प्लॉट के सौदे में 15 लाख ठगे, मामला दर्ज
सिरसा। कालांवाली पुलिस ने गुरविंद्र सिंह पुत्र जगसीर सिंह निवासी झोरडऩाली की शिकायत पर आधा दर्जन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। गुरविंद्र सिंह ने बताया कि आरोपियों ने उससे एक प्लॉट का 45 लाख रुपये में सौदा किया था। जिसके लिए उससे साई के रूप में 15 लाख रुपये लिए। आरोपियों ने षड्यंत्र रचकर उसके साथ धोखाधड़ी की। शिकायत के आधार पर पुलिस ने लखविंद्र पुत्र सुरजीत सिंह, उसकी पत्नी परमजीत कौर, स्नेहलता पत्नी विजय कुमार, अंजना देवी पत्नी राधेश्याम, अमरीक सिंह पुत्र लक्खा सिंह निवासी कालांवाली व बलजीत कौर पत्नी मेजर सिंह निवासी घुमियारा (पंजाब) के खिलाफ भादंसं की धारा 406, 420 के तहत मामला दर्ज किया है।
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= कोरोना : रिकवरी रेट में आई गिरावट, 89 प्रतिशत पर पहुंची
सिरसा। जिला में कोरोना को लेकर अधिक सावधानी बरते जाने की जरूरत है। लेकिन लोग लापरवाही बरतने लगे है। परिणाम स्वरूप कोरोना का संक्रमण भी बढऩे लगा है। शुक्रवार को 92 लोग पॉजिटिव आए है, जबकि 45 को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया है। सिरसा शहर में ही 66 लोग पॉजिटिव आए है। जिला के रिकवरी रेट में भी गिरावट दर्ज की गई है। चार दिन पूर्व रिकवरी रेट 91 प्रतिशत को पार कर गया था लेकिन अब यह 89.39 प्रतिशत पर आ गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार अब जिला में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 5272 पहुंच गई है, जिसमें से 4713 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके है। जबकि 80 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार सैंपल लेने का अभियान चलाया जा रहा है और सैंपल एक लाख 4 हजार 614 हो चुके है। कोरोना को मात देने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे और सुरक्षा संबंधी उपायों का प्रयोग करना होगा।
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= कौन बचा रहा है ईटीओ अनिल मलिक और टीआई हनुमान सैनी को?
- कराधान आयुक्त हरियाणा के आदेशों की नहीं की जा रही पालना, ताक पर धरे आदेश
सिरसा। फर्जी फर्मों को पोषित करने के आरोपी आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को अब भी बचाने की कोशिशें जारी है। कराधान आयुक्त हरियाणा द्वारा 22 नवंबर 2019 को पत्र क्रमांक 3080 के माध्यम से आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज करवाने के आदेश दिए गए थे। जिनमें से चार अधिकारियों के खिलाफ कराधान विभाग की ओर से 28 अक्टूबर 2020 को पुलिस में शिकायत दी गई, जिस पर सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। लेकिन कराधान विभाग सिरसा के अधिकारियों ने तत्कालीन ईटीओ अनिल मलिक व तत्कालीन टीआई हनुमान सैनी के खिलाफ शिकायत नहीं दी बताई जाती है। जबकि कराधान आयुक्त हरियाणा द्वारा दिए गए आदेश पत्र में इन अधिकारियों के नाम का स्पष्ट उल्लेख है। यानि कराधान विभाग सिरसा के अधिकारी अब भी जानबूझकर फर्जी फर्मों के मामले में आरोपी बनाए गए अधिकारियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
वर्णनीय है कि कराधान आयुक्त हरियाणा द्वारा अपने पत्र में तत्कालीन ईटीओ डीपी बैनीवाल, अनिल मलिक, मालाराम, अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, हनुमान सैनी टीआई के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के आदेश दिए थे। कराधान विभाग सिरसा की ओर से इनमें से ईटीओ डीपी बैनीवाल, मालाराम, अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत के नाम एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस को लिखा। जबकि ईटीओ अनिल मलिक व टीआई हनुमान सैनी का जिक्र नहीं किया। इस प्रकार स्थानीय अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही आरोपी बनाए गए अधिकारियों को बचाने का दुस्साहस किया है? इसका मतलब यह है कि कराधान आयुक्त हरियाणा के आदेशों की कराधान विभाग सिरसा के अधिकारियों को जरा भी परवाह नहीं है? वे कराधान आयुक्त हरियाणा से कहीं अधिक पॉवर रखते है? वे विभाग की बेहतरी कराधान आयुक्त हरियाणा से अधिक समझते है?
