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रविवार, 25 सितंबर 2011
बाढ़ का पानी न निकलने से सकताखेड़ा में 200 एकड़ फसल बर्बाद
डबवाली (यंग फ्लेम) भारी बारिश के प्रकोप से सकताखेड़ा गांव के एक दर्जन किसानों की 200 एकड़ भूमि में नरमा की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। खेत में अभी तक 2 से 3 फूट तक पानी भरा पड़ा है पीडि़त किसानों ने रकबे की गिरदावरी करवा कर मुआवजा दिए जाने की मांग उच्चाधिकारियों से की है। पत्रकारों की टीम ने बाढग़्रस्त क्षेत्र का अवलोकन किया तो पाया कि सारे क्षेत्र में दूर-दूर तक पानी भरा पड़ा है। नरमें के पौधे मुरझाने लगे है और मौके पर मौजूद किसान अमर सिंह खीचड़ ने बताया कि 12 सिंबतर से 16 सिंतबर तक लगातार भारी बारिश हुई। चूंकि हरियाणा क्षेत्र का रकबा साथ लगते बडिंगखेड़ा (पंजाब) गांव के रकबे से नीचा पड़ता है जिसके चलते पंजाब क्षेत्र का बरसात का पानी भारी मात्रा में आ गया व एक सप्ताह हुई बारिश बंद हो चुकी है लेकिन पानी कम नहीं हो पा रहा है। किसान भजनलाल व देवव्रत ने बताया कि ट्रैकटर द्वारा दिन-रात पानी को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नरमें की फसल तो बर्बाद हो ही चुकी है अब तो हमारा प्रसाय है कि गेहूं की फसल की बिजाई किसी तरह संभव हो जाए। किसान स्नेहदीप व जगरूप सिंह ने बताया कि हालांकि स्थानीय उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने पानी निकासी हेतु डीजल उपलब्ध करवाया है लेकिन हमारी प्रशासन से मांग है कि यहां एक ट्रांसफार्मर लगवा दिया जाए ताकि पानी को जल्दी व आसानी से निकाला जा सके। साथ ही किसानों द्वारा पंजाब क्षेत्र से आने वाले पानी को रोकने हेतु जेसीबी से मिट्टी डाली जा रही है प्रशासन इस कार्य में अपना सहयोग दे ताकि भविष्य में होने वाले नुकसान को रोकने हेतु पुख्ता प्रबंध किए जा सके। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में पानी का जमीनी लेवल केवल 3-4 फीट ही है तथा अब भारी बारिश एवं साथ लगते क्षेत्र का पानी भर जाने से लेवल और ऊंचा हो जाने की संभावना बन गई है। जिसके चलते यह क्षेत्र पूरी तरह से सेमग्रस्त हो जाने की संभावना बन गई है। प्रशासन को चाहिए कि तुरंत इस और ध्यान दे ताकि दर्जनों परिवारों की अजीविका का साधन बच सके।
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मंगलवार, 20 सितंबर 2011
हरियाणा के सिक्खों ने नकारी अलग कमेटी की मांग
महावीर सहारण (09354862355)
डबवाली(यंग फ्लेम) शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव नतीजों (अभी अधिकारिक रूप से घोषित नहीं) ने अलग गुरूद्वारा कमेटी की मांग को दरकिनार कर दिया है। 11 में से 8 सीटों पर शिरोमणी अकाली दल बादल के उम्मीदवारों की जीत ने साबित कर दिया है कि प्रदेश के सिक्ख अलग कमेटी के पक्षधर नहीं है। जगदीश सिंह झींडा व दीदार सिंह नलवी की क्रमश: 8000 व 10,000 मतों की बड़ी हार से यह तय हो गया है कि उनका जनाधार बुरी तरह से खिसक गया है।
प्रदेश का सिक्ख मतदाता परम्परागत रूप से देवीलाल-औमप्रकाश चौटाला को अपना समर्थन देता रहा है। स. प्रकाश सिंह बादल की चौटाला परिवार से निकटता जगजाहिर रही है। लेकिन विगत एसजीपीसी चुनाव में हरियाणा सिक्ख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एडहाक) का गठन करके जगदीश सिंह झींडा, दीदार सिंह नलवी, जैसे नेताओं ने प्रदेश में जबरदस्त प्रचार अभियान चलाया था कि अलग गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी का गठन किया जाए। उस चुनाव में शिरोमणी अकाली दल बादल ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तथा झींडा नलवी धड़ा 11 में से 7 सीटों पर विजयी होने में सफल रहा। तत्पश्चात झींडा ने लोकसभा-विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन का ऐलान करके अपने इरादे जाहिर कर दिए इससे जहां औम प्रकाश चौटाला को राजनैतिक नुकसान तो हुआ ही बल्कि अलग कमेटी की मांग से एसजीपीसी की ताकत बंटने का अंदेशा भी होने लगा। इसलिए इस चुनाव को शिरोमणी अकाली दल बादल ने गंभीरता से लड़ा तथा इनेलो कैडर का भी सहारा लिया व झींडा-नलवी को बुरी तरह से हराने में सफलता प्राप्त की। अम्बाला की दोनों सीटों पर अकाली दल पाली धड़ा ने विजय प्राप्त की है वो भी मामूली 400 वोटों के अंतर से तथा सिरसा सीट पर गुरमीत सिंह तिलोकेवाला आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीते है इस प्रकार झींडा-नलवी के सभी प्रत्याशी चुनाव हार गए है।
चुनावी नतीजों ने प्रदेश में औम प्रकाश चौटाला को मजबूती प्रदान की है तथा हिसार उपचुनाव में इनेलो प्रत्याशी अजय सिंह चौटाला को इसका फायदा होगा। वहीं कांग्रेस के लिए यह नतीजें निराशाजनक कहे जा सकते है क्योंकि जगदीश सिंह झींडा खुल कर कांग्रेस का समर्थन करते रहे है। इसके अलावा अलग कमेटी का मुद्दा एकबारगी तो इन चुनावी नतीजों ने पुरी तरह से समाप्त कर दिया है व प्रदेश के सिक्खों पर प्रकाश सिंह बादल के असर को भी साबित कर दिया है।
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मार्केट फीस कम करने की मांग को लेकर दिया धरना, ज्ञापन सौंपा
डबवाली (यंग फ्लेम) हरियाणा में कपास-नरमा पर मार्केट फीस कम करने की मांग को लेकर सोमवार को हरियाणा कॉटन जिनिर्स एसोसिएशन, पक्का आढ़तिया एसोसिएशन तथा कच्च आढ़तियां एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा स्थानीय एसडीएम मुनीश नागपाल की मार्फत हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम एक ज्ञापन पत्र सौंपा गया तथा मार्केट कमेटी के समक्ष सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक धरना प्रदर्शन किया। ज्ञापन द्वारा व्यापारियों व सरकार को हो रहे नुकसान से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। उन्होंने लिखा कि व्यापारियों द्वारा हरियाणा राज्य में कपास-नरमा पर मार्केट फीस एवं एचआरडीएफ 4 प्रतिशत है जबकि पड़ौसी राज्य पंजाब में 2 प्रतिशत व राजस्थान में 0.80 से 1.60 प्रतिशत है। जिस कारण हरियाणा राज्य का नरमा उपरोक्त पड़ोसी राज्यों की मंडियों में बिक रहा है तथा हरियाणा में कॉटन जिनिंग उद्योग एवं इससे जुड़े किसान-मजदूरों, कच्चा आढि़तियां एवं पक्का आढ़ंतियां संकट की स्थिति में है। उन्होंने बताया कि नरमा-कपास की आवक मंडिय़ों में शुरू हो चुकी है और उपरोक्त टैक्स अधिक होने की वजह से किसानों को उनके नरमे का भाव 300 से 400 रूपए कम मिल रहा है। पड़ौसी राज्यों में टैक्स कम होने के कारण किसानों ने दूसरे पड़ोसी राज्यों का रूख कर लिया है। इसी कारण सरकार को न केवल मार्केट फीस का नुकसान हो रहा है बल्कि 5.25 प्रतिशत वैट जो कि नरमा-कपास पर लगता है उसका भी नुकसान सरकार को उठाना पड़ रहा है। किसानों की उपज दूसरे राज्यों में जाने से कच्चा आढ़तिया, पक्का आढ़तिया, मजदूर, किसान एवं कॉटन जिनिंग से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। नरमा-कपास वैट प्रणाली की विसंगतियों के कारण कॉटन उघोग का करोंडों रूपए वैट रिफंड के रूप में बिना वजह पड़ा है जिस कारण कॉटन उघोग बहुत भारी वित्तीय संकट से गजुर रहा है। हरियाणा कॉटन जिनिर्स एसोसिएशन, पक्का आढ़तियां एसोसिएशन एवं कच्चा आढ़तियां एसोसिएशन ने सरकार से मांग की कि मार्केट फीस तथा एचआरडीएफ मिलकार एक प्रतिशत फीस की जाए एवं वैट कच्चा आढ़तियों की बजाए मिल मालिकों से भरवाकर बंद होने के कगार पर खड़े कॉटन उद्योग को बचाया जा सके।
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जगसीर मांगेआना ने दी जगदेव मटदादु को करारी शिकस्त
यंग फ्लेम का आकलन सटीक साबित हुआ
डबवाली (यंग फ्लेम) शिरोमणी अकाली दल बादल प्रत्याशी जगसीर
सिंह मांगेआना ने तिकोने मुकाबले में हरियाणा सिक्ख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के जगदेव सिंह मटदादु को 1494 मतों से हरा दिया है हालांकि अधिकारिक रूप से चुनाव नतीजे की घोषणा 22 सितंबर को की जाएगी। 18 सिंतबर को हुए चुनाव में 28014 मतदाताओं में 21030 मतदाताओं ने वोट डाला। अकाली दल बादल प्रत्याशी के लिए परमजीत सिंह माखा का प्रभावी चुनाव लडऩा बेहद फायदेमंद रहा।
शुरूआती दौर में जगसीर सिंह मांगेआना को बेहद कमजोर उम्मीदवार आंका जा रहा था लेकिन कांग्रेस समर्थकों द्वारा परमजीत सिंह माखा को चुनाव मैदान में उतार देने से जगदेव सिंह मटदादु के लिए मुश्किलों का दौर शुरू हो गया था साथ ही चुनाव के आखिरी दौर में इनेलो कैडर के मैदान में उतर आने से जगसीर सिंह मांगेआना का चुनावी ग्राफ एकाएक ऊपर आ गया। जगदेव सिंह मटदादु के समर्थक शुरू से ही अपनी जीत को पक्की मान कर चल रहे थे तथा उनका अत्मविश्वास ही उन के हार का एक कारण बना।
उन्होंने जमीनी समीकरणों को नजर अंदाज कर दिया। मांगेआना तथा माखा को पार्टी वर्करों का भी बड़ा सहारा मिला। जगदेव सिंह मटदादु के पास कार्यकर्ताओं की कमी दूर-दराज के गांवों में स्पष्ट रूप से देखी गई।
डबवाली हलके में जगसीर सिंह को 5021, जगदेव सिंह को 3496 व परमजीत को 2265 वोट मिले। राणियां में क्रमश: 2676, 2668 व 1110 वोट मिले तथा ऐलनाबाद में 1316, 1355 व 864 वोट मिले। इस चुनाव नतीजे से यह साबित हो गया कि हार-जीत में चुनावी समीकरणों की भूमिका तो होती ही है बल्कि कार्यकर्ताओं की मेहनत भी मायने रखती है।
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प्रदेश के सिक्खों ने दिया एकता का परिचय-जपानी
