
महाभारत काल में युधिष्ठिर जुए में अपनी पत्नी द्रौपदी को हार गये थे। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मालदा में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को दांव पर लगा दिया था। और, इसी दीवाली के दिन अत्याधुनिक शहर जमशेदपुर से बिल्कुल सटे घाटशिला में एक बाप ने अपनी 16 साल की बिटिया को दांव पर लगा दिया और हार भी गया। हालांकि इलाकाई पुलिस इससे अनजान थी। जब इस संवाददाता को जानकारी मिली की शहर के ठीक बीच में स्थित एक इलाके में जुआ खेला जा रहा है तो इसका लाइव देखने वह कैमरा लेकर पहुंच गया। जुआ स्थल पर रोशनी मद्धिम थी। कुछ लोग फ्लस, कटपत्ती, रमी आदि से अपनी किस्मत आजमा रहे थे। जब कोई जीतता तो जोर की आवाज होती। हारता तो भी कुछ वैसी ही आवाज। माहौल को मादक बनाने का भी पूरा इंतजाम था। खेल के दौरान शराब भी परोसी जा रही थी। शायद इसीलिए कि हार के गम का अहसास न हो सके और खिलाड़ी अंतिम स्थिति तक दांव लगाते रहें। ज्यों-ज्यों रात चढ़ती गयी नशे के खुमार में लोग लीन होते गये। पंजाब से कुछ कमाकर लौटे एक व्यक्ति (बदला नाम राम प्रकाश) भी पूरे दमखम के साथ खेलने बैठा था। वैसे तो वह लगातार हार रहा था। लेकिन पैग के साथ हौसला भी बढ़ रहा था। पहले नकद राशि हारी। फिर पत्नी के गहने हार गया। इतना होने के बाद गम बर्दाश्त करने को उसने पटियाला पैग लगा लिया। नशा कुछ और चढ़ा तो पहले तो पत्नी को दांव पर लगाने को सोची। संयोगवश पत्नी भाई फोटा (भैयादूज) मनाने अपने मायके गयी थी। तब बेटी का ख्याल आया। वह तुरंत घर गया। तब तक किसी को भान भी नहीं हुआ था कि वह ऐसा करने जा रहा है जिससे पूरी सामाजिक व्यवस्था शर्मशार हो जाएगी। वह नींद में पड़ी 16 साल की बेटी को उठाकर जुआ स्थल तक ले आया। बेटी नींद में थी। वह कुछ समझ नहीं पायी। जुआ स्थल पर बेटी को खड़ाकर पत्ती बांटने को कहा। उस समय सभी बेहद नशे में थे। लड़की पर भी दांव खेला गया। जब पत्ती दिखायी गयी तो उसके होश ठिकाने लग गये। क्योंकि बेटी को भी वह हार चुका था। यह दांव 12 हजार रुपये का लगा था। इसके बाद तो सबके होश ही उड़ गये। जुआ खेल रहे लोगों का तो मानो नशा ही फट गया। दांव में लड़की को जीतने वाला सामाजिक लोकलाज या फिर पुलिसिया डर से बाप को माफ करने की बात कहते हुये जुआ स्थल से ही फरार हो गया। वहां मौजूद सभी लोग भी भागने लगे। मुंह छिपाकर। अंधेरे का लाभ मिला। यह संवाददाता भी तस्वीर नहीं ले सका। सबसे बड़ी बात यह कि शहर के बीच में जुआ खेला जा रहा था। घंटों जुआ चला। शराब का दौर भी चलता रहा। पर पुलिस को कोई जानकारी ही नहीं हुई। न तो जुआ के समय और न ही जुआ के बाद। क्योंकि जब घाटशिला थाना प्रभारी रतिभान सिंह से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
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