सूत्र बताते है कि जिन अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज करवाए गए है वे सेवानिवृत्त हो चुके है, जबकि ईटीओ अनिल मलिक अभी सेवा में है और विभाग में प्रभाव भी रखते है। यह भी अंदेशा लगाया जा रहा है कि यदि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाती है तो वे फर्जी फर्मों के मामले में अन्य भ्रष्ट अधिकारियों की संलिप्तता उजागर कर सकते है। संभवत: अधिकारियों द्वारा अपनी खाल बचाने के लिए ईटीओ अनिल मलिक और टीआई हनुमान सैनी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करवाया गया है। लेकिन उनके यह प्रयास कितने सार्थक होते है, इसका जल्द ही पता चल जाएगा। चूंकि पूरा मामला गृह मंत्री अनिल विज के संज्ञान में है, ऐसे में भ्रष्ट अधिकारियों व उनके समर्थकों का बच पाना मुश्किल है।
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- अन्य अधिकारी व कर्मचारी नहीं किए चिह्नित
सिरसा। कराधान आयुक्त हरियाणा द्वारा मामले में आधा दर्जन अधिकारियों के नाम का उल्लेख करने के साथ-साथ विभाग के उन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाने के आदेश दिए थे, जिनकी इसमें संलिप्तता थी। लेकिन 11 माह से अधिक का लंबा अरसा बीत जाने पर भी विभागीय अधिकारी फर्जी फर्मों के संचालकों से कनेक्शन रखने वालों को चिह्नित ही नहीं कर सकें। विभाग के अधिकारियों से यह अपेक्षा भी बेमानी साबित हो रही है, चूंकि वे कराधान आयुक्त द्वारा आरोपी बनाए गए ईटीओ अनिल मलिक और टीआई हनुमान सैनी के खिलाफ मामला दर्ज करवाने को ही तैयार नहीं है। तब अज्ञात अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम कैसे मामला दर्ज होगा? विभागीय जांच में यह पाया जा चुका है कि विभाग के कर्मचारी व अधिकारी फर्जी फर्मों के सरगनाओं से संबंध बनाए हुए थे और उन्होंने नियमों को ताक पर धरकर सरकार को चपत लगवाई। विभाग में बैठे इन कर्मचारियों ने फर्जी फर्मों के सरगनाओं के लिए मुनीम का कार्य किया। उनकी फर्जी फर्मों की रिटर्न भरी और उन्हें लाभ पहुंचानेके लिए विभाग की ई-मेल से छेड़छाड़ की। विभागीय अधिकारियों की लाख कोशिश के बावजूद अब ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों का बच निकलना मुश्किल है, जोकि फर्जी फर्मों के सरगनाओं से मुधर संबंध बनाए हुए थे।
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- नियम विरुद्ध पहुंचाया लाभ
सिरसा। कराधान आयुक्त हरियाणा द्वारा अपने पत्र में ईटीओ अनिल मलिक को 5 'सीÓ फार्म, चार 'एफÓ फार्म गलत तरीके से देने का दोषी पाया। विभाग ने अपनी जांच में ईटीओ को विभाग की गाइडलाइन के विपरीत कार्य करते हुए पाया। फर्जी फर्मों की वजह से सरकार को 29 करोड़़ की चपत लगी। वहीं टीआई हनुमान सैनी के बारे लिखा गया है कि उसने मैसर्ज विनय ट्रेडिंग कंपनी को आरसी जारी करने में मदद की। वैट के रूल की पालना नहीं की, जिसके कारण सरकार को नुकसान हुआ।
फोटो :: लेटर की प्रति
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= अनुपम सिंगला ने उगले राज, 60 फर्मों की बारी!