डबवाली (यंग फ्लेम) शिरोमण गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में हरियाणा प्रदेश की 11 में से 8 सीटों पर अकाली दल बादल एवं इंडियन नेशनल लोकदल के सांझे उम्मीदवारों का भारी मतों से जीतना प्रदेश के सिक्खों की सबसे बड़ी जीत है। यह शब्द इनेलो पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के शहरी प्रधान सुखजिंद्र जपानी ने एक प्रैस ब्यान जारी कर कहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सिक्खों ने यह साफ कर दिया कि वह हरियाणा की अगल कमेटी के हक में नहीं है। प्रदेश के सिक्खों ने शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में अलग कमेटी का राग अलापनों वालों से ध्यान हटाकर अकाली दल बादल व इंडियन नेशन लोकदल पार्टी के हक में मतदान कर जहां बादल-चौटाला परिवार को और अधिक मजबूत किया है वहीं प्रदेश में भविष्य में होने वाले चुनावों के लिए बादल-चौटाला परिवार को आशीर्वाद देने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस हमेशा से ही सिक्खों की दुशमन रही है। सिक्खों की दुशमन कांग्रेस व दिल्ली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह सरना की मिली भगत समुचे सिक्ख जगत को बांटना चाहते थे लेकिन सिक्खों ने एकता का परिचय देते हुए उनके मनसूबों पर पानी फेर दिया।
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रविवार, 18 सितंबर 2011
मतदान के प्रति दिखा उत्साह
मतपेटियों में बंद हो गया भाग्य, 22 को आएगा रिजल्ट
18 सितम्बर। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सिरसा व डबवाली सीट पर हुए मतदान में खासा उत्साह नजर आया। विभिन्न वाहनों में सवार होकर मतदाता मतदान केंद्र तक पहुंचे। दिन भर मतदान केंद्र के आसपास रौनक बनी रही। मतदान आज सुबह 8 बजे शुरू हुआ जो साय: 4 बजे तक चला। सिरसा सीट से शिरोमणि अकाली दल 1920 के उम्मीदवार गुरदीप सिंह, अकाली दल बादल के उम्मीदवार प्रकाश सिंह साहुवाला व आजाद प्रत्याशी गुरमीत सिंह तिलोकेवाला के बीच मुकाबला है। इसी प्रकार डबवाली सीट से शिरोमणि अकाली दल बादल के उम्मीदवार जगसीर सिंह मांगेआना, आजाद उम्मीदवार परमजीत सिंह माखा व एचएसजीपीसी प्रत्याशी जगदेव सिंह मटदादू के बीच टक्कर है। सुबह के समय मतदान की रफ्तार कुछ कम रही और सिरसा सीट पर सुबह 10 बजे तक महज 19 प्रतिशत मतदान ही हो सका था। दोपहर के बाद मतदान में तेजी आई जो शाम 4 बजे तक चलती रही। जिले में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांति से हुआ। शांतिपूर्ण मतदान के लिए जिले में 102 मतदान केंद्र बनाए गए थे जबकि 460 अधिकरियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। किसी प्रकार की गड़बड़ी होने की सूरत में 13 पोलिंग पार्टीयां रिजर्व में रखी गई थी।
गांव भीमा में हुआ तनाव
रोड़ी क्षेत्र के गांव भीमा में मतदान को लेकर कुछ तनाव हुआ जो बाद में शांत हो गया। तनाव का कारण बनी एक महिला मतदाता। महिला मतदान केंद्र के अंदर अपने बेटे को साथ ले गई और कहने लगी कि उसका वोट उसका बेटा डालेगा। इस पर एक एजेंट ने विरोध किया और कहा कि बेटे को वोट डालने का अधिकार नहीं है। इसी बात पर पक्ष-विपक्ष के एजेंट में कहासुनी हो गई और कुछ देर मतदान रूक गया लेकिन बाद में अधिकारियों ने मामले को शांत करा दिया।
सख्त थी सुरक्षा व्यवस्था
शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुलिस की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। प्रत्येक मतदान केंद्र के बाहर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगी हुई थी। सिरसा व डबवाली सीट के चुनाव के लिए एक हजार से भी अधिक पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए थे। दोनों क्षेत्रों को छह सैक्टरों मेें बांटकर डीएसपी स्तर के अधिकारियों को सैक्टर इंचार्ज लगाया गया था। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए आधा दर्जन डीएसपी, दो दर्जन से भी अधिक इंस्पेक्टर तैनात थे। दोनों क्षेत्रों में 20 पेट्रोलिंग पार्टियां गश्त पर थी। जिले की सीमा भी सील की गई थी। दोनों क्षेत्रों के 38 संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त किए गए थे।
18 सितम्बर। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सिरसा व डबवाली सीट पर हुए मतदान में खासा उत्साह नजर आया। विभिन्न वाहनों में सवार होकर मतदाता मतदान केंद्र तक पहुंचे। दिन भर मतदान केंद्र के आसपास रौनक बनी रही। मतदान आज सुबह 8 बजे शुरू हुआ जो साय: 4 बजे तक चला। सिरसा सीट से शिरोमणि अकाली दल 1920 के उम्मीदवार गुरदीप सिंह, अकाली दल बादल के उम्मीदवार प्रकाश सिंह साहुवाला व आजाद प्रत्याशी गुरमीत सिंह तिलोकेवाला के बीच मुकाबला है। इसी प्रकार डबवाली सीट से शिरोमणि अकाली दल बादल के उम्मीदवार जगसीर सिंह मांगेआना, आजाद उम्मीदवार परमजीत सिंह माखा व एचएसजीपीसी प्रत्याशी जगदेव सिंह मटदादू के बीच टक्कर है। सुबह के समय मतदान की रफ्तार कुछ कम रही और सिरसा सीट पर सुबह 10 बजे तक महज 19 प्रतिशत मतदान ही हो सका था। दोपहर के बाद मतदान में तेजी आई जो शाम 4 बजे तक चलती रही। जिले में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांति से हुआ। शांतिपूर्ण मतदान के लिए जिले में 102 मतदान केंद्र बनाए गए थे जबकि 460 अधिकरियों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। किसी प्रकार की गड़बड़ी होने की सूरत में 13 पोलिंग पार्टीयां रिजर्व में रखी गई थी।
गांव भीमा में हुआ तनाव
रोड़ी क्षेत्र के गांव भीमा में मतदान को लेकर कुछ तनाव हुआ जो बाद में शांत हो गया। तनाव का कारण बनी एक महिला मतदाता। महिला मतदान केंद्र के अंदर अपने बेटे को साथ ले गई और कहने लगी कि उसका वोट उसका बेटा डालेगा। इस पर एक एजेंट ने विरोध किया और कहा कि बेटे को वोट डालने का अधिकार नहीं है। इसी बात पर पक्ष-विपक्ष के एजेंट में कहासुनी हो गई और कुछ देर मतदान रूक गया लेकिन बाद में अधिकारियों ने मामले को शांत करा दिया।
शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुलिस की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। प्रत्येक मतदान केंद्र के बाहर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगी हुई थी। सिरसा व डबवाली सीट के चुनाव के लिए एक हजार से भी अधिक पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए थे। दोनों क्षेत्रों को छह सैक्टरों मेें बांटकर डीएसपी स्तर के अधिकारियों को सैक्टर इंचार्ज लगाया गया था। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए आधा दर्जन डीएसपी, दो दर्जन से भी अधिक इंस्पेक्टर तैनात थे। दोनों क्षेत्रों में 20 पेट्रोलिंग पार्टियां गश्त पर थी। जिले की सीमा भी सील की गई थी। दोनों क्षेत्रों के 38 संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त किए गए थे।
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सफाई के अभाव में शहर बना कचरा घर
डबवाली (यंग फ्लेम)शहर को कचरामुक्त बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, इसके बावजूद अधिकारियों की लापरवाही के कारण शहर कचरा का घर बना हुआ है। जहां नजर डालो, गंदगी ही गंदगी नजर आती है। शहरवासियों द्वारा बार-बार आवाज उठाने के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। लगता है अधिकारियों को जनता की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। शहर का कचरा खपाने के लिए कचरा प्लांट लगाने की योजना भी अधर में लटक गई। इसके पीछे अधिकारियों का निक्कमापन जिम्मेदार है। नगरपालिका द्वारा घरों व बाजारों से कचरा एकत्रित करने के लिए रिक्शा लगवाई गई थी लेकिन अब वह भी सड़कों से गायब हो चुकी है। शहर गंदगी का सबसे बड़ा अड्डा बनता जा रहा है। जि कारण पशु दिन भर गंदगी के इर्द-गिर्द विचरण करते रहते थे और कचरे को इधर-उधर बिखेर देते थे। बरसात के कारण अब कचरा बदबू मारने लगा है और मच्छर पनप रहे हैं। लोगों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि जब लाखों रूपए की लागत से नगरपालिका द्वारा मंगवाई गई रिक्शा भी बेकार में खड़ी जर्जर हो रही है। इन सवालों के जवाब शहर की जनता अधिकारियों से जानना चाहती है पर अधिकारी है कि हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। यदि अधिकारी इसी तरह से जनता की उपेक्षा करते रहे तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।बारिश के पानी की निकासी का नहीं प्रबंध
शहर की दूसरी सबसे बड़ी समस्या बारिश के पानी की निकासी की है। जब बारिश होती है तो पानी एक सप्ताह तक गलियों, खाली प्लाटों या सड़कों पर भरा रहता है। बठिंडा चौक, मलोट रोड पर स्थित रेलवे फाटक पर कुछ ऐसे ही हालात बने हुए हैं जहां बारिश का पानी कई दिनों से भरा हुआ है। खाली प्लाटों में भरा हुआ पानी तालाब जैसा लगता है। उनके अंदर मच्छर पैदा हो रहे हैं जो मलेरिया को बढ़ावा दे रहे हैं। शहर के कुछ अन्य हिस्सों में भी बारिश का पानी भरा हुआ है जिसकी निकासी के लिए प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किए ग
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शनिवार, 17 सितंबर 2011
भाजपा की मजबूरी से खुली कुलदीप की लॉटरी
महावीर सहारण(9354862355)
हजकां
-भाजपा के गठबंधन ने प्रदेश में सहज गति से बह रहे सियासी पारे में एकबारगी तो तूफान सा ला दिया है। गठबंधन राजनीतिक निर्वासन झेल रहे कुलदीप बिश्रोई को प्रदेश की राजनीति की मुख्यधारा में लौटाने में तो सफल होगा साथ ही भाजपा को भी हरियाणा में सही मायनों में अपने पैर जमाने का अवसर प्रदान कर सकता है।
