
नई दिल्ली प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में रविवार को दर्शकों का सैलाब उमड़ पड़ा। हर तरफ खचाखच लोग। पांव रखने की भी जगह नहीं। न कोई हॉल और न ही अलग-अलग राज्यों के पवेलियन ही छूटे। इनमें घुसना मानों किसी बड़ी कामयाबी को हासिल कर लेने जैसा था। किसी फूड स्टाल पर बैठने की जगह नहीं थी। एक अनुमान के मुताबिक रविवार को मेला देखने तकरीबन पौने दो लाख दर्शक पहुंचे। इनमें से करीब एक लाख लोग टिकट खरीदकर आए थे। भीड़ का आलम रहा कि सुबह मेला शुरू होने के कुछ घंटे बाद से ही विभिन्न राज्यों के पवेलियनों में लंबी-लंबी लाइनों में लग कर ही प्रवेश मिल रहा था। ऐसा था नजारा : रविवार को मेले में भीड़ सुबह 10 बजे से ही बढ़ने लग गई। लोगों के लिए पहला व आखिरी संडे होने के कारण शायद हर कोई आज ही मेला देख लेना चाहता था। दोपहर होते-होते दर्शकों का आंकड़ा डेढ़ लाख तक पहुंचने लगा। विभिन्न हॉल व राज्य मंडपों में लाइन लगाकर ही प्रवेश मिल पा रहा था। कहां उमड़ी ज्यादा भीड़ : सबसे ज्यादा दर्शक रक्षा मंडप, घरेलू उपकरणों (हाल नंबर 1), इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (हाल नंबर 11), सरस (हाल नंबर 7डी), सौंदर्य प्रसाधन (हाल नंबर 4 एवं 5), खाद्य पदार्थ (हाल नंबर 2) में अधिक नजर आए। इन सभी हॉलों में प्रवेश के लिए दर्शकों को लाइनों में लगना पड़ा। राज्य मंडपों में भी भीड़ कम नहीं थी। राष्ट्रमंडल खेल के प्रचार-प्रसार के लिए दिल्ली पवेलियन के बाहरी हिस्से को खेल व शेरा के रंग में रंगा गया है। दिनभर सबसे ज्यादा भीड़ इस पवेलियन में ही रही। विदेशी पवेलियन देखने की चाह भी हर किसी के मन में नजर आई। इस कड़ी में जब लोग हाल संख्या-12ए में पहुंचे तो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए दोपहर 3 बजे के करीब कुछ देर एंट्री रोकनी पड़ी। दर्शक सुरक्षा कर्मियों से हाथापाई पर उतर आए। पार्किंग भी पड़ गई कम : प्रगति मैदान के आसपास बने पार्किंग स्थल भी छोटे पड़ गए। भगवान दास रोड, पुराना किला रोड, भैरों रोड और इंडिया गेट पार्किंग में बड़ी संख्या में गाडि़यां खड़ी थीं। निजी वाहनों से आए लोगों को पूरे दिन ट्रैफिक पुलिस यही समझती रही कि वह इन जगहों के अलावा पार्किग के लिए कहीं और जगह तलाशें। दुकानदारों के चेहरे पर लौटी रौनक : रविवार को उमड़े जनसैलाब को देख स्टाल विक्रेता भी काफी खुश नजर आ रहे थे। बहुत से लोगों ने खरीदारी की। एक स्टॉल विक्रेता ने कहा, इस भीड़ की इंतजार तो हम कई दिनों से कर रहे थे। मेले में जितने ज्यादा दर्शक आते हैं, उतना ही व्यापार बढ़ता है और प्रचार होता है। हजारों दर्शक मायूस लौटे : सुरक्षा कारणों व भीड़ अनियंत्रित न हो जाए इस कारण मेले में शाम 4 बजे के बाद लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई। इसकी जानकारी न होने से हजारों लोग प्रगति मैदान के सभी एंट्री गेट पर अंदर घुसने के लिए हंगामा करने लगे। उन्हें शांत कराने में तैनात सुरक्षा जवानों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। घंटे भर के प्रयास के बाद आखिरकर लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ा।
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