चंडीगढ़,7 जुलाई: इनेलो ने हुड्डा सरकार की नालायकी के कारण बारिश व बाढ से कुरुक्षेत्र व अम्बाला सहित प्रदेश के कई जिलों में लोगों को हुए जानमाल के भारी नुकसान पर दुख जताते हुए सरकार से तुरन्त युद्धस्तर पर बचाव कार्य करने और लोगों को राहत पहुंचाए जाने के साथ-साथ प्रभावित लोगों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है। इनेलो प्रमुख व हरियाणा के पूर्व मुख्यमन्त्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने कहा बाढ व बारिश की सम्भावना को देखते हुए सरकार द्वारा पहले से बचाव व राहत सम्बन्धी तैयारियां न किए जाने और हाथ पर हाथ रखे रहने की वजह से लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार की नालायकी का खमियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने इनेलो कार्यकत्र्ताओं से बाढ व बारिश से प्रभावित लोगों की जी-जान से मदद करने और उन्हें हर सम्भव सहायता प्रदान किए जाने का भी आह्वान किया।
श्री चौटाला ने कहा कि उनके कार्यकाल में हर साल बारिश के मौसम से पहले बाढ नियन्त्रण बोर्ड की बैठक बुलाकर न सिर्फ ड्रेनों व बरसाती नालों की साफ-सफाई के पुख्ता इंतजाम किए जाते थे बल्कि बैठक में प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों सहित आला अधिकारियों और सिंचाई व ड्रेनेज विभाग के इंजीनियरों से भारी बारिश अथवा बाढ आने की स्थिति में किए जाने वाले इंतजामों पर चर्चा कर व्यापक कार्य योजना तैयार की जाती थी। इसी कार्ययोजना पर अमल करते हुए बैठक के एक पखवाड़े बाद जमीनी स्तर पर उन तैयारियों का जायजा लिया जाता था ताकि प्रदेश के लोगों को भारी बारिश अथवा बाढ के दौरान जानमाल का नुकसान न उठाना पड़े। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने पिछले पांच साल में बाढ नियन्त्रण बोर्ड की बैठक बुलाकर कोई पुख्ता इंतजाम करने की बजाय कागजी दावों पर ही जोर रखा। अब एक-दो दिन की बारिश ने सरकार के सारे फर्जी दावों की न सिर्फ पोल खोल दी बल्कि बारिश आते ही सरकार के हाथ-पांव फूल गए और लोगों को राहत व मदद पहुंचाने के मामले में भी प्रशासन व सरकार ने हाथ खड़े कर दिए।
इनेलो प्रमुख ने कहा कि कुरुक्षेत्र, अम्बाला सहित प्रदेश के कई जिलों में लाखों लोग बारिश व बाढ के पानी से घिरे हुए हैं और उनके घरों व व्यापारिक संस्थानों में चार से पांच फीट तक पानी भरा हुआ है। इन लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, इनके घरों व मकानों से पानी की निकासी किए जाने, इन लोगों के लिए खाने की सामग्री व पीने के पानी का भी अभी तक सरकार व प्रशासन ने व्यापक बंदोबस्त नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खाली अखबारी बयानबाजी करने व अपनी नालायकी पर पर्दा डालने के लिए हवाई जहाज में बैठकर लोगों के घरों व मकानों के ऊपर तो चक्कर लगा सकते हैं लेकिन इससे बाढ से घिरे हुए लोगों पर क्या गुजर रही है और उनकी हालत क्या है, इसका सही अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने बारिश व बाढ़ से प्रभावित लोगों को हुए नुकसान का तुरन्त सर्वे करवाए जाने और उन्हें पूरा मुआवजा व राहत प्रदान किए जाने की भी मांग की है।
श्री चौटाला ने कहा कि बाढ व बारिश के कारण प्रभावित जिलों में मवेशियों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इसलिए मवेशियों को बचाने के प्रयास भी तुरन्त किए जाने चाहिए और पानी से फैलने वाली बीमारियों को रोकने के लिए विशेष डॉक्टरी टीमें गठित करने व राहत कैम्प भी लगाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये बेहद चिन्ताजनक है कि अगर बारिश नहीं होती तो फसलें प्रभावित होने से प्रदेश का किसान वर्ग बर्बाद हो जाता है और अगर थोड़ी सी भी बारिश होती है तो भी सरकार की नालायकी से प्रदेश की जनता व किसान वर्ग को बर्बादी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि 1995 में जब प्रदेश में भयंकर बाढ आई थी तो मेवात के इलाके में बीमारियां फैलने पर इनेलो कार्यकत्र्ताओं ने डॉक्टरों व मेडिकल टीम को साथ लेकर जगह-जगह कैम्प लगाकर लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया था। इसलिए अब भी पार्टी कार्यकत्र्ताओं को लोगों की जानमाल की रक्षा करने के लिए जी-जान से प्रयास करने चाहिए।
इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा व पार्टी के प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला ने बाढ व बारिश से कुरुक्षेत्र, अम्बाला सहित प्रदेश के कुछ जिलों में हुए भारी नुकसान पर चिन्ता जताते हुए इसे सरकार की व्यापक विफलता बताया है। इनेलो नेताओं ने कहा कि अगर सरकार व प्रशासन बाढ व बारिश की सम्भावनाओं को देखते हुए पहले से व्यापक इंतजाम करती तो आज लोगों को इतना भारी नुकसान न उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से विफल रही है और समय रहते इंतजाम करने की बजाय संकट की घड़ी में लोगों को प्रकृति के रहमोकर्म पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने पार्टी कार्यकत्र्ताओं से प्रभावित लोगों को हर सम्भव मदद पहुंचाने का भी आग्रह किया।
श्री चौटाला ने कहा कि उनके कार्यकाल में हर साल बारिश के मौसम से पहले बाढ नियन्त्रण बोर्ड की बैठक बुलाकर न सिर्फ ड्रेनों व बरसाती नालों की साफ-सफाई के पुख्ता इंतजाम किए जाते थे बल्कि बैठक में प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों सहित आला अधिकारियों और सिंचाई व ड्रेनेज विभाग के इंजीनियरों से भारी बारिश अथवा बाढ आने की स्थिति में किए जाने वाले इंतजामों पर चर्चा कर व्यापक कार्य योजना तैयार की जाती थी। इसी कार्ययोजना पर अमल करते हुए बैठक के एक पखवाड़े बाद जमीनी स्तर पर उन तैयारियों का जायजा लिया जाता था ताकि प्रदेश के लोगों को भारी बारिश अथवा बाढ के दौरान जानमाल का नुकसान न उठाना पड़े। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने पिछले पांच साल में बाढ नियन्त्रण बोर्ड की बैठक बुलाकर कोई पुख्ता इंतजाम करने की बजाय कागजी दावों पर ही जोर रखा। अब एक-दो दिन की बारिश ने सरकार के सारे फर्जी दावों की न सिर्फ पोल खोल दी बल्कि बारिश आते ही सरकार के हाथ-पांव फूल गए और लोगों को राहत व मदद पहुंचाने के मामले में भी प्रशासन व सरकार ने हाथ खड़े कर दिए।
इनेलो प्रमुख ने कहा कि कुरुक्षेत्र, अम्बाला सहित प्रदेश के कई जिलों में लाखों लोग बारिश व बाढ के पानी से घिरे हुए हैं और उनके घरों व व्यापारिक संस्थानों में चार से पांच फीट तक पानी भरा हुआ है। इन लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, इनके घरों व मकानों से पानी की निकासी किए जाने, इन लोगों के लिए खाने की सामग्री व पीने के पानी का भी अभी तक सरकार व प्रशासन ने व्यापक बंदोबस्त नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खाली अखबारी बयानबाजी करने व अपनी नालायकी पर पर्दा डालने के लिए हवाई जहाज में बैठकर लोगों के घरों व मकानों के ऊपर तो चक्कर लगा सकते हैं लेकिन इससे बाढ से घिरे हुए लोगों पर क्या गुजर रही है और उनकी हालत क्या है, इसका सही अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने बारिश व बाढ़ से प्रभावित लोगों को हुए नुकसान का तुरन्त सर्वे करवाए जाने और उन्हें पूरा मुआवजा व राहत प्रदान किए जाने की भी मांग की है।
श्री चौटाला ने कहा कि बाढ व बारिश के कारण प्रभावित जिलों में मवेशियों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इसलिए मवेशियों को बचाने के प्रयास भी तुरन्त किए जाने चाहिए और पानी से फैलने वाली बीमारियों को रोकने के लिए विशेष डॉक्टरी टीमें गठित करने व राहत कैम्प भी लगाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये बेहद चिन्ताजनक है कि अगर बारिश नहीं होती तो फसलें प्रभावित होने से प्रदेश का किसान वर्ग बर्बाद हो जाता है और अगर थोड़ी सी भी बारिश होती है तो भी सरकार की नालायकी से प्रदेश की जनता व किसान वर्ग को बर्बादी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि 1995 में जब प्रदेश में भयंकर बाढ आई थी तो मेवात के इलाके में बीमारियां फैलने पर इनेलो कार्यकत्र्ताओं ने डॉक्टरों व मेडिकल टीम को साथ लेकर जगह-जगह कैम्प लगाकर लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया था। इसलिए अब भी पार्टी कार्यकत्र्ताओं को लोगों की जानमाल की रक्षा करने के लिए जी-जान से प्रयास करने चाहिए।
इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा व पार्टी के प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला ने बाढ व बारिश से कुरुक्षेत्र, अम्बाला सहित प्रदेश के कुछ जिलों में हुए भारी नुकसान पर चिन्ता जताते हुए इसे सरकार की व्यापक विफलता बताया है। इनेलो नेताओं ने कहा कि अगर सरकार व प्रशासन बाढ व बारिश की सम्भावनाओं को देखते हुए पहले से व्यापक इंतजाम करती तो आज लोगों को इतना भारी नुकसान न उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से विफल रही है और समय रहते इंतजाम करने की बजाय संकट की घड़ी में लोगों को प्रकृति के रहमोकर्म पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने पार्टी कार्यकत्र्ताओं से प्रभावित लोगों को हर सम्भव मदद पहुंचाने का भी आग्रह किया।
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