
आगरा,: उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही अनीता यादव जब मलेशिया के इपोह में इस महीने जीते गए दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक लेकर अपने अधिकारियों से मिलने पहुंचीं तब उन्हें मात्र 400 रुपये का पुरस्कार थमा दिया गया। इफोह से लौटकर अनीता ने एक पत्र के माध्यम से आला अधिकारियों को सूचित किया था कि उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीतकर देश और राज्य का नाम रोशन किया है। पत्र के जवाब में अधिकारियों ने लखनऊ आकर मिलने को कहा। वह जब पहुंचीं, तब उन्हें 400 रुपये का पुरस्कार दिया गया। अनीता ने इस व्यवहार पर कहा, इस देश में सिर्फ क्रिकेट खिलाडि़यों का ही मान-सम्मान है, एथलीटों को पूछने वाला कोई नहीं। फिर भी मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं। अनीता ने बताया कि मलेशिया से वापस आने के बाद उन्होंने अपने विभाग से तीन दिन का अवकाश मांगा था, क्योंकि वह आराम करना चाहती थीं, लेकिन उनसे कहा गया कि वह पहले ही अवकाश पर रही हैं, लिहाज अब उन्हें काम पर लौटना होगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक 80 से अधिक पदक जीत चुकीं अनीता सिर्फ अपने पति शांति स्वरूप से मिल रहे सहयोग और समर्थन के कारण एथलेटिक्स जारी रखे हुए हैं, क्योंकि उनकी गैरमौजूदगी में वही 11 वर्ष की पुत्री और छह वर्ष के पुत्र को संभालते हैं। अनीता को अफसोस है कि इतने पदक जीतने के बाद भी खेलों में मेरा कोई करियर नहीं है। मुझे कभी किसी से कोई सुविधा नहीं मिली।
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