
बेंगलूर में तीन देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से ठीक पहले चीन ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मुद्दा एक ऐसा सवाल है, जिसे इतिहास ने पैदा किया है। चीन ने इसके साथ ही कहा कि मौजूदा वक्त की जरूरत यह है कि भारत और पाकिस्तान दोनों बातचीत के जरिए इस मुद्दे का उचित समाधान निकालें। चीन ने तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा की प्रस्तावित अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर भी फिर चिंता जताई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मा झाओक्सू ने मंगलवार को यहां कहा, कश्मीर का मुद्दा इतिहास की देन है। भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिए इसका उचित हल तलाशना चाहिए। चीन द्वारा भारतीय पासपोर्ट धारकों को कश्मीर के लिए अलग वीजा जारी करने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर झाओक्सू ने यह बात कही। उन्होंने मंगलवार को फिर कहा कि चीन तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा की अगले माह प्रस्तावित अरुणाचल यात्रा को लेकर बहुत चिंतित है। झाओक्सू ने कहा कि कथित अरुणाचल प्रदेश पर चीन की स्थिति पहले जैसी और स्पष्ट है। उल्लेखनीय है कि चीन अरुणाचल प्रदेश के बड़े हिस्से पर अपना हक जताता रहा है। इस बीच, चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने 27 अक्टूबर को बेंगलूर में होने वाली तीन देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन के विदेश मंत्री यांग जेइची के भाग लेने की पुष्टि की है। इस बैठक में भारत, रूस और चीन के विदेश मंत्री भाग लेंगे। इस यात्रा के दौरान यांग भारतीय समकक्ष एस.एम. कृष्णा के साथ अलग से बातचीत करेंगे। यह त्रिपक्षीय वार्ता ऐसे वक्त पर हो रही है जब हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे को लेकर चीन और भारत के संबंधों में कुछ खटास आ गई है।
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