प्रदेश में अब तक कांग्रेस के विरोध में कोई भी दल भाजपा के सहयोग के बिना सरकार का गठन नहीं कर पाया। 1977 में एकजूट जनता पार्टी के रूप में विपक्ष को जोरदार सफलता मिली तो 1982 में लोकदल-भाजपा गठबंधन लगभग सरकार गठन के करीब ही पहुंच गया था लेकिन 1987 में तो 1977 वाला ही इतिहास दोहराया गया था। जब कांग्रेस 5 सीटों पर ही सिमट गई थी। तदोपरांत भाजपा-इनेलो के नेतृत्व में कुछ कड़वाहट फैलनी शुरू हो गई थी इसी के नतीजे में 1991 में कंाग्रेस की जोरदार वापसी हो गई। 1996 में आखिरी समय में भाजपा ने औम प्रकाश चौटाला की बजाए हविपा से समझौता कर के बंसीलाल की ताजपौशी करवा दी। सता की जो मलाई इस दौर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने चखी उस से उन की आकांक्षाएं भी बढ़ गई। 1999 में पुन: इनेलो-भाजपा गठबंधन हुआ तथा विधानसभा चुनाव में भाजपा 6 सीटों पर सिमट गई व इनेलो को अपने बलबूते पर बहुमत मिल गया।
यहीं से इनेलो-भाजपा संबधों की ऐसी इबारत लिखी गई जिसका खामियाजा दोनों पक्षों को भुगतना पड़ा तथा भाजपा के केडर का इनेलो से पूर्णतया मोहभंग हो गया। बंसी लाल के शासन काल में सही मायनों में सतासुख भोग चुके भाजपा कार्यकर्ताओं की इनेलो-भाजपा सरकार में वैसी कद्र नहीं थी गठबंधन फिर टूटा। 2004 में कांग्रेस की फिर वासपी हुई तथा मजबूरी वश 2009 में फिर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इनेलो से समझौता किया लेकिन पहली बार इस समझौते से इनेलो को जबरदस्त नुकसान हुआ। भाजपा के केडर ने इनेलो के पक्ष में मतदान करने से पुरी तरह से गुरेज किया। इनेलो-भाजपा अगर यह चुनाव अलग-अलग लड़ते तो इनेलो हिसार-सिरसा-भिवानी संसदीय सीटे आसानी से जीत जाती व इस का फायदा उसे विधानसभा चुनाव में मिलता व इनेलो की 32 सीटों में यकीनन इजाफा होता। इन हालातों में इनेलो का भाजपा से मोहभंग होना स्वाभाविक था। उधर, केंद्र की परिस्थितियां ऐसी बन गई कि भाजपा को उन राज्यों में जहां वह अपने दम पर कांग्रेस का मुकाबला नहीं कर सकती थी किसी क्षैत्रीय दल की बैसाखी की जरूरत थी एनडीए में शामिल रहे नवीन पटनायक (उड़ीसा), चंद्रबाबू नायडू (आंध्रप्रदेश), प्रफुल महंत (असम),श्रीमती जयललिता (तमिलनाडू), ममता बर्नजी (प. बंगाल)एक-एक करके किनारा करते चले गए तथा अब एनडीए में अकालीदल बादल, जनता दल (यू) एवं शिव सेना ही बचे है। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने विशेष रणनीति के तहत उमा भारती, जसवंत सिंह जैसे दिग्गज नेताओं का पार्टी में पुर्नप्रवेश सुनिश्चित किया साथ ही राजग को कांग्रेस के मुकाबले प्रत्येक लोकसभा सीट पर मजबूत दावेदार बनाने हेतु गठजोड़ की राजनीति की शुरूआत हरियाणा से कर दी। दूसरी और 5 विधायकों के पाला बदल लेने से कुलदीप बिश्रोई का जनाधार लगातार छीज रहा था ऐसे मौके पर हिसार संसदीय उपचुनाव ने दोनों दलों को चुनावी गठबंधन करने के लिए मजबूर कर दिया तथा प्रदेश की राजनीति में एक ताकतवर कोण के उभरने का मार्ग प्रशस्त हो गया। अब प्रदेश की भावी राजनीतिक तस्वीर काफी कुछ हिसार संसदीय चुनाव नतीजे पर निर्भर हो गई है हजकां-भाजपा कार्यकर्ताओं के चेहरे यह बयां करने के लिए काफी है कि प्रदेश के सियासी रंगमंच पर उनकी भी महत्वपूर्ण भूमिका बन गई है।

प्रदेश में अब तक कांग्रेस के विरोध में कोई भी दल भाजपा के सहयोग के बिना सरकार का गठन नहीं कर पाया। 1977 में एकजूट जनता पार्टी के रूप में विपक्ष को जोरदार सफलता मिली तो 1982 में लोकदल-भाजपा गठबंधन लगभग सरकार गठन के करीब ही पहुंच गया था लेकिन 1987 में तो 1977 वाला ही इतिहास दोहराया गया था। जब कांग्रेस 5 सीटों पर ही सिमट गई थी। तदोपरांत भाजपा-इनेलो के नेतृत्व में कुछ कड़वाहट फैलनी शुरू हो गई थी इसी के नतीजे में 1991 में कंाग्रेस की जोरदार वापसी हो गई। 1996 में आखिरी समय में भाजपा ने औम प्रकाश चौटाला की बजाए हविपा से समझौता कर के बंसीलाल की ताजपौशी करवा दी। सता की जो मलाई इस दौर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने चखी उस से उन की आकांक्षाएं भी बढ़ गई। 1999 में पुन: इनेलो-भाजपा गठबंधन हुआ तथा विधानसभा चुनाव में भाजपा 6 सीटों पर सिमट गई व इनेलो को अपने बलबूते पर बहुमत मिल गया।
यहीं से इनेलो-भाजपा संबधों की ऐसी इबारत लिखी गई जिसका खामियाजा दोनों पक्षों को भुगतना पड़ा तथा भाजपा के केडर का इनेलो से पूर्णतया मोहभंग हो गया। बंसी लाल के शासन काल में सही मायनों में सतासुख भोग चुके भाजपा कार्यकर्ताओं की इनेलो-भाजपा सरकार में वैसी कद्र नहीं थी गठबंधन फिर टूटा। 2004 में कांग्रेस की फिर वासपी हुई तथा मजबूरी वश 2009 में फिर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इनेलो से समझौता किया लेकिन पहली बार इस समझौते से इनेलो को जबरदस्त नुकसान हुआ। भाजपा के केडर ने इनेलो के पक्ष में मतदान करने से पुरी तरह से गुरेज किया। इनेलो-भाजपा अगर यह चुनाव अलग-अलग लड़ते तो इनेलो हिसार-सिरसा-भिवानी संसदीय सीटे आसानी से जीत जाती व इस का फायदा उसे विधानसभा चुनाव में मिलता व इनेलो की 32 सीटों में यकीनन इजाफा होता। इन हालातों में इनेलो का भाजपा से मोहभंग होना स्वाभाविक था। उधर, केंद्र की परिस्थितियां ऐसी बन गई कि भाजपा को उन राज्यों में जहां वह अपने दम पर कांग्रेस का मुकाबला नहीं कर सकती थी किसी क्षैत्रीय दल की बैसाखी की जरूरत थी एनडीए में शामिल रहे नवीन पटनायक (उड़ीसा), चंद्रबाबू नायडू (आंध्रप्रदेश), प्रफुल महंत (असम),श्रीमती जयललिता (तमिलनाडू), ममता बर्नजी (प. बंगाल)एक-एक करके किनारा करते चले गए तथा अब एनडीए में अकालीदल बादल, जनता दल (यू) एवं शिव सेना ही बचे है। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने विशेष रणनीति के तहत उमा भारती, जसवंत सिंह जैसे दिग्गज नेताओं का पार्टी में पुर्नप्रवेश सुनिश्चित किया साथ ही राजग को कांग्रेस के मुकाबले प्रत्येक लोकसभा सीट पर मजबूत दावेदार बनाने हेतु गठजोड़ की राजनीति की शुरूआत हरियाणा से कर दी। दूसरी और 5 विधायकों के पाला बदल लेने से कुलदीप बिश्रोई का जनाधार लगातार छीज रहा था ऐसे मौके पर हिसार संसदीय उपचुनाव ने दोनों दलों को चुनावी गठबंधन करने के लिए मजबूर कर दिया तथा प्रदेश की राजनीति में एक ताकतवर कोण के उभरने का मार्ग प्रशस्त हो गया। अब प्रदेश की भावी राजनीतिक तस्वीर काफी कुछ हिसार संसदीय चुनाव नतीजे पर निर्भर हो गई है हजकां-भाजपा कार्यकर्ताओं के चेहरे यह बयां करने के लिए काफी है कि प्रदेश के सियासी रंगमंच पर उनकी भी महत्वपूर्ण भूमिका बन गई है।
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गुरुवार, 15 सितंबर 2011
अनपढ़ सरपंचों के रहते क्या पंचायतें हो पाएंगी हाईटैक
सरपंचों को कम्पयूटर शिक्षा देने का कार्य शुरू
डबवाली - कम्पूटर शिक्षा लेने के लिए भी पढ़ाई जरुरी है। अगर कोई अनपढ़ है और अंगुठा लगाता है तो उसे कंप्यूटर शिक्षा देने की बात की जाए तो हैरानी तो जरुर होगी। किसी से भी पूछो तो वो यही कहेगा कि ऐसा सम्भव हो ही नहीं सकता, लेकिन न जाने विभाग के अधिकारियों को ऐसी योजना बनाते समय इस बात का अहसास क्यों नहीं रहता। अब विभागीय अधिकारियों द्वारा नया निर्देश जारी कर दिया कि गांवों के सरपंचों को कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करवाएगी जाएगी और शिक्षा पूरी होने के बाद उन्हें कम्प्यूटर भी दिए जाएंगे ताकि वे हर कार्य कम्प्यूटर आदि के माध्यम से पूरी कर सकें और ऑनलाईन होने पर उन्हें भी अपने कार्य करवाने में आसानी हो सके। हालांकि उनकी नीति तो सही है, लेकिन यह बात गले नहीं उतर रही कि जो सरपंच बिलकुल ही अनपढ़ हैं और जिनके लिए काला अक्षर भैंस बराबर है उन्हें कम्प्यूटर का सिखाया गया क-ख-ग पल्ले पड़ेगा कैसे। विभाग ने बड़ागुढ़ा खंड में कम्प्यूटर शिक्षा शुरू भी करवा दी है और सरपंच भी कम्प्यूटर की जानकारी लेने के लिए कक्षाएं लगाने लगे हैं, लेकिन अनपढ़ सरपंचों के सिर के ऊपर से सारी बात निकलती जा रही है, जिसे वे स्वयं भी मान रहे हैं। इसलिए उनके लिए कम्प्यूटर शिक्षा सीखना काफी मुश्किल भरा हो रहा है। क्षेत्र में दर्जनों सरपंच औरते हैं वहीं उनके परिवार वालो का व गांववालों का कहना की सरपंच गांव की जिम्मेवारी संभालेगी या फिर चुल्हा चोका या फिर सब छोड़ कर कंप्यूटर पर ही बैठी रहेगी। कहीं अनपढता इस योजना को धाराशाही ना कर दे यही विचार सरपंचों व पंचायत सदस्यों के मन में भी आ रहे है। बड़ागुढ़ा खण्ड़ में 44 गांव है जिनमें काफी सरंपच अनपढ़ है।
एक तिहाई सरपंच हैं अनपढ़
बीडीपीओ बड़ागुढ़ा छबीलदास डूडी से पूछा गया तो उन्होंने भी माना की बड़ागुढ़ा खण्ड में दो तिहाई सरपंच पढ़े लिखे व एक तिहाई सरंपच अनपढ़ है। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर शिक्षा पूरी होने के बाद सरंपचों को कंप्यूटर दिए जाएंगे।
डबवाली - कम्पूटर शिक्षा लेने के लिए भी पढ़ाई जरुरी है। अगर कोई अनपढ़ है और अंगुठा लगाता है तो उसे कंप्यूटर शिक्षा देने की बात की जाए तो हैरानी तो जरुर होगी। किसी से भी पूछो तो वो यही कहेगा कि ऐसा सम्भव हो ही नहीं सकता, लेकिन न जाने विभाग के अधिकारियों को ऐसी योजना बनाते समय इस बात का अहसास क्यों नहीं रहता। अब विभागीय अधिकारियों द्वारा नया निर्देश जारी कर दिया कि गांवों के सरपंचों को कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करवाएगी जाएगी और शिक्षा पूरी होने के बाद उन्हें कम्प्यूटर भी दिए जाएंगे ताकि वे हर कार्य कम्प्यूटर आदि के माध्यम से पूरी कर सकें और ऑनलाईन होने पर उन्हें भी अपने कार्य करवाने में आसानी हो सके। हालांकि उनकी नीति तो सही है, लेकिन यह बात गले नहीं उतर रही कि जो सरपंच बिलकुल ही अनपढ़ हैं और जिनके लिए काला अक्षर भैंस बराबर है उन्हें कम्प्यूटर का सिखाया गया क-ख-ग पल्ले पड़ेगा कैसे। विभाग ने बड़ागुढ़ा खंड में कम्प्यूटर शिक्षा शुरू भी करवा दी है और सरपंच भी कम्प्यूटर की जानकारी लेने के लिए कक्षाएं लगाने लगे हैं, लेकिन अनपढ़ सरपंचों के सिर के ऊपर से सारी बात निकलती जा रही है, जिसे वे स्वयं भी मान रहे हैं। इसलिए उनके लिए कम्प्यूटर शिक्षा सीखना काफी मुश्किल भरा हो रहा है। क्षेत्र में दर्जनों सरपंच औरते हैं वहीं उनके परिवार वालो का व गांववालों का कहना की सरपंच गांव की जिम्मेवारी संभालेगी या फिर चुल्हा चोका या फिर सब छोड़ कर कंप्यूटर पर ही बैठी रहेगी। कहीं अनपढता इस योजना को धाराशाही ना कर दे यही विचार सरपंचों व पंचायत सदस्यों के मन में भी आ रहे है। बड़ागुढ़ा खण्ड़ में 44 गांव है जिनमें काफी सरंपच अनपढ़ है।