सिरसा। फर्जी फर्मों के कारोबार की छोटी मच्छी अनुपम सिंगला द्वारा उगले गए राज में सिरसा की पांच दर्जन से अधिक फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। फर्जी फर्मों के कारोबार से अल्प समय में अकूत संपत्ति जुटाने वाले एमआरपी की देखादेखी अनुपम सिंगला ने भी अल्प समय में अपना साम्राज्य खड़ा कर दिया था। वह एमआरपी को टक्कर देने लगा था। लेकिन वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। स्टेट क्राइम बं्राच पुलिस उसे पूछताछ के लिए वीरवार को फतेहाबाद लेकर आई। फतेहाबाद में भूना रोड पर एक फर्जी फर्म के मामले में अनुपम सिंगला नामजद है।
सूत्र बताते है कि अनुपम सिंगला द्वारा 90 से अधिक फर्जी फर्में बनाई गई और इन फर्मों के माध्यम से करोड़ों का कारोबार किया। सरकार को इन फर्जी फर्मों से लगभग 600 करोड़ की चपत लगाई। बताया जाता है कि अनुपम सिंगला के एक दर्जन फर्मों का भंडाफोड़ हो चुका है, शेष 78 फर्मों का बेनकाब होना बाकी है। जिनमें से अकेले सिरसा की 60 फर्में है। बताया जाता है कि अनुपम सिंगला से 32 करोड़ से अधिक की गबन राशि वसूली जा चुकी है, जबकि कई सौ करोड़ की राशि की वसूली के लिए उससे जुड़े लोगों की तलाश की जा रही है। स्टेट क्राइम बं्राच द्वारा मामले में तमाम कडिय़ा जोड़ी जा रही है।
जानकार बताते है कि अनुपम सिंगला एमआरपी के मुकाबले एक छोटी मच्छी है। जबकि एमआरपी फर्जी फर्मों के कारोबार के बड़े मगरमच्छ है। चूंकि मामला गृह मंत्री अनिल विज के संज्ञान में है और उनकी ओर से मामले की लगातार प्रगति रिपोर्ट तलब की जा रही है। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही सिरसा की इन पांच दर्जन फर्मों के खिलाफ भी मामला दर्ज होगा और अनुपम सिंगला के संपर्क में आए लोगों की गर्दन भी नापी जाएगी। जिस प्रकार से पुलिस ने अनुपम सिंगला से करोड़ों रुपये की रिकवरी शुरू की है, ठीक उसी प्रकार एमआरपी से जब रिकवरी का कार्य किया जाएगा, तभी फर्जी फर्मों के साम्राज्य की नींव पर चोट पड़ेगी।
फोटो :: अनुपम सिंगला
कांग्रेस की जीत होगी किसान कमेरे की जीत- अमित सिहाग
बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत किसान आंदोलन को और मजबूती देने का काम करेगी - अमित सिहाग
बरोदा उपचुनाव में हलका डबवाली के विधायक अमित सिहाग कांग्रेस शीर्ष नेताओं के साथ लगातार कमान संभाले हुए हैं और हल्के के विभिन्न गावों में कांग्रेस प्रत्याशी इन्दु नरवाल के समर्थन में लगातार प्रचार कर रहे हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ गांव आहुलाना में चुनाव प्रचार के दौरान विधायक सिहाग ने कहा कि यह चुनाव किसान कमेरे वर्ग और सरकार की तानाशाही एवम् दमनकारी नीतियों के खिलाफ है और आज जिस प्रकार से पूरा माहौल है, ये सुनिश्चित करता है कि कांग्रेस पार्टी कि भारी बहुमत से जीत होगी। उन्होंने कहा कि उपचुनाव सरकार को आइना दिखाने का काम करता है और आज किसान, मजदूर, आढ़ती, अध्यापक, आंगनवाड़ी वर्कर सभी सरकार की तानाशाही नीतियों के चलते सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कोई भी वर्ग सरकार से खुश नहीं है और बरोदा उपचुनाव में ये सब वर्ग मिलकर, बीजेपी के प्रत्याशी को हरा सरकार को आइना दिखाने का काम करेंगे।
