पुणे, एजेंसी : भारतीय हाकी में चल रही उठापटक खत्म होने का नाम नहीं ले रही। हाकी इंडिया से शनिवार रात हुए समझौते को दरकिनार करते हुए खिलाडि़यों ने यहां चल रहे अभ्यास शिविर का बहिष्कार करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि भुगतान को लेकर हाकी इंडिया और छह सीनियर खिलाडि़यों के बीच शनिवार को दिल्ली में लगभग तीन घंटे की बैठक के बाद समझौता हुआ था, जिसके तहत खिलाडि़यों ने अभ्यास पर लौटने की घोषणा की थी, लेकिन यहां पहुंचने के बाद हुई टीम
बैठक में शिविर का बहिष्कार बरकरार रखने का फैसला किया गया। कप्तान राजपाल सिंह ने बताया, हमने दिल्ली से लौटने के बाद सभी 22 खिलाडि़यों के साथ बैठक की। कोई भी खिलाड़ी समझौते से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि भुगतान को लेकर सिर्फ आश्वासन दिए गए हैं, कोई भरोसा नहीं। लिहाजा हम अभ्यास पर नहीं लौट रहे हैं। हाकी इंडिया के अध्यक्ष एके मट्टू के साथ संयुक्त प्रेस बयान में समझौते के ऐलान पर राजपाल ने कहा, हम समझौते से खुश नहीं थे, लेकिन पहले हमने सभी खिलाडि़यों को इसकी जानकारी देकर सामूहिक फैसला लेने का मन बनाया था। राजपाल ने स्वीकार किया कि इस घटनाक्रम से विश्व कप की टीम की तैयारियों पर असर पड़ा है, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मामला जल्द ही सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर इसका असर तैयारियों पर पड़ा है, लेकिन मुझे यकीन है कि यह समस्या जल्द ही सुलझ जाएगी। यह पूछने पर कि कप्तान होने के नाते यह फैसला उन्हें कितना सही लगता है, उन्होंने कहा, कप्तान भी आखिर खिलाड़ी ही होता है और मैं टीम के साथ रहना ज्यादा पसंद करूंगा। यह पूछने पर कि क्या हाकी इंडिया के किसी अधिकारी ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, राजपाल ने कहा, अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। हमें उनकी तरफ से कोई फोन नहीं आया। वहीं कल बैठक में मौजूद रहे सीनियर खिलाड़ी प्रभजोत सिंह ने कहा कि टूर्नामेंटों को जीतने पर प्रोत्साहन राशि और खिलाडि़यों की ग्रेडिंग व्यवस्था पर कोई आश्वासन नहीं मिल पाने के कारण यह फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा, हम खिलाडि़यों की ग्रेडिंग प्रणाली चाहते हैं और टूर्नामेंट जीतने पर प्रोत्साहन राशि भी। पिछले साल का हमें कोई भी पैसा नहीं मिला है। टीम के मुख्य कोच जोस ब्रासा ने कहा कि वे खिलाडि़यों के शिविर में लौटने का इंतजार कर रहे हैं। एक भी खिलाड़ी अभ्यास के लिए नहीं लौटा है। उनकी समस्याएं दिल्ली जाने के बावजूद हल नहीं हो पाई हैं।

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