एक तिहाई सरपंच हैं अनपढ़
बीडीपीओ बड़ागुढ़ा छबीलदास डूडी से पूछा गया तो उन्होंने भी माना की बड़ागुढ़ा खण्ड में दो तिहाई सरपंच पढ़े लिखे व एक तिहाई सरंपच अनपढ़ है। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर शिक्षा पूरी होने के बाद सरंपचों को कंप्यूटर दिए जाएंगे।
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गंगा में अस्थियां प्रवाहित करके लौट रहे परिवार को लूटा
गांव शाहपुरबेगू का रहने वाला है पीडि़त परिवार
कालांवाली, (बिल्लू यादव)। हरिद्वार में अपने रिश्तेदार की अस्थियां गंगा में प्रवाहित करके सिरसा लौट रहे एक परिवार को रेलगाड़ी में लुटेरों ने नशीला पदार्थ सूंघाकर लूट लिया है। लूट के शिकार लोगों को कालांवाली के अस्पताल में दाखिल कराया गया है। जानकारी के अनुसार आज सुबह हिसार से चलकर जींद जाने वाली सवारी गाड़ी नंबर 50444 जब कालांवाली स्टेशन पर पहुंची तो एक डिब्बे में 2 महिलाएं व एक पुरुष बेहोश मिला। डिब्बे में उपस्थित यात्रियों ने आरपीएफ की मदद से तीनों बेहोश लोगों को स्टेशन पर उतार लिया। आरपीएफ प्रभारी होशियार सिंह ने सहारा क्लब सदस्यों को फोन करके एंबुलेंस मंगवाई और तीनों को अस्पताल पहुंचाया। स्वास्थ्य केंद्र में तीनों का उपचार शुरू किया गया और लगभग दो घंटे बाद बेहोश व्यक्ति को होश आया। होश आने पर बेहोश व्यक्ति ने अपना नाम इकबाल सिंह बताया और कहा कि वह गांव शाहपुरबेगू का रहने वाला है। उसने बताया कि वे अपने रिश्तेदार की अस्थियां हरिद्वार लेकर गए थे। अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने के बाद रेलगाड़ी से सिरसा लौट रहे थे कि रास्ते में किसी ने उन्हें नशीला पदार्थ सूंघाकर बेहोश कर दिया और इकबाल की पत्नी रामप्यारी व छोटे भाई की पत्नी कर्मदेवी के कानों की सोने की बालियां व नकदी निकालकर ले गए। सहारा क्लब के सदस्यों ने इसकी सूचना गांव शाहपुर बेगू के सरपंच को दी तो वहां से इकबाल सिंह का लड़का कुलदीप कालांवाली पहुंचा और परिजनों से मिला। कुलदीप ने इसके लिए सहारा क्लब व मंडी के लोगों का धन्यवाद किया है।
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कार में लिफ्ट देकर छीनी कानों की बालियां
डबवली- यदि आप किसी कार में लिफ्ट लेने की सोच रहे हैं तो जरा संभल जाए क्योंकि लिफ्ट देने के बहाने आपको को लूटा जा सकता है। डबवाली में एक ऐसी घटना हो चुकी है। शहर डबवाली पुलिस ने लिफ़्ट देने के बहाने कार में बैठाकर छिना-झपटी के मामले में घटना की दो महिला आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ी गई महिलाओं की पहचान अमरजीत कौर पत्नी करनैल सिंह व जलू पत्नी पिन्दर सिंह निवासी वार्ड 21 रामनगर सगरूर (पंजाब)के रूप में हुई। पुलिस ने पूछताछ के दौरान इनके तीन अन्य साथियों जिनमें दो महिलाए व एक पुरूष शामिल है जिनकी पहचान कर ली गई हैं। गिरफ्तार की गई दोनों महिलाओं को आज डबवाली अदालत मे पेश कर रिमांड हासिल किया ताकि उनसे पूछताछ कर छिने गए सोने के कड़े व कानोंं की बालियां बरामद की जा सके। मामले की जानकारी देते हुए शहर डबवाली थाना के प्रभारी महासिंह ने बताया कि 3 अगस्त को वार्ड न: 7 मण्डी डबवाली निवासी कौशल्या देवी शहर डबवाली के एक बैंक मेें गई थी और जब वापस आ रही थी तो कार में सवार उपरोक्त आरोपियों ने उसे कार में बैठा लिया और शहर से बाहर सुनसान स्थान पर ले जा कर उसके कानों की बाली और हाथ के कड़े छिन कर मौके से फरार हो गए। थाना प्रभारी ने बताया कि इस संबंध में कौशल्या देवी की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू की गई और महत्वपूर्ण सुराग जुटाकर घटना के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया की घटना के बाकी तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की एक टीम पंजाब के सगरूर क्षेत्र में जाएगी।
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ट्रांसफार्मर से तार चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश
डबवाली-जिले के विभिन्न गांवों में बिजली के ट्रांसफार्मर से तांबा की तार चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो गया है। डबवाली, कालांवाली व ओढ़ां पुलिस ने गिरोह के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। शहर डबवाली पुलिस ने 11 जुलाई को गांव डबवाली क्षैत्र में ट्रासर्फामर में से हुई तांबा तार चोरी की घटना को गुत्थी को सूलझाते हुए रतनलाल पुत्र सालीराम निवासी नरसिंह कॉलोनी डबवाली को गिरफ्तार किया है। आरोपी से पूछताछ के दौरान उसके पांच अन्य साथियों की भी पहचान कर ली गई है जिन्हे शीघ्र ही गिरफ्तार किया जाएगा। इसी प्रकार कालांवाली पुलिस ने 31 जुलाई को गांव तारूआना क्षेत्र से ट्रांस्फार्मर में से तांबा तार चोरी करने की गुत्थी को सुलझाते हुए घटना के एक आरोपी सोनू उर्फ काला पुत्र फतेह सिंह निवासी वार्र्ड 12 रामा मंडी (पंजाब )का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी को डबवाली अदालत में पेशकर पूछताछ हेतू पुलिस रिमांड पर ले लिया है। एक अन्य घटना में ओढ़ा पुलिस ने 22 अगस्त को ओढ़ां से घुकांवाली रोड़ पर स्थित एक ट्रांसफार्मर में से तांबा तार चुराने के आरोप में पंजाब के डूमवाली गांव क्षेत्र से सुक्खा सिंह पुत्र बृजभान निवासी गली नम्बर 34 पारस नगर भंठिडा को काबू किया है। पूछताछ के दौरान उसके 6 अन्य साथियों की भी पहचान कर ली है। जिसे शीघ्र ही दबिश देकर गिरफ्तार किया जाएगा।
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ऐसी मिसाल कहीं नहीं
डबवाली।बात सुनने में अटपटी लगे। लेकिन है सच। ऐसा सच जिस पर सरलता से यकीन नहीं किया जा सकता हो। रैगर समाज के शहर में करीब एक हजार घर हैं। इन घरों में जब भी सुख-दु:ख का कोई कार्यक्रम होता है, उससे पूर्व बाबा रामदेव के मंदिर का भाग निकाला जाता है। ऐसा पिछले सत्तर सालों से चल रहा है। डबवाली का रैगर समाज इसे रसम मानकर निभाता है।
न्यू बस स्टैण्ड रोड़ पर स्थित बाबा रामदेव के मंदिर की स्थापना विक्रमी संवत 1988 के दरमियान हुई थी। उस दौरान बाबा रामदेव के भक्त गीगा राम मंदिर वाली जगह आए। उन्होंने दो ईंट खड़ी करके ध्यान लगाया और वहां पर बाबा रामदेव मंदिर बनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया। लोगों को उनकी बात पर यकीन नहीं हुआ। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, लोगों का विश्वास मजबूत होता गया। विक्रमी संवत 1989 में दो ईंटे कमरे में तबदील हो गई। जिसके ऊपर गुम्बद बनाया गया और कलश लगाए गए। मंदिर में सुबह-शाम को दो समय आरती होने लगी। मंदिर के विकास का जिम्मा रैगर समाज ने अपने हाथों में लिया। इसके लिए चौधरी रामलाल, त्रिलोक चंद सकरवाल, प्रभाती राम धोलपुरिया, कान्हा राम तथा मंगला राम ने बाबा रामदेव सेवक संस्था का निर्माण किया।
मंदिर के ठीक सामने रहने वाले नपा डबवाली के पूर्व अध्यक्ष 81 वर्षीय चौधरी रामलाल बताते हैं कि इसी दौरान रैगर समाज से संबंध रखने वाले मुकंदा राम ने मंदिर के साथ लगती एक बिसवा जमीन मंदिर को दान कर दी। उस समय रैगर समाज के करीब 400 घर थे। प्रत्येक घर खुशी-गमी के मौके पर मंदिर को दान दिया जाने लगा। इसी दान के सहारे उन्होंने जमीन पर दुकानें काट दी। दुकानों के निर्माण के बाद आने वाली आमदन से मंदिर के पुजारी तथा वहां रूकने वाले संत-फकीर के भोजन की व्यवस्था होने लगी।
खुशी का मौका हो या फिर गम का मौका रैगर समाज के लोगों ने इन दोनों अवसरों पर मंदिर को दान देने की रसम अपना ली। धीरे-धीरे मंदिर की मान्यता बढऩे लगी। साल में दो बार मेला भरने लगा। इस मेले में आने वाले लोगों की मनोकामना पूर्ण होने लगी। जिससे गली, मोहल्ले फिर शहर के लोग मंदिर में आने लगे। लेकिन सत्तर साल पहले रैगर समाज में शुरू हुई परंपरा आज भी कायम है। घर में छोटा सा कार्यक्रम होने पर भी मंदिर को दान देना नहीं भूलते।
बन गई परंपरा
मंदिर को संभाल रहे बाबा रामदेव सेवा मण्डल के अध्यक्ष प्रेम कनवाडिय़ा तथा सदस्य कृष्ण खटनावलिया ने बताया कि वे पीढ़ी दर पीढ़ी इस परंपरा का निर्वाह करते आ रहे हैं। उनके बुजुर्गों से उन्हें इस रसम की जानकारी मिली है। समाज के जिस भी घर में कोई कार्यक्रम होता है, उसी समय मंदिर के विकास के लिए परिवार खुद ब खुद दान देने की रसम निभाता है। उन्होंने बताया कि यह समाज के लोगों का सहयोग तथा बाबा रामदेव की कृपा है, जो एक कमरे का मंदिर विशाल मंदिर में परिवर्तित हो गया है और साथ में धर्मशाला बन गई है।
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मंगलवार, 13 सितंबर 2011
कांग्रेसी नेताओं का अगला पड़ाव तिहाड जेल- गणेशी लाल
