों के निर्माण पर प्रति किलोमीटर एक करोड़ रुपये से कम राशि खर्च होगी वे टोल से पूरी तरह मुक्त रहेंगी। जिन सड़कों पर इससे ज्यादा खर्च होगा उन पर टोल लगेगा। प्रति किलोमीटर एक करोड़ से ढाई करोड़ रुपये के खर्च वाली दो लेन सड़कों पर चार लेन के मुकाबले 30 प्रतिशत की दर से टोल की वसूली होगी। जबकि ढाई से साढ़े तीन करोड़ रुपये के खर्च की स्थिति में 50 प्रतिशत की दर से टोल वसूला जाएगा। इससे ज्यादा खर्च की स्थिति में ही पहले की तरह 60 प्रतिशत टोल लगेगा। अभी दो लेन सड़कों पर चार लेन के मुकाबले 60 प्रतिशत की समान दर से टोल वसूला जाता है।
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