
वाशिंगटन; अमेरिका में गिरफ्तार 26/11 का गुनहगार डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद सैयद गिलानी भटका हुआ इंसान है। पाक राजनयिक पिता व अमेरिकी मां की संतान हेडली दो संस्कृतियों (इस्लाम और ईसाईयत) के बीच द्वंद्व में फंसा रहा और अंतत: अतिवादी इस्लामिक धारा की ओर मुड़ गया। उसका मानना था कि एक बार फिर दुनिया में इस्लाम का राज होगा। एक साथी को भेजे ई मेल में उसकी मनोदशा जाहिर भी होती है जिसमें उसने आतंकवाद को बर्बर और अनैतिक माना है। न्यूयार्क टाइम्स ने एफबीआई के सुबूतों और अमेरिका, कनाडा व पाकिस्तान से जुटाई जानकारी के आधार पर रविवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें 49 वर्षीय हेडली को मानसिक रूप से भ्रमित व्यक्ति बताया गया है। पाक राजनयिक सैयद सलीम गिलानी व अमेरिकी मां सेरिल हेडली की संतान हेडली का जन्म साठ के दशक में हुआ और उसके बाद सलीम परिवार समेत लाहौर चले गए। खुले विचारों वाली सेरिल ने पाकिस्तान में खुद को बंधा हुआ पाया और वह सलीम से अलग हो गईं। डेविड और उसकी बहन सैदा पिता के पास ही रहे। 17 वर्ष की आयु में वह अपनी मां के पास रहने फिलाडेल्फिया गया जो कि खैबर पास नाम से एक बार चला रही थीं। मां-बाप के अलगाव और इस्लामिक कायदे कानूनों से कुंठित डेविड तस्करों के संपर्क में आया। 1998 में हेरोइन तस्करी के मामले में उसे पाकिस्तान में सजा भी हुई। हेडली के ईमेल संदेशों से पता चलता है कि वह पाक के मिलिट्री हाईस्कूल के सहपाठियों के संपर्क में रहा। हेडली ने पिछली फरवरी में अपने सहपाठी को भेजे ईमेल में कहा था कि हम में से कुछ लोग कह रहे हैं कि आतंकवाद कायरों का हथियार है। मैं कहूंगा कि तुम इसे बर्बर, अनैतिक या क्रूर कह सकते हो लेकिन कभी इसे कायर मत कहो। उसके सर कलम करने और आत्मघाती हमलों को महान कार्य बताते हुए कहा है कि साहस विशेष रूप से मुस्लिम राष्ट्र की बपौती है। हेडली ने निहत्थे अफगानी ग्रामीणों पर नाटो द्वारा 22 हजार बम गिराए जाने को आपराधिक कार्रवाई करार दिया। एक संदेश में उसने कहा कि वह पाकिस्तान के दुश्मन भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि आज हेडली एक इस्लामी कट्टरपंथी है जो कभी बहुत ऊंचे उड़ने के सपने देखता था। उसकी एक सीधी सादी पाकिस्तानी पत्नी है जो अपने बच्चों संग शिकागो में रहती है, लेकिन दोस्तों और रिश्तेदारों के अनुसार उसकी एक अमेरिकी प्रेमिका भी है जो न्यूयार्क में मेकअप आर्टिस्ट है। 2006 में उसने अपना नाम डेविड कोलमैन हेडली रख लिया। नाम बदलने के पीछे उसका मकसद पश्चिमी चेहरे मोहरे का फायदा उठाना था, ताकि वह आसानी से भारत और डेनमार्क जैसे देशों की यात्रा कर सके और वहां की सुरक्षा एजेंसियों को शक भी न हो।
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