डबवाली (यंग फ्लेम) कांग्रेस का कार्यकर्ता तो अपने नेताओं की लड़ाई में उलझा है, वह अपने नेताओं के तिहाड़ जेल में दर्शन करने जायेगा या हिसार उपचुनाव में काम करेगा - कांग्रेस पर यह कटाक्ष हरियाणा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एंव पूर्व मंत्री प्रो. गणेशी लाल ने जिला महासचिव सतीश जग्गा के निवास पर डबवाली के प्रमुख पदाधिकारियों से बातचीत करते हुये किया। प्रो. लाल ने दावा किया कि भाजपा-हजकां गठबंधन से दोनो दलों के कार्यकर्ताओं में उत्साह है और यह उल्लास हिसार लोकसभा में गठबन्धन प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई की विजय को सुनिश्चित करेगा। उन्होने जीत के समीकरण बताते हुए कहा कि जो भी भाजपा से मिल जाये उसी की सरकार निश्चित होती है, दुसरे पूर्व में कुलदीप कांग्रेस और इनैलो को हराकर भिवानी में शानदार जीत हासिल कर चुके हैं, तीसरा यह कि हरियाणा की जनता के आशीष से स्व. चौ. भजन लाल कई बार मुख्यमन्त्री और केन्द्रीय मन्त्री भी रहे तथा जनता के दिल में आज भी स्व. चौ. भजन लाल के लिये सम्मान है। इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष बलदेव सिंह मांगेआना, जिला महासचिव सतीश जग्गा, कर्मचारी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश प्रभारी एस.डी.कपूर, अनुसूचित मोर्चा के जिला प्रभारी दात्ता राम, डबवाली मण्डल अध्यक्ष कृष्ण ग्रोवर, मण्डल महामन्त्री परवेश घई, कृष्ण कीनीया, बूटा सिंह हैबूआना, अजैब सिंह भाटी, राम किशन मैहता सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
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डबवाली संगरिया सड़क के निर्माण का मामला मुख्यमंत्री के दरबार में
डबवाली(यंग फ्लेम)3-3 फुट गहरे खड्डों व अति दयनीय स्थिति के चलते पिछले काफी दिनों से बंद पडी लगभग 32 किलोमीटर लंबी डबवाली-संगरिया रोड़ के टैंडर होने के बावजूद निर्माण कार्य ना आरंभ के बारे में सरदार गुरदेव सिंह शांत फाऊन्डेशन के संयोजक इकबाल सिंह शांत नेहरियाणा के मुख्य मंत्री श्री भुपिंदर सिंह हुड्डा को फैक्स द्वारा पत्र भेजकर सडक का निर्माण तुरंत शुरू करवाने की मांग की है। पत्र में उन्होने ने मुख्य मंत्री को सडक की यथास्थिति से अवगत करवाते हुऐ कहा कि पंजाब और हरियाणा को राजस्थान के साथ जोडऩे वाली 32 किलोमीटर लम्बी मुख्य सड़क डबवाली -संगरिया रोड पिछले 4 दिनों से बंद है और जगह -जगह पर ट्रक व बसें दो -दो फुट गहरे खड्डों में फंसे हुए हैं। इस पूरी सड़क का पिछले दो सालों से बेहद बुरा हाल है। टैंडर
होने के बावजूद भी सड़क का निर्माण कार्य न शुरू होने के पीछे राजनैतिक व प्रशासनिक इच्छा शक्ति की कमी का अंदाजा सहज रूप से लगाया जा सकता है। उन्होने सडक निर्माण के शुरू ना करवाने के पीछे एक सोची समझी साजिश करार देते हुए कहा कि डबवाली इलाके के लोग चौपालों पर बैठ कर सडक की मंदी हालत के बारे में चिंतन करते हुऐ खुद को असहाय महसूस करते हैं। उन्होने कहा कि सियायी द्वेष व प्रशासनिक निष्कर्यता का जिक्र करते हुए कहा कि डबवाली में स्थानीय प्रशासन लगभग निष्क्रय होने के समान है और टेंडर होने
के बावजूद भी इस सड़क का निर्माण पिछले दो-तीन महीनो से शुरू नहीं हो सका है। इसके ईलावा बेशक यह सडक चौटाला गाँव के आगे से गुजरती है पर
यह रास्ता राजस्थान के प्रसिद्ध धाम सालासर की ओर भी जाता है। यहाँ पर रोजाना हमारे क्षेत्र से सैंकड़ों लोग वहां दर्शनों के लिए जाते है। इसके अतिरिक्त यह जयपुरा कांडला व अहमदबाद के लिए भी मुख्य मार्ग है तथा यातायात के लिए यह गुजरात तक के लिए सबसे सुरक्षित तथा कम लम्बाई का रास्ता है। उन्होने मुख्य मंत्री से पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के बीच सेतू बने डबवाली-संगरिया रोड के निर्माण कार्य को तुरंत आरम्भ करवाने की मंाग की।



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समाचार प्रकाशित न होने पर पत्रकार से मारपीट
डबवाली-प्रकाशित न होने पर कुछ युवकों द्वारा डबवाली के एक पत्रकार के साथ मारपीट करने व उसके कार्यालय में पहुंचकर तोडफ़ोड़ किए जाने का मामला सामने आया है। पीडि़त पत्रकार बलवीर लखोत्रा ने इसकी शिकायत सिटी थाना डबवाली में दर्ज करवाई दी है। शिकायत में उन्होंने कहा कि गांव अलीकां निवासी सुखदेव सिंह व उसके 3-4 साथी कुछ दिन पहले उनके कार्यालय में आए और एक समाचार प्रकाशित करने की बात कही। पत्रकार के पास समाचार का कोई ठोस सबूत न पहुंचने के कारण समाचार प्रकाशित नहीं किया जा सका। समाचार प्रकाशित न होने पर गत दिवस उक्त युवक पत्रकार के कार्यालय पहुंचे और उनके साथ गाली गलौच करने लगे। पत्रकार द्वारा गाली गलोच का विरोध करने पर उक्त युवक तैश में आ गए और उनके साथ मारपीट कर कार्यालय में तोडफ़ोड़ शुरु कर दी। पत्रकार ने इसकी शिकायत सीटी थाना डबवाली में दर्ज करवा दी है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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सोमवार, 12 सितंबर 2011
मेहता ने किया नन्हें बच्चों की रामलीला का शुभांरभ
डबवाली- एक ओर जहां रामलीला के लिए युवाओं में काफी उत्साह पाया जाता है, वहीं दुसरी ओर नन्हें-मुन्हें बच्चे भी किसी से कम नहीं है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला गांव बिज्जूवाली के नन्हें-मुन्हें बच्चों में। गत रात्रि बिज्जूवाली के बच्चों द्वारा रामलीला शुरू करवाई गई। जिसका शुभांरभ समाजसेवी रोहित मेहता ने रिबन काटकर किया। नन्हें-मुन्हें बच्चों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस कलियुग में श्री रामचन्द्र जी के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए हम सब मिलकर फिर से रामराज की स्थापना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रामलीला को सिर्फ एक नाटक न मानकर बल्कि इससे हमें त्याग, धर्म व सत्य की प्रेरणा लेनी चाहिए तथा समाजिक व धार्मिक कार्यों में जितना हो सके उतना योगदान देना चाहिए। उन्होंने बच्चों को नशे से दुर रहने का भी संदेश दिया। वहीं उन्होंने ग्रामीणों से भी इन नन्हें-मुन्हें बच्चों का सहयोग करने का अनुरोध किया। ताकि यह बच्चे आने वाले समय में अच्छे ढंग से अपनी कला का प्रदर्शन कर सके और धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग दे सकें। इस मौके पर शांति स्वरूप, हरीश मेहता, यशपाल शर्मा, अजय वधवा, रामू बिजारनियां, विजय मेहता, संदीप बिरट, रीशू मेहता, मनीष शर्मा सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।
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शनिवार, 10 सितंबर 2011
बिज्जूवाली में बरसात से गिरा मकान
डबवाली (यंग फ्लेम) बिज्जूवाली क्षेत्र में हो रही पिछले कुछ दिनों से भारी बरसात लोगों व किसानों के लिए आफत बनकर आई है। एक ओर जहां किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है, वहीं दुसरी ओर लोगों के भी मकान गिर गए हैं। बरसात का पानी सड़कों पर खड़ा रहने से आने-जाने वाले राहगीरों को बुरी तरह परेशान कर रहा है।
गांव बिज्जूवाली निवासी पंच चमेली देवी पुत्नी धौंकल राम का गत रात्रि बरसात के कारण मकान गिर गया। जिससे उनका काफी नुकसान हो गया है। मकान में रखा सारा सामान नष्ट हो गया। मकान मालिक ने बताया कि वह अपने घर के आगे गत रात्रि गली में चारपाई पर सोया हुआ था, अचानक उसे तेज धमाके की आवाज सुनाई तो उसने देखा की उसका मकान गिरा पड़ा था। उसने तुरंत पड़ोसियों की सहायता से बचा-कुचा सामान बाहर निकाला। उसने बताया कि उसकी गाय भी मकान के पास बंधी हुई थी, गाय की रस्सी कमजोर होने के कारण गाय रस्सी तुड़वाकर वहां से दुर जा पहुंची। जिससे गाय सही-सलामत बच गई। उन्होंने जिला प्रशासन व सरकार से मांग की है कि उन्हें मकान का मुआवजा दिया जाए।
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शुक्रवार, 9 सितंबर 2011
सड़क की मुरम्मत करवाने के लिए दुकानदारों ने एसडीएम को सौंपा मांग पत्र
डबवाली (यंग फ्लेम) चौटाला रोड निहायत ही खस्ता हाल में होने के कारण इस रोड से गुजरने वाले वाहन चालकों व दुकानदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में वीर
वार को चौटाला रोड पर स्थित दुकानदारों व निवासियों ने एसडीएम मुनीश नागपाल को एक मांग पत्र सौंपा। जिसमें इस रो ड की जल्द से जल्द मुरम्मत करवाने की मांग की गई। चौटाला रोड पर स्थित दुकानदार इनेलो नेता राकेश शर्मा, कैमिस्ट एसोसिएशन के प्रधान दर्शन सोनी, महिंद्र सचदेवा, हैप्पी गिल, लवली, गेजा सिंह भुल्लर, संजय अग्रवाल, ज्ञानदीप, राजेंद्र चावला, हरि ओम, राजेंद्र सेठी, धीरज कुमार, रजत कुमार, गुरबचन सिंह, सीताराम, अशोक बांसल व अन्य ने बताया कि हुड्डा सरकार व प्रशासन की लापरवाही के चलते चौटाला रोड पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने के कारण यह सड़क बनने के कुछ समय बाद ही बैठने लग गई थी वर्तमान में हालात ये है कि सड़क में 2 से 3 फीट तक के गहरे गढ़े हो चुके है और गत दिनों से हो रही बरसात ने इन गढ़ों और भी गहरा कर दिया है। वर्षा का पानी रूकने के कारण यह गढ़े दिखाई नहीं देते जिस कारण कई वाहन चालक हादसों का शिकार हो चुके है और कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि सड़क के गढ़ों को भरने के लिए संबंधित विभाग द्वारा मिट्टी डाली जा रही है जोकि आने वाले समय में हादसों का कारण बन सकती है। उन्होंनं प्रशासन से शीघ्र सड़क निर्माण अथवा बजरी व लुक से मुरम्मत करवाने की मांग की है। उन्होंने प्रशासन व सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस और प्रशासन व सरकार कोई ध्यान नहीं देती तो दुकानदार व शहर निवासी चौटाला रोड पर जलूस व रोड जाम करेंगे। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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अभय चौटाला 10 को लेंगे कार्यकर्ताओं की बैठक
