नई दिल्ली, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को आस्ट्रेलिया समेत दूसरे देशों
में भारतवंशियों पर बढ़ते हमलों पर गहरी चिंता जताते हुए शब्दों का मरहम लगाया। वहीं दुनिया में अनिवासी भारतीयों को नए साल के तोहफे में मतदान का अधिकार देने की घोषणा की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था का लाभ लेने और देने की सलाह दी। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने यह कहने में भी गुरेज नहीं किया कि इस आर्थिक माहौल का फायदा तभी मिलेगा जब पैसे को तिजोरी में रखने की रूढि़वादी सोच छोड़ भारतवंशी इसे निवेश की ओर मोड़ेंगे। आठवें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में दुनिया भर से आए प्रवासी भारतीयों के बीच आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हो रहे नस्लीय हमले का मुद्दा गरम है। इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने संबोधन में साफ कहा कि दूसरे देशों में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। हालांकि राजनयिक पहलुओं को देखते हुए उन्होंने आस्ट्रेलिया का नाम लेने से परहेज किया। अनिवासी भारतीय पिछले कुछ सालों से राजनीतिक प्रक्रिया में सीधी भागीदारी के लिए मतदान का अधिकार देने की पेशंबदी में जुटे हैं। पिछले सम्मेलन में सरकार ने इसका आश्वासन दिया था। शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने यह मांग सैद्धांतिक रूप से मान लेने की घोषणा की। मनमोहन सिंह ने कहा कि अनिवासी भारतीयों को वोट का अधिकार दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें अगले आम चुनाव 2014 तक इंतजार करना होगा। यह अधिकार विदेशों में रहने वाले भारतीय पासपोर्ट धारकों को ही हासिल होगा। इस ऐलान के साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रवासियों से देश लौटकर राजनीतिक पारी शुरू करने का भी न्योता दिया। मनमोहन सिंह ने वैश्रि्वक मंदी के दौर में भी भारत की अर्थव्यवस्था के सात फीसदी से अधिक दर से बढ़ने का भी जिक्र किया। साथ ही यह भी कहा कि आने वाले वर्षो में भारत की विकास दर 10 फीसदी होगी, इसलिए वह दुनियाभर के प्रवासियों की सीधी भागीदारी चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने धन का निवेश करने की बजाये सुरक्षित बैंकों में रखने की भारतवंशियों की रूढि़वादी सोच पर चुटकी भी ली। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के शीर्ष निवेश स्थलों में एक है इसलिए उनकी अपील है कि भारतवंशी इसका लाभ लें और दें। विदेश में नौकरी कर रहे भारतीयों पर मंदी के प्रतिकूल असर पर प्रधानमंत्री का कहना था कि सरकार इससे वाकिफ है और इस कारण वतन लौटने वाले कामगारों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए परियोजना शुरू की जाएगी।

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