
किताब पढ़ने का अनुभव अब वे लोग भी कर सकेंगे, जो अब तक पढ़ना-लिखना सीख नहीं सके। हाथ में किताब थामे, पन्नों पर बने चित्र देखते हुए, हर पन्ने के लिए अलग से बनाई गई एक आडियो क्लिप को सुनना.. यह अनुभव किताब को पढ़ने से कमतर नहीं होगा। स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभिन्न संगठनों ने क्लीनिकल ट्रायल में भाग लेने वालों के लिए एक ऐसी ही किताब तैयार की है। 16 पन्नों की यह बोलती किताब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और कुछ दूसरे संगठनों की मदद से तैयार की है। आम किताब से थोड़ी अलग दिखने वाली इस किताब में दाईं ओर एक पैनल बना हुआ है। हर पन्ने पर बड़े-बड़े चित्र हैं और पैनल पर हर पन्ने के चित्र बने हुए हैं। जो पन्ना आप सुनना चाहते हैं, पैनल पर उस पन्ने के ऊपर दबाएं। इस किताब में हिंदी और अंग्रेजी दो भाषाओं का विकल्प उपलब्ध है। बोलती किताब के सिलसिले की शुरुआत की गई है क्लीनिकल ट्रायल में भाग लेने वाले मरीजों से। आईसीएमआर के महानिदेशक वीएम कटोच कहते हैं, हिंदुस्तान में पिछले कुछ वर्षो के दौरान नई दवाओं के परीक्षण का उद्योग काफी तेजी से बढ़ा है। लेकिन कई बार आरोप लगता रहता है कि ये कंपनियां परीक्षण में गरीब और अनपढ़ मरीजों को शामिल कर लेती हैं और उन्हें पूरी जानकारी नहीं दी जाती। यह किताब ऐसे मरीजों के लिए बेहद मददगार साबित होगी। किताब परीक्षण के विभिन्न पहलुओं पर बहुत सरल भाषा में बात करती है। किताब को माला नाम की एक पात्र पढ़ती है। और दस मिनट से भी कम समय में पूरी किताब सुन कर पढ़ी जा सकती है।
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