डबवाली (यंग फ्लेम) ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला कल 10 सितंबर को प्रात: 10 बजे पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक चौ. देवी लाल सदन सिरसा में लेंगे। बैठक में डबवाली के इनेलो पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी शामिल होंगे। बैठक में आगामी 25 सितंबर को ताऊ देवी लाल के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हिसार में होने वाली राज्य स्तरीय रैली को लेकर कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा हिसार उपचुनाव में पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवार अजय सिंह चौटाला की जीत सुनिश्चित करने के लिए भी रूपरेखा तैयार की जाएगी।
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बाबा रामदेव के गुणगान से गुंजा बिज्जूवाली
डबवाली (यंग फ्लेम) गांव बिज्जूवाली के रामदेव मंदिर में हर साल की तरह गत रात्रि समस्त गांववासियों के सहयोग से भाद्रपद शुक्ल दशमी के उपल्क्ष्य पर बाबा रामदेव पीर का विशाल जागरण आयोजित करवाया गया।
जागरण से पहले श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था की गई। जागरण में बाहर से आए कलाकारों ने बाबा रामदेव जी के भजनों का गुणगान किया, जिसका श्रद्धालुओं ने खूब आनंद उठाया। कलाकारों द्वारा गाए गए भजनों में ''अजमल जी रा कवरा, म्हारा बाबा थान भुलां ना एक घड़ीÓ 'जिला मेरा सिरसा रे डबवाली के पास में गांव मेरा बिज्जूवाली रे बाबा रामदेव जी के आसरेÓ 'पीछम धरा सूं म्हारा पीर जी पधारेयाÓ 'म्हारो बाबो रामदेव आसी रे नीले गोड़लिय पर चढग़ेÓ 'साच्ची बात बताजा मोरीया बाबो कद आसीÓ 'कर बाब न याद पता नी के दे दयÓÓ सहित अनेक सुन्दर-सुन्दर भजनों से पंडाल गुंज उठा। प्रात: 4 बजे बाबा रामदेव जी की आरती करने के बाद श्रद्धालुओं को बाबा रामदेव जी का प्रसाद वितरित किया गया। जागरण के दौरान श्रद्धालुओं के लिए चाय-पानी का भी प्रबंध किया गया। बाबा रामदेव के पावन दरबार को सेवादारों द्वारा बिजली की रंग-बिरंगी लडिय़ों आदि से सजाया गया, जो कि हर किसी का मन मोह रही थी। इस मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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टी.एल.एम. की प्रदर्शनी व एन.एस.एस. शिविर आयोजित
डबवाली (यंग फ्लेम) राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रिसालिया खेड़ा में कलस्टर स्तर पर टी.एल.एम. की विभिन्न विषयों की प्रदर्शनी आयोजित की गई। जिसमें क्षेत्र के राजकीय उच्च विद्यालय बनवाला, राजकीय माध्यमिक विद्यालय रामपुरा बिश्रोईयां, राजकीय प्राथमिक पाठशाला व राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला रिसालिया खेड़ा के अध्यापकों ने भाग लिया। प्रदर्शनी में प्रथम स्थान गणित का मॉडल कशमीर चंद गणित अध्यापक, समाजिक में प्रथम स्थान कृष्ण कुमार समाजिक अध्यापक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रिसालिया खेड़ा, पंजाबी में राजकीय उच्च विद्यालय बनवाला प्रमजीत कौर, विज्ञान में ओमप्रकाश विज्ञान अध्यापक तथा विकास, जे.बी.टी. इन्द्र सैन, रवि व प्रेम कुमार के मॉडल प्रथम स्थान पर रहे। विद्यालय के प्राचार्य व स्कूल स्टाफ सदस्यों द्वारा प्रदर्शनी के मॉडलों की भरपूर प्रशंसा की गई। वहीं दूसरी ओर विद्यालय की एन.एस.एस. यूनिट द्वारा एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें यूनिट के जगदीश प्रसाद गणित प्रवक्ता ने केम्प का शुभांरभ किया। उन्होंने विद्यार्थियों व विद्यालय के स्टाफ सदस्यों को शिक्षा के अधिकार के बारे में विस्तार बताया। इसके बाद शिक्षा के अधिकार के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा गांव में एक रैली निकाली गई। जिनका मुख्य नारा था ''आज सबका प्रमुख नारा, शिक्षा का अधिकार हमाराÓÓ सहित अनेक विद्यार्थियों ने शिक्षा के प्रति नारे लगाए। रैली के उपरांत विद्यार्थियों ने वर्षा के मौसम को ध्यान में रखते हुए विद्यालय के कमरों की छतों की सफाई की एवं कमजोर दीवारों के साथ-साथ मिट्टी भी डाली, जिसमें लगभग विद्यालय के 125 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय के प्राचार्य भूप सिंह ने विद्यार्थियों को समाजिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
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मजदूरी न मिलने पर नरेगा मजदूरों ने जताया रोष
डबवाली (यंग फ्लेम) खंड के गांव मसीतां में नरेगा स्कीम के तहत मजदूरी न मिलने पर मजदूरों ने वीरवार को खण्ड विकास एंव पंचायत अधिकारी कार्यालय मे अपना रोष व्यक्त किया।
गांव मसीतां के मजदूरों ने बताया कि उन्होने गांव मे पंचायती राज व पीडब्लयुडी की नरेगा स्कीम के तहत सडकों व खालों की सफाई का कार्य किया था। लेकिन पिछले 2 महिनो से उन्हे उनकी मजदूरी नहीं मिली जिस कारण उनके बच्चे भूखेे व प्यासे बैठे है। मजदूरों ने बताया कि बीडीपीओ व ऐवीपीओ डबवाली हर बार उन्हे मजदूरी दिलवाने का अश्वासन देते है। लेकिन अभी तक उन्हें मजदूरी नही मिली जिस कारण वीरवार को मजदूरों ने एसडीएम डबवाली के समक्ष भी पेश होकर मुख्यमंत्री हरियाणा व उपायुक्त सिरसा के नाम एक मांग भी सौंपा।
मजदूरों ने इस मांग पत्र में कलिखा कि उनके द्वारा किए गए कार्य की उन्हें मजदूरी दिलाई जाए एवंं दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।
गांव मसीतां के मजदूरों ने बताया कि उन्होने गांव मे पंचायती राज व पीडब्लयुडी की नरेगा स्कीम के तहत सडकों व खालों की सफाई का कार्य किया था। लेकिन पिछले 2 महिनो से उन्हे उनकी मजदूरी नहीं मिली जिस कारण उनके बच्चे भूखेे व प्यासे बैठे है। मजदूरों ने बताया कि बीडीपीओ व ऐवीपीओ डबवाली हर बार उन्हे मजदूरी दिलवाने का अश्वासन देते है। लेकिन अभी तक उन्हें मजदूरी नही मिली जिस कारण वीरवार को मजदूरों ने एसडीएम डबवाली के समक्ष भी पेश होकर मुख्यमंत्री हरियाणा व उपायुक्त सिरसा के नाम एक मांग भी सौंपा।
मजदूरों ने इस मांग पत्र में कलिखा कि उनके द्वारा किए गए कार्य की उन्हें मजदूरी दिलाई जाए एवंं दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।
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बुधवार, 7 सितंबर 2011
भूमि अधिग्रहण कानून जल्द होगा पास हुड्डा सैक्टर स्कीम पड़ सकती है खटाई में
महावीर सहारण (09354862355)
डबवाली- नए भूमि अधिग्रहण का मसौदा केबीनेट में पास हो जाने से डबवाली में हुड्डा सैक्टर हेतु जमीन अधिग्रहण पर सवालिया निशान लग गया है।
डबवाली- नए भूमि अधिग्रहण का मसौदा केबीनेट में पास हो जाने से डबवाली में हुड्डा सैक्टर हेतु जमीन अधिग्रहण पर सवालिया निशान लग गया है।
देशभर में जमीन अधिग्रहण को लेकर विभिन्न स्तरों पर हो रहे विरोध के चलते केंद्र सरकार पर विगत लंबे समय से भूमि अधिग्रहण कानून 1894 को बदलने हेतु दबाव पड़ रहा था। जमीनों के दामों में भारी उछाल के चलते भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों का फायदा उठाते हुए भू-माफिया राजनीतिक गठजोड़ के चलते उपजाऊ जमीनों को ओने-पौने दामों पर हड़पने में लगा हुआ था। इन हालातों में विभिन्न उच्च न्यायलयों एवं उच्चतम न्यायलय में भारी संख्या में यचिकाएं दाखिल हो रही थी तथा अधिकांश फैंसले भी भू-मालिकों के पक्ष में आ रहे थे। अब केंद्र सरकार ने अखिरकार किसानों की सुध लेते हुए अधिग्रहण कानून में आमूल-चूल परिवर्तन ही कर दिया है। नया सम्मावित कानून जिसके जल्द ही संसद द्वारा पारित हो जाने की संभावना है में सब से अहम बात यह है कि 80 प्रतिशत भूमि मालिकों की सहमति से ही भूमि ली जाएगी तथा ग्रामीण क्षेत्र में कलेक्टर रेट से 4 गुणा व शहरी क्षेत्र में 2 गुणा मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही 2 हजार मासिक 20 वर्ष तक प्रति एकड़ मुआवजा मिलेगा। मौजूदा समय में जिस स्कीम का कब्जा नहीं लिया जा सका है या मुआवजा वितरित नहीं किया गया है उन पर नया कानून लागू होगा। डबवाली में हुड्डा आवासीय सैक्टर के निर्माण हेतु लगभग 200 एकड़ भूमि की अधिग्रहण प्रक्रिया चल रही है तथा अधिकांश भूमि मालिक इस अधिग्रहण का विरोध कर रहे है। नया सम्मावित कानून इन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होने जा रहा है। क्योंकि शहरी आबादी के साथ होने से बेहद महंगी जमीन हुड्डा द्वारा बहुत ही कम कीमत पर ली जा रही थी। जीटी रोड पर लगते भूमि मालिकों को तो इस अधिग्रहण से बेहद नुकसान हो रहा था हुड्डा अगर 80 प्रतिशत मालिकों को खुश करके व उनकी मर्जी मुताबिक कीमत अदा करके सैक्टर विकसित करता है t सैक्टर के प्लाटों की कीमत कई गुणा बढ़ जाएगी अन्यथा हुड्डा को स्कीम पर पूर्नविचार करना पड़ेगा। इन हालातों में शहर में आवासीय प्लाटों में तेजी आने की संभवानाएं बढ़ गई है।
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मंगलवार, 6 सितंबर 2011
Poonam Pandey strips near nude for Team India --------->>>>
NewDelhi(ANI): Poonam Pandey, who rose to fam
e with her claim to go nude at Indian cricket team's World Cup win, is back in news again.

The model turned reality show actor, who did not strip at that time, has now come pretty close to fulfilling that promise. She has posted an image of herself in a bikini on the micro blogging site Twitter, which she calls a 'Motivational Surprise' for the Indian team. Poonam claims it to be her own way of inspiring and encouraging the Indian team, which has not been performing well in the ongoing England tour. The model tweeted, "The world will see that I lived up to my inspiration. Now, I am sure my team will beat England. Our time has come." And then she tweeted, "All my followers count till 100 and a motivational pic for Men in Blue is on its way".
