
बंदी छोड़ दिवस पर रविवार को अमृतसर में घुड़सवारी के करतब दिखाते हुए निहंग सिंह।
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मीरी-पीरी के संस्थापक छठे गुरु श्री हरगोबिंद राय की लाडली फौज ने सिख मर्यादाओं व परंपराओं के अनुसार बी ब्लाक के खुले मैदान में कला के जौहर दिखाए। निहंगों के विभिन्न संगठनों के मुखिया अपने अनुयायियों के साथ घी मंडी स्थित गुरुद्वारा फूला सिंह बुर्ज में रविवार सुबह से ही इक"ा होने शुरू हो गए थे। परंपरागत पोशाक के साथ परंपरागत शस्त्र उठाए निहंग सिंहों ने बी ब्लाक में होने वाली खेलों से पहले पूर्वाभ्यास किया। निहंग बलबीर ंिसह 300 मीटर की पगड़ी बांधकर गुरुद्वारा फूला सिंह बुर्ज में पहुंचा। निहंग सिंहों के साथ उनके छोटे बच्चे भी निहंग बाणे में सजे हुए थे। बी ब्लाक के खुले मैदान में निहंग सिंहों ने दो घोडि़यों पर सवार होकर नेजे से जमीन पर से एक टुकड़ा उठाने का करतब दिखाया। बोले सो निहाल, सतश्री अकाल के जयकारों के साथ निहंग बोलो के साथ शुरू हुई इस प्रतियोगिता में पक्का निहंग सिंह खिताब जीतने के लिए युवा निहंगों ने कड़ी मशक्कत की। निहंग सिंह प्यारा सिंह ने बताया कि निहंग सिंह बनना आसान नहीं है। अमृतपान करवाने के बाद किसी भी निहंग सिंह को गुरुद्वारा दमदमा साहिब के नजदीक गुरुद्वारा बेर साहिब में एक महीने का कड़ा अभ्यास करवाया जाता है। जहां उसे प्राचीन शस्त्रों को चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
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