सिहाग ने कहा कि इस उपचुनाव में जिस प्रकार से लोगों में सरकार के खिलाफ आक्रोश दिखाई दे रहा है उससे साफ है कि इस चुनाव का नतीजा सरकार के पतन की शुरुआत करने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि पहले सर छोटूराम फिर चौधरी चरण सिंह जी उनके बाद देवीलाल जी किसान हितेषी नेता हुए हैं और आज के समय केवल चौधरी भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ही ऐसे किसान हितेषी नेता हैं जो किसानों के हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जहां इस बीजेपी सरकार में किसान लगातार आंदोलन करने के लिए विवश हैं वहीं हुड्डा सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में किसानों को कभी आंदोलन करने की आवशयकता नहीं पड़ी, जो दर्शाता है कि वो सच में किसान कमेरे वर्ग के सच्चे हितेषी हैं।
विधायक ने कहा कि जिस प्रकार से बीजेपी, जजपा में भगदड़ मची हुई है और असंतोष का माहौल है ये सुनिश्चित करता है कि आने वाले समय में कांग्रेस सरकार का आना तय है। उन्होंने आमजन को कांग्रेस प्रत्याशी इन्दु नरवाल को भारी मतों से जीत दिलवाने का आह्वान किया।
जीआरपी कर्मियों ने सर्च अभियान चलाया।
डबवाली।
एसपी रेलवे के निर्देशानुसार सुरक्षा के मद्देनजर जीआरपी कर्मियों ने चौकी प्रभारी लक्ष्मण राम के नेतृत्व में सर्च अभियान चलाया , जिसके तहत उन्होंने रेलवे स्टेशन , रेलवे यार्ड व पार्किंग में गहनता से जांच पड़ताल की और आमजन को नशों के दुष्प्रभावों के बारे जागरूक भी किया। उन्होंने कहा कि सर्च अभियान के तहत रेलवे के एरिया में अच्छी तरह जांच पड़ताल की गई है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके और रेल सम्पति को नुकसान से बचाया जा सके। इसके अलावा लोगों को नशों के दुष्प्रभावों के बारे भी जागरूक किया गया। इस अवसर पर जीआरपी चौकी के सभी कर्मी मौजूद थे।
अग्रोहा धाम वैश्य समाज का राज्य स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन 1 नवंबर को पानीपत में होगा : सुरेंद्र सिंगला
डबवाली।
अग्रवाल समाज के जन्मदाता महाराजा अग्रसेन की जन्मभूमि के प्राचाीन अग्रोहा धाम, अग्रोहा का जन-जन तक संदेश पहुंचाने के उद्देश्य से धाम के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग द्वारा सभी प्रदेश इकाइयों का गठन करने उपरांत ग्रामीण आंचल से लेकर तहसील एवं जिला स्तर पर कमेठियों का गठन करने के लिए प्रारंभ की गई मुहिम के अंतर्गत अग्रोहा धाम वैश्य समाज का एक राज्य स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन 1 नवंबर, रविवार को प्रात: 10 बजे आर्य कॉलेज के ऑडीटोरियम पानीपत में आयोजित किया जा रहा है। अग्रोहा धाम वैश्य समाज पंजाब प्रदेश के संयोजक सुरेंद्र सिंगला ने बताया कि इस सम्मेलन में धाम के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग मुख्यातिथि होंगे। उन्होंने बताया कि समाज को संगठित करने एवं दु:ख-सुख में एक-दूसरे का हरसंभव सहयोग करने, अग्रवाल/वैश्य समाज में समय के मुताबिक किए जाने वाले विवाह-शादियों पर अनावश्यक खर्च को कम करने, समाज के युवाओं को सामाजिक एवं राजनीति में सक्रिय करने, शादी के समय प्रथम मिलनी महाराजा अग्रसेन के नाम पर करने, अग्रवाल/वैश्य समाज के युवक-युवतियों के रिश्तों को लेकर विचार-विमर्श करने के साथ-साथ विवाह-शादी के उपरांत लड़की और लड़के के परिवारों में होने वाले वाद-विवादों का पंचायत के माध्यम से समाधान करने, बेरोजगार युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार करवाने के लिए उद्योगपतियों से संपर्क स्थापित करने के साथ-साथ अन्य उन सभी अहम विषयों पर विचार किया जाएगा, जिनकी समाज में अति आवश्यकता है। सिंगला ने बताया कि महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राये के जन्मस्थल जगरांव एवं ढूढीके जिला मोगा के साथ-साथ फतेहगढ़ साहिब में लाला डोडरमल हवेली को यादगार बनाने के लिए भी विचार-विमर्श किया जाएगा।