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सोमवार, 5 सितंबर 2011
ਪੰਜਾਬ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੀਆਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਚੋਣਾਂ 'ਚ ਡੱਬਵਾਲੀ ਅਤੇ ਲੰਬੀ ਹਲਕੇ ਦਾ ਹੋਇਆ ਦਬਦਬਾ ਕਾਇਮ
ਪੰਜਾਬ ਅਤੇ ਹਰਿਆਣੇ ਦੀ ਰਵਾਇਤੀ ਸਿਆਸਤ 'ਤੇ ਗਹਿਰਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਰੱਖਦੇ ਲੰਬੀ ਹਲਕੇ ਅਤੇ ਡੱਬਵਾਲੀ ਖੇਤਰ ਦਾ ਦਬਦਬਾ ਪੰਜਾਬ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੀਆਂ ਬੀਤੇ ਦਿਨ੍ਹੀਂ ਹੋਈਆਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਕੌਂਸਲ ਚੋਣਾਂ 'ਚ ਕਾਇਮ ਰਿਹਾ।
ਸੋਪੂ ਅਤੇ ਸੋਈ ਗੱਠਜੋੜ ਦੀ ਟਿਕਟ 'ਤੇ ਰਿਕਾਰਡ 1001 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਕੌਂਸਲ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਚੁਣੇ ਪੁਸ਼ਪਿੰਦਰ ਸ਼ਰਮਾ ਵੀ ਡੱਬਵਾਲੀ ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਵਸਨੀਕ ਹਨ। ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਿਤਾ ਉੱਘੇ ਸਮਾਜ ਸੇਵੀ ਸਵਰਗੀ ਸੁਭਾਸ਼ ਸ਼ਰਮਾ ਨੇ ਸੰਨ 82 ਦੇ ਦੌਰ ਵਿਚ ਖੁਸ਼ਦਿਲ ਕਲਚਰਲ ਸੁਸਾਇਟੀ ਦਾ ਸਥਾਪਨਾ ਕਰਕੇ ਇਲਾਕੇ ਵਿਚ ਸੱਭਿਆਚਾਰਕ ਸਫ਼ਾ ਨੂੰ ਨਵੀਂ ਦਿਸ਼ਾ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀ ਸੀ।
ਖੇਤਰ ਦੇ ਪਿੰਡ ਮਿੱਡੂਖੇੜਾ ਦੇ ਸਾਬਕਾ ਸਰਪੰਚ ਅਤੇ ਧੱਕੜ ਆਗੂ ਵਜੋਂ ਜਾਣੇ ਜਾਂਦੇ ਸ: ਗੁਰਦਿਆਲ ਸਿੰਘ ਮਿੱਡੂਖੇੜਾ ਦੇ ਨੌਜਵਾਨ ਪੁੱਤਰ ਬਿਕਰਮਜੀਤ ਸਿੰਘ ਉਰਫ਼ 'ਵਿੱਕੀ ਮਿੱਡੂਖੇੜਾ' ਜੋ ਕਿ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਜਥੇਬੰਦੀ ਸਟੂਡੈਂਟ ਆਰਗੇਨਾਈਜੇਸ਼ਨ ਆਫ਼ ਪੰਜਾਬ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ 'ਸੋਪੂ' ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਅਜੋਕੇ ਦੌਰ ਵਿਚ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਰਾਜਨੀਤੀ 'ਤੇ ਗਹਿਰਾ ਪ੍ਰਭਾਵ ਹੈ।
ਵਿੱਕੀ ਮਿੱਡੂਖੇੜਾ ਨੇ ਅੱਜ ਫੋਨ 'ਤੇ ਗੱਲਬਾਤ ਕਰਦਿਆਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਇਸ ਵਾਰ ਸੋਪੂ ਅਤੇ ਸੋਈ ਨੇ ਇੱਕ ਸਾਂਝੇ ਗੱਠਜੋੜ ਦੇ ਤਹਿਤ ਇਨਸੋ, ਏ.ਬੀ.ਵੀ.ਪੀ ਅਤੇ ਪੁਸੂ ਦੇ ਤੀਹਰੇ ਗੱਠਜੋੜ ਨੂੰ ਧੂਲ ਚਟਾਉਂਦਿਆਂ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੇ 7 ਦੇ ਕਰੀਬ ਕਾਲਜਾਂ ਵਿਚੋਂ ਹੂੰਝਾਫੇਰ ਜਿੱਤ ਹਾਸਲ ਕੀਤੀ ਹੈ। ਸ੍ਰੀ ਮਿੱਡੂਖੇੜਾ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ 'ਤੇ ਅਦਾਲਤ ਵਿਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਮਾਮਲੇ ਵਿਚਾਰਧੀਨ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਤਕਨੀਕੀ ਪੱਖੋਂ ਉਹ ਚੋਣ ਲੜ੍ਹਣ ਦੇ ਅਯੋਗ ਸਨ। ਜਿਸ ਕਰਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਜਥੇਬੰਦੀ ਦੇ ਨੌਜਵਾਨ ਆਗੂ ਪੁਸ਼ਪਿੰਦਰ ਸ਼ਰਮਾ ਉਰਫ਼ ਮਨੂੰ (ਡੱਬਵਾਲੀ) ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਉਮੀਦਵਾਰ ਥਾਪਿਆ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੋਪੂ+ਸੋਈ ਗੱਠਜੋੜ ਦੇ ਉਮੀਦਵਾਰ ਪੁਸ਼ਪਿੰਦਰ ਸ਼ਰਮਾ ਨੇ 3730 ਵੋਟਾਂ ਹਾਸਲ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਵਿਰੋਧੀ ਉਮੀਦਵਾਰ ਸੁਮਿਤ ਮਿਗਲਾਨੀ ਨੂੰ 1001 ਵੋਟਾਂ ਦੇ ਫ਼ਰਕ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ।
ਦਿਲਚਸਪ ਗੱਲ ਇਹ ਵੀ ਹੈ ਕਿ ਸੁਮਿਤ ਮਿਗਲਾਨੀ ਵੀ ਨੇੜਲੇ ਸ਼ਹਿਰ ਮਲੋਟ ਦੇ ਵਸਨੀਕ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ 2729 ਵੋਟਾਂ ਮਿਲੀਆਂ।ਡੱਬਵਾਲੀ ਸ਼ਹਿਰ ਤੇ ਲੰਬੀ ਹਲਕੇ ਦੇ ਸੋਪੂ ਅਤੇ ਸੋਈ ਦੇ ਕਾਰਕੁੰਨਾਂ ਵਿਚ ਭਾਰੀ ਉਤਸ਼ਾਹ ਪਾਇਆ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਹੈ ਕਿ ਸੋਪੂ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਵਿੱਕੀ ਮਿੱਡੂਖੇੜਾ ਅਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਕੌਂਸਲ ਦੇ ਨਵੇਂ ਚੁਣੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਪੁਸ਼ਪਿੰਦਰ ਸ਼ਰਮਾ ਦਾ ਖੇਤਰ ਵਿਚ ਆਉਣ 'ਤੇ ਭਰਵਾਂ ਸਵਾਗਤ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇਗਾ।
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रविवार, 4 सितंबर 2011
हजारों रूपए की राशि खर्च कर प्रशासन के लाप्रवाह अधिकारियों को दिखिया आईना
बठिंडा चौक में नहीं जमा होगा अब बरसाती पानी
डबवाली(यंग फ्लेम) पिछले 10 वर्षों से शहरवासियों के लिए बरसाती पानी की निकासी मुसिबत का कारण बनी है वहीं इस समस्या का हल निकालने के लिए प्रशासन ने एड़ी
चोटी का भी जोर लगा लिया मगर वह अपने इस प्रयास में फैल ही साबित हुआ। इस समस्या के समाधान के लिए शहर के एक नौजवान व्यापारी ने अपनी जैब से हजारों रूपए की राशि खर्च कर प्रशासन के लाप्रवाह अधिकारियों को आईना दिखाने का कार्य किया।
राजस्थान पंजाब व हरियाणा को आपस में जोडऩे वाले शहर डबवाली का बठिंडा चौक जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 पर स्थित है जहां पर बरसात के दिनों में राहगीरों व वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि शहर में हलकी सी भी बरसात होने पर बठिंडा चौक में पानी एकत्रित हो जाता है इस बरसाती पानी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए युवा व्यापारी विकास सिंगला ने हजारों रूपए खर्च कर जमीन में एक 9 ईंच का बोर करवाकर बरसाती पानी की धरती में निकासी करवाने का फैंसला लिया। पिछले तीन-चार दिनों से बठिंडा चौक में बरसाती पानी को जमीन में डालने के लिए बोर करने का कार्य जोरों पर चल रहा है। इस कार्य को पूर्ण होने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। जब हमारे संवादाता ने विकास सिंगला से बात की तो उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में गोल चौक का एरिया एक जोहड़ का रूप धारण कर लेता है व प्रशासन तो इस समस्या का कोई हल नहीं कर पाया तो उन्होंने अपने तौर पर इस समस्या का हल ढूढंने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि जहां एक और चौक के दुकानदारों व राहगीरों को इस बरसाती पानी से राहत मिलेगी वहीं दूसरी और यह बरसाती पानी धरती में समा कर गिर रहे जल स्त्तर को बढ़ाने में मद्दगार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की और से अब बड़े शहरों के घरों व बड़ी इमारत बनाने में बरसाती पानी की निकासी जमीन में करवाने को जरूरी किया गया है। जहां इससे वाटर रिचार्ज भी हो जाता है वहीं सीवरेज सिस्टम भी बरसाती पानी के बोझ से बच जाता है।

श्री सिंगला ने बताया कि इस बोर को खुदवाने में उनकी लगभग 20 हजार रूपए की राशि खर्च होगी तथा इस बोर पर एक चैम्बर बनाया जाएगा। जिसमें मिट्टी आदि कणों को अंदर प्रवेश न करने का प्रबंध किया जाएगा।
अब प्रशासन इस और ध्यान दें तो शहर के अन्य निचले इलाकों में भी ऐसे ही बोर करवाकर उनकी पानी निकासी की समस्या से निजात दिला सकता है।
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मनमोहन सिंह के पास सिर्फ मारुति -800 कार है, लेकिन पवार के पास कोई कार नहीं
भ्रष्टाचार को लेकर घिरी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार के मंत्रियों में करोड़पतियों की भरमार है। पीएमओ की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए गए चल - अचल संपत्ति के आंकड़े के मुताबिक , कपिल सिब्बल , प्रफुल्ल पटेल और एम . के . अलागिरी सबसे रईस हैं , वहीं रक्षा मंत्री ए . के . एंटनी के पास सबसे कम संपत्ति है। हालांकि , चौंकाने वाली बात यह है कि सभी मंत्रियों को 31 अगस्त तक यह ब्योरा पीएमओ को उपलब्ध कराने के निर्देश के बावजूद वी . किशोर चंद्र देव , विलास राव देशमुख , जयंती नटराजन , जितेंद्र सिंह , नमो नारायण मीणा और कृष्णा तीरथ समेत करीब 10 मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास गाड़ी के नाम पर सिर्फ 1996 मॉडल की एक मारुति 800 कार है। वहीं , उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्यों के पास एक से ज्यादा लग्जरी गाडिय़ां हैं। प्रधानमंत्री के नाम खेती योग्य कोई जमीन नहीं है , जबकि उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों के पास कई हजार एकड़ कृषिभूमि है। जन लोकपाल विधेयक को लेकर हुए हालिया आंदोलन के दौरान टीम अन्ना के निशाने पर रहे सिब्बल के देश के कई शहरों में फ्लैट और दो राज्यों में खेती योग्य जमीन है। प्रधानमंत्री के पास चंडीगढ़ में 4498.5 वर्गफुट क्षेत्रफल का एक फ्लैट है।
उनके पास इसी शहर में 2907 वर्गफुट का एक और घर है जो 1987 में उन्होंने 8,62000 रुपये में खरीदा था। दोनों की कुल मौजूदा कीमत 90 लाख है। पीएम का एक फ्लैट वसंत कुंज में भी है , जिसकी मौजूदा कीमत 88.67 लाख बताई गई है। उनके पास 15 हजार रुपये ही नकद में हैं। बैंकों में उनकी जमापूंजी का ब्योरा देखें , तो सेंट्रल एसबीआई सेक्रेटेरिएट शाखा में 11,39,889 और 6,46,293 रुपये , एसबीआई संसद भवन शाखा में आठ लाख से ज्यादा की राशि जमा है।
पत्नी गुरशरण कौर के स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में खाते में 11 लाख से अधिक राशि जमा है। एसबीआई में पीएम की एफडी करीब 50 लाख रुपये की है। एसबीआई की सेंट्रल सेक्रेटेरियट शाखा में टर्म डिपॉजिट 30 लाख , नब्बे लाख और अस्सी लाख के हैं। इसी तरह 7 लाख से ज्यादा के पोस्ट ऑफिस में एनएसएस भी मनमोहन ने ले रखे हैं। पीएम की पत्नी के पास 2.75 लाख के सोने के आभूषण हैं। पीएम के पास दूसरे मंत्रियों की तरह कोई कृषि या दूसरी जमीन नहीं है।
सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपनी कुल अचल संपत्ति 62,58279 रुपये की और चल संपत्ति 63,06327 होने की जानकारी दी है। कुल मिलाकर उनकी संपत्ति 1,25,64,606 रुपये की है। प्रणब ने अपने पास फोर्ड आइकॉन कार होने की जानकारी भी दी है। मुनीरका में उनके पास एक फ्लैट है , जिसकी कीमत 39.20 लाख है। प्रणब दा के पास कोलकाता में भी 21.12 लाख का एक फ्लैट है। पैतृक कृषि जमीन और मकान में उनका अच्छा खासा हिस्सा है।
रक्षा मंत्री ए . के . एंटनी संपत्ति - जमापूंजी के मामले में सबसे नीचे नजर आ रहे हैं। उनके पास न तो कोई घर है और न कार। कामकाजी पत्नी के पास एक कार जरूर है , वह भी सेकंड हैंड मारुति वैगनआर। इसे भी उन्होंने 1.30 लाख के लोन से खरीदा है। पत्नी के पास 15 लाख का एक घर केरल में है और इतनी की कीमत का एक प्लॉट उनके पास है। गृहमंत्री पी . चिंदबरम की अचल और चल संपत्ति की कुल कीमत 11.16 करोड़ रुपये है। कृषि मंत्री शरद पवार की कुल अचल संपत्ति 3.46 करोड़ की है तो उनकी पत्नी की अचल संपत्ति की कुल कीमत 96.97 लाख है। हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के नाम पर 1.65 करोड़ रुपये पवार परिवार के पास हैं। हैरानी की बात यह है कि पवार ने अपने पास कार नहीं होने की जानकारी दी है। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के पास कुल पूंजी करीब 17.59 करोड़ जबकि अचल संपत्ति 32 लाख के करीब है।
