
सिख धर्म में कई विवादों को जन्म देने वाला नानकशाही कैलेंडर पर फिर बवाल होने लगा है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार नानकशाही कैलेंडर को रद करने की तैयारी में जुट गए हैं। दिवाली पर जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने अन्य कुछ सिंह साहिबान के साथ नानकशाही कैलेंडर को रद करने का निर्णय लगभग ले लिया था, लेकिन तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बलवंत सिंह नंदगढ़ के विरोध के कारण कैलेंडर रद होने से बाल-बाल बच गया। नानकशाही कैलेंडर को रद करने के लिए अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने पांच सिंह साहिबान की आपातकालीन बैठक दीपावली के दिन आमंत्रित की। बैठक का कोई भी एजेंडा सिंह साहिबान को नहीं भेजा गया। मगर 17 अक्टूबर सुबह नानकशाही कैलेंडर के मुद्दे पर आमराय बनाने के लिए श्री दरबार साहिब के सूचना केंद्र कार्यालय में ज्ञानी गुरबचन सिंह की अध्यक्षता में पांच सिंह साहिबान की बैठक हुई। बैठक में एसजीपीसी के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ भी शामिल हुए। मक्कड़ ने नानकशाही कैलेंडर का विरोध कर रहे विभिन्न संप्रदायों, संत पुरुषों, सिख धर्म के प्रचार के साथ जुड़े हुए डेरों व दो तख्त साहिबान का उल्लेख करते हुए कैलेंडर को रद करने की सिफारिश की। कैलेंडर रद करने का प्रस्ताव जैसे ही ज्ञानी गुरबचन सिंह ने रखा, तत्काल उसका विरोध बलवंत सिंह नंदगढ़ ने किया। ज्ञानी गुरबचन सिंह का साथ देने में पटना साहिब व हुजूर साहिब के जत्थेदार भी थे। मगर नंदगढ़ अपनी बात पर अड़े रहे। चूंकि ज्ञानी गुरबचन सिंह ने अकाल तख्त साहिब से कौम को संदेश देना था। इसलिए बैठक स्थगित कर दी गई। कौम के नाम संदेश देने के बाद सूचना केंद्र कार्यालय में फिर बैठक शुरू हुई, लेकिन कैलेंडर के मुद्दे पर नंदगढ़ ने अपना कड़ा रुख अपनाए रखा। रविवार सुबह फिर पांच सिंह साहिबान कैलेंडर पर विचार विमर्श करने के लिए बैठे, लेकिन नंदगढ़ के विरोध के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने प्रेस के नाम एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि समूह खालसा पंथ की एकता के लिए, कुछ पंथक संगठनों व संप्रदाय द्वारा नानकशाही कैलेंडर में संशोधित करने के सुझाव दिए हैं। यह सुझाव एसजीपीसी को भेज दिए गए हैं। एसजीपीसी इन सुझावों पर विद्वानों, पंथक संगठनों व कैलेंडर विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने के बाद एक रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को सौंप देगी। उसके बाद संशोधित नानकशाही कैलेंडर दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर जारी किया जाएगा। नानकशाही कैलेंडर 14 अपै्रल 2003 को एसजीपीसी के तत्कालीन अध्यक्ष जत्थेदार किरपाल सिंह बंडूगर व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने तख्त श्री दमदमा साहिब से लागू किया था। इससे पूर्व कैलेंडर को लेकर अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी पूरन सिंह व एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर के विरुद्ध राजनीतिक व धार्मिक घमासान छिड़ा था।
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