IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

Young Flame Headline Animator

बुधवार, 21 अक्टूबर 2009

कागजों में जमींदार, करते हैं मजदूरी!


करनाल जिले के इंद्री हलके के यमुना नदी से सटे गांव चौगामा का हरिराम सरकारी कागजों में दस एकड़ जमीन का मालिक है..गढ़ी बीरबल के चौकसराम और गिरवर सिंह के नाम छह-छह एकड़ जमीन है तो हांसूमाजरा का देवीचंद चार एकड़ और चंद्राव गांव का शेरसिंह आठ एकड़ जमीन का मालिक है। प्रदेश के राजस्व विभाग की नजर में यह किसान बड़े जमींदार हैं, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत दिखती है। यमुना नदी की मार ने इन्हें कहीं का नहीं छोड़ा है। ये किसान मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं। राजस्व विभाग इन किसानों को किसी भी सूरत में गरीब मानने को तैयार नहीं है। वजह यह है कि यमुना नदी में बाढ़ के बाद आज तक जमीनों की गिरदावरी का काम गंभीरता से नहीं कराया जा सका है। यमुनानगर से लेकर दिल्ली तक यमुना नदी के किनारे बसे हजारों किसानों की व्यथा है कि राजस्व विभाग उन्हें करोड़पति व जमींदार से कम आंक कर नहीं देखता। इन किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन न केवल बाढ़ के पानी में बह चुकी है, बल्कि पूरी तरह से बर्बाद भी हो गई है। 1978 से लगातार ये किसान यमुना में बाढ़ का प्रकोप झेलते आ रहे हैं। 1988, 1998 और 2008 में आई बाढ़ के बाद सितंबर 2009 में भी सैकड़ों किसान यमुना नदी के कटाव का शिकार हो चुके हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से ठीक दो दिन पहले वित्त एवं राजस्व आयुक्त ने किसानों की जमीनों की गिरदावरी कराने का एलान किया था, लेकिन प्रशासनिक अमले के चुनाव में व्यस्त हो जाने के कारण अभी तक इस काम को अंजाम नहीं दिया जा सका है। किसानों को इस बात का दर्द है कि हर बार बाढ़ में उनकी जमीन चली जाती है, लेकिन सरकारी कागजों में वे जमीन के मालिक बने रहते हैं। असलियत में इन किसानों के पास खुद की कोई जमीन नहीं है। वह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। राजस्व विभाग के कागजों में दस एकड़ जमीन के मालिक श्रीराम, दो एकड़ जमीन के मालिक पालाराम और आठ एकड़ जमीन के मालिक कागजों में जमींदार, करते हैं.. शेरसिंह का कहना है कि राजनेता और अधिकारियों को उनकी जरा भी चिंता नहीं है। उन्हें चेताने के लिए चंद्राव, हांसू माजरा और चौगामा के किसानों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार भी किया। इंद्री में इस बार चौगामा के 1550 वोट में से मात्र 127 और हांसू माजरा के 650 में से सिर्फ 281 वोट ही डाले गए हैं। काफी संख्या में किसानों ने जानबूझकर खुद को मतदान प्रक्रिया से अलग रखा। उन्होंने अपने गांवों में नेताओं और अधिकारियों के घुसने पर रोक संबंधी बैनर भी लगाए। यमुना के साथ सटे विभिन्न गांवों की 50 सदस्यीय कमेटी किसानों के हक की प्रभावी लड़ाई लड़ रही है। कमेटी के सदस्य सतपाल चौगामा, पवन चौगामा, रामप्रसाद ढांडा, साहब सिंह, भीम सिंह और ईश्वर सिंह की मानें तो यमुना के कटाव से प्रभावित किसान जब मुआवजा, मकान और बीपीएल राशन कार्ड के लिए अधिकारियों के पास जाते हैं तो उन्हें भगा दिया जाता है। किसानों को राजस्व विभाग द्वारा उनकी जमीन के रेत पर रायल्टी भी नहीं दी जाती है। राजस्व विभाग इस जमीन की रायल्टी खनन ठेकेदारों से खुद हासिल करता है। गढ़ी बीरबल के पूर्व सरपंच शिवनाथ और रामस्वरूप करीब 20-20 एकड़ जमीन के मालिक हैं, मगर वास्तव में उनके पास यह जमीन नहीं है। यह सारी जमीन यमुना में समा चुकी है। किसान प्रेम प्रकाश, दरिया सिंह, पुरुषोत्तम सिंह, कूड़ा राम, मेहर सिंह, पाला राम, देवी चंद और रामस्वरूप के अनुसार नई सरकार से किसानों को अपना हक हासिल होने की बेहद उम्मीदें हैं। उन्होंने जमीनों की नए सिरे से गिरदावरी कराकर मालिकाना हक प्रदान करने और रेत की रायल्टी के साथ ही तमाम सरकारी सुविधाएं दिलाने की मांग की है। राजस्व विभाग के वित्तायुक्त का कहना है कि चुनाव नतीजों के बाद किसानों की समस्या का स्थायी समाधान करने की पहल की जाएगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

SHARE ME

IMPORTANT -------- ATTENTION ---- PLEASE

-----------------------------------"यंग फ्लेम" परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। "यंग फ्लेम" परिवार आपका अपना परिवार है इसमें आप अपनी गजलें, कविताएं, लेख, समाचार नि:शुल्क प्रकाशित करवा सकते है तथा विज्ञापन का प्रचार कम से कम शुल्क में संपूर्ण विश्व में करवा सकते है। हर प्रकार के लेख, गजलें, कविताएं, समाचार, विज्ञापन प्रकाशित करवाने हेतु आप 093154-82080 पर संपर्क करे सकते है।-----------------------------------------------------------------------------------------IF YOU WANT TO SHOW ANY KIND OF VIDEO/ADVT PROMOTION ON THIS WEBSITE THEN CONTACT US SOON.09315482080------

SITE---TRACKER


web site statistics

ब्लॉग आर्काइव

  © template Web by thepressreporter.com 2009

Back to TOP