कपिल सिब्बल के पास करीब 35 करोड़ की चल - अचल संपत्ति है। उनके पास बेंगलुरु , दिल्ली , फरीदाबाद और गुडग़ांव में जमीन है। इसके अलावा सिकंदराबाद , पटना , दिल्ली और गुडग़ांव में घर हैं। इसके अलावा नकदी करीब 3.11 लाख और वित्तीय संस्थान और गैर वित्तीय कंपनियों में जमा - करीब 76.91 लाख रुपये जमा हैं। उनके पास 5 गाडिय़ां - टोयोटा कोरोला , ह्युंदै सोनाटा , सुजुकी जीप, एनफील्ड मोटरसाइकिल, रेवा इलेक्ट्रिक कार हैं।
प्रफुल्ल पटेल के पास खुद की करीब 33 करोड़ 94 लाख की और बच्चों के नाम 54 करोड़ 72 लाख की अचल संपत्ति है। इसके अलावा उनके पास करीब 4 करोड़ 33 लाख की चल संपत्ति भी है।
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पट्टे की जमीन पर कब्जा दिलाने का आरोप, कार्रवाई की मांग
कालांवाली (यंग फ्लेम)कालांवाली मंडी निवासी विजय कुमार मोदी पुत्र राधेश्याम ने एसपी सिरसा को एक शिकायत पत्र देकर कालांवाली के नायब तहसीलदार पर कार्रवाई करने की मांग की है। अपनी शिकायत में उन्होंने लिखा है कि 23 नवंबर 1990 को विजय कुमार ने लीलावती पत्नी सुंदरपाल से 4 कनाल 6 मरला भूमि 99 साल के पट्टे पर ली थी और जमीन की पर्चा रजिस्ट्री भी हो गई थी। विजय कुमार ने जमीन का इंतकाल कराने के लिए उस समय के हलका पटवारी को सभी दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए थे। विजय कुमार का कहना है कि लीलावती की साल 2009 में मौत हो गई थी और मरने से पहले लीलावती ने अपनी संपत्ति पौत्र प्रिंस के नाम करवा दी थी। कहा गया है कि प्रिंस ने विजय कुमार से पट्टे पर दी गई जमीन वापस देने की मांग की तो दोनों के बीच सौदा तय हो गया। जब विजय कुमार अपने वकील सुखविंद्र पाल के साथ हलका पटवारी से जमाबंदी की नकल मांगी तो पता चला कि पट्टेनामे का इंतकाल ही दर्ज नहीं किया गया था। इतना ही नहीं, यह भी सामने आया कि जिस जमीन का विजय कुमार को 99 साल का पट्टा दिया गया था उसी जमीन को उसी दिन यानि 23 नवंबर 1990 को रूलदू राम के नाम बैय कर दी थी। उन्होंने इसकी शिकायत नायब तहसीलदार से की तो तहसीलदार ने लिखित शिकायत पर हलका पटवारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। आरोप है कि नायब तहसीलदान ने हलका पटवारी पर कोई कार्रवाई करने की बजाय पट्टावाली जमीन का कब्जा ही प्रिंस शर्मा को करवा दिया। इसलिए उन्होंने एसपी से मांग की है कि नायब तहसीलदार ने नियमों का उल्लंघन किया है, लिहाजा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
नहीं करवाया कब्जा
नायब तहसीलदार संजय चौधरी ने इन आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि उन्होंने उक्त जमीन का कोई कब्जा नहीं करवाया। साथ ही कहा कि जब विजय कुमार ने उक्त जमीन को पट्टे पर लिया था तो कब्जा नहीं लिया था,इसलिए इंतकाल दर्ज नहीं हुआ। वर्तमान में भी विजय कुमार का उक्त जमीन पर कब्जा नहीं है। उन्होंने पटवारी की रिपोर्ट पर एसडीएम से दिशा-निर्देश मांगे थे। एसडीएम ने नायब तहसीलदार को ही इस दिशा में कोई फैसला लेने को कहा है। संजय चौधरी का कहना है कि अब रूलदू राम के नाम जो रजिस्ट्री हुई थी उसे देखा जाएगा कि उसमें पट्टे का जिक्र है या नहीं। उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
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कब रूक पाएगा अन्ना हजारे का आंदोलन?
आज हर किसी के मन में है एक सवाल?
*कि कब खत्म होगा जन आंदोलन?
*कब मिलेगा जनलोकपाल बिल? से सभी
यह सभी सवाल जनता के मन में आते है। वैसे तो अगर हम पहले के दृष्टिकोण से देखे तो भारत में कानून लागू करना या गलत कानून खत्म करना यह सब कार्य खत्म करने में बहुत समय लगा जाता है। क्योंकि भारत में कानून व्यवस्था ढीली है। मेरी नजरों में जो समय अन्ना से सरकार ने लिया है। वह बहुत थोड़ा है। पहले की तरह अगर ढीलापन बना रहा तो अन्ना को फिर अनशन करना पड़ेगा। एक कानून के लिए क्या अन्ना अनशन करते रहेंगे। एक 74 वर्ष के बुजुर्ग ने 13 दिनों तक अनशन किया परंतु सरकार ने जन लोकपाल बिल पास नहीं किया केवल प्रस्ताव पारित किया। रामलीला मैदान में बॉलीवुड़ अभिनेता ओमपुरी के द्वारा क्रोध में आकर नेताओं पर बरसें तो नेताओं ने उन पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी कर दिया। ओमपुरी के साथ-साथ पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी के खिलाफ भी विशेषाधिकार का नोटिस दिया गया। अब तो सांसदों ने सरकार के विरूद्ध खड़े हुए प्रत्येक व्यक्ति पर आरोप लगाने की ठान ली है। हमने देखा कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चला। हर व्यक्ति ने अनुशासन बनाए रखा। जब कभी भी हम लोकसभा या राज्यसभा की बैठक देखते है तो सांसद आपस में लड़ते नजर आते है। जब मैंने देखा कि टीवी पर राजस्थान के विधायक हाथ में चप्पल लिए खड़े थे और पूछ रहे थे कि ये चप्पल किसने फैंकी है? जहां देश की सबसे बड़ी बैठक होती है क्यां वहां पर ये सब अच्छा लगता है। मैं तो यह सब देखकर चकित रह गया कि क्या यह सब हमे भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएंगे। ये तो अनुशासन ही नहीं जानते। मुझे पूरा विश्वास है कि जब-जब धरती पर निरंकुशता फैली है तब-तब कोई न कोई महापुरूष जन्मा है और निरंकुश तत्वों का संहार किया है।
श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि
'यदा-यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवती भारत, अभ्युत्थानम् तदत्मान सृजाम्यहम, परित्राणाय साधुनां विनाशाप च दुष्कृताम, धर्म सस्या पनार्थाय सम्भवानि युगे-युगेÓ
(मौजगढ़) भोभिया वाली ढाणी मो. 94669-20971
*कि कब खत्म होगा जन आंदोलन?
*कब मिलेगा जनलोकपाल बिल? से सभी
यह सभी सवाल जनता के मन में आते है। वैसे तो अगर हम पहले के दृष्टिकोण से देखे तो भारत में कानून लागू करना या गलत कानून खत्म करना यह सब कार्य खत्म करने में बहुत समय लगा जाता है। क्योंकि भारत में कानून व्यवस्था ढीली है। मेरी नजरों में जो समय अन्ना से सरकार ने लिया है। वह बहुत थोड़ा है। पहले की तरह अगर ढीलापन बना रहा तो अन्ना को फिर अनशन करना पड़ेगा। एक कानून के लिए क्या अन्ना अनशन करते रहेंगे। एक 74 वर्ष के बुजुर्ग ने 13 दिनों तक अनशन किया परंतु सरकार ने जन लोकपाल बिल पास नहीं किया केवल प्रस्ताव पारित किया। रामलीला मैदान में बॉलीवुड़ अभिनेता ओमपुरी के द्वारा क्रोध में आकर नेताओं पर बरसें तो नेताओं ने उन पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी कर दिया। ओमपुरी के साथ-साथ पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी के खिलाफ भी विशेषाधिकार का नोटिस दिया गया। अब तो सांसदों ने सरकार के विरूद्ध खड़े हुए प्रत्येक व्यक्ति पर आरोप लगाने की ठान ली है। हमने देखा कि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चला। हर व्यक्ति ने अनुशासन बनाए रखा। जब कभी भी हम लोकसभा या राज्यसभा की बैठक देखते है तो सांसद आपस में लड़ते नजर आते है। जब मैंने देखा कि टीवी पर राजस्थान के विधायक हाथ में चप्पल लिए खड़े थे और पूछ रहे थे कि ये चप्पल किसने फैंकी है? जहां देश की सबसे बड़ी बैठक होती है क्यां वहां पर ये सब अच्छा लगता है। मैं तो यह सब देखकर चकित रह गया कि क्या यह सब हमे भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएंगे। ये तो अनुशासन ही नहीं जानते। मुझे पूरा विश्वास है कि जब-जब धरती पर निरंकुशता फैली है तब-तब कोई न कोई महापुरूष जन्मा है और निरंकुश तत्वों का संहार किया है।
श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि
'यदा-यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवती भारत, अभ्युत्थानम् तदत्मान सृजाम्यहम, परित्राणाय साधुनां विनाशाप च दुष्कृताम, धर्म सस्या पनार्थाय सम्भवानि युगे-युगेÓ
अब राम और कृष्ण तो धरती पर नहीं आ सकते पर उनके दूत हमारी रक्षा करते रहेंगे। हमारी आधी जीत हो हुई है पर हम जरूर जीतेंगे।
अमित भोभिया
(मौजगढ़) भोभिया वाली ढाणी मो. 94669-20971
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पहले इंसान और अब मर रही है इंसानियत
डबवाली (यंग फ्लेम) उपमंडल के गांव बिज्जूवाली के पास से गुजरने वाली रामपुरा माईनर में पिछले 4 दिनों में लगातार 2 शव आ गए हंै। उनमें से एक शव को तो पुलिस वाले ले गए, लेकिन दूसरा शव 3 दिनों से नहर के पानी में ही तैर रहा है और लगातार 3 दिनों से पानी में शव के पड़े रहने से शव सड़ चुका है तथा शव के सडऩे से आस-पास के वातावरण में दुर्गन्ध फैल गई है, जिससे पास में स्थित ढाणियों में रहने वाले लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ढाणियों में स्थित लोगों ने बताया कि शव की दुर्गन्ध इतनी ज्यादा है कि उसके कारण वे सही ढंग से भोजन नहीं कर सकते हैं।
वहीं गांव बिज्जूवाली के ग्रामीणों ने बताया कि जहां पर नहर के पानी में शव अटका पड़ा है, वहां पर उनके गांव के जलघर में आने वाले पानी का नाला है। पिछले 3 दिनों से शव पड़ा रहने से शव सड़ गया है और सडऩे से शव के अंग बिखर कर जलघर के नाले की डिग्गियों में पानी के साथ आ गए हैं और पानी भी दुषित हो गया है, दुषित हुआ पानी गांव के जलघर में आ रहा है। जिस पानी की सप्लाई गांव में दी जा रही है। जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिनों में जो शव आए हैं, वो महिलाओं के शव आए हैं। जोकि क्षेत्र के लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इस बारे में गोरीवाला पुलिस चौकी के प्रभारी को भी सूचित किया गया था लेकिन उन्होंने कहा कि मैं तो पहले वाले शव को लेकर उसके पोस्टमार्टम के लिए रोहतक आया हुआ हुं। इसलिए रोहतक से आकर ही शव को वहां से ले जा सकते हैं।

जब इस बारे में सदर थाना डबवाली के प्रभारी महा सिंह रंगा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे अभी शव के बारे में गोरीवाला पुलिस को सूचित करते हैं।
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हरे पेड़ों पर चल रही है आरी
डबवाली (यंग फ्लेम) इस समय जिले भर में पौधारोपण अभियान चल रहा है। वन विभाग के अधिकारी व आम लोग भी अधिकाधिक पौधे लगाने का संदेश दे रहे हैं पर दूसरी ओर हरे पेड़ों को काटा जा रहा है। वन विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। गांव रघुवाना से पन्नीवाला तक के लगभग छह किमी रोड के साथ खड़े हरे पेड़ों को काटा जा चुका है। हैरानी की बात तो यह है कि पेड़ काटने की शिकायत पुलिस के पास किसी ने नहीं की है। पेड़ों की देखरेख के लिए गार्ड भी नियुक्त है मगर इसके बावजