
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की जाँच के लिए गठित लिब्रहान कमेटी की रिपोर्ट के कुछ अंश भारत के एक अंग्रेज़ी अख़बार ने प्रकाशित किए हैं जिनमें इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी नेता अटल बिहारी वाजपेयी को भी दोषी क़रार दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित अंश के अनुसार वाजपेयी के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, विनय कटियार, मुरलीमनोहर जोशी, उमा भारती और अशोक सिंघल को भी इस पूरे मामले की पहले से जानकारी थी.
लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव को इस सारे विवाद से परे बताते हुए उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है.
सोमवार को लोकसभा में यह मामला ज़ोरशोर से उठा और भाजपा ने रिपोर्ट के इस तरह लीक होने पर कड़ी आपत्ति जताई.
विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी का कहना था, "लिब्रहान आयोग ने अपनी रिपोर्ट जून में ही सरकार को सौंप दी थी फिर इसे संसद में पेश करने में इतनी देरी क्यों हुई है? मैं सरकार से संसद में इस रिपोर्ट को ज्यों का त्यों आज ही रखने की मांग करता हूँ".
उन्होंने कहा, "मैं लिब्रहान आयोग को लिखित में पहले ही यह कह चुका हूँ कि विवादित ढाँचा का टूटना मेरे लिए दुखद था. लेकिन अयोध्या आंदोलन से जुड़ना मेरे लिए गर्व की बात थी".
छह दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद जगह-जगह दंगे हुए और फिर इस मामले की जाँच के लिए न्यायमूर्ति लिब्रहान की अध्यक्षता में इस आयोग का गठन किया गया.
पिछले 17 साल में इसका कार्यकाल 48 बार बढ़ा और अंततः 30 जून, 2009 को इसने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी.
माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट 22 दिसंबर को, संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन के पटल पर पेश की जाएगी.
सोमवार को इस मामले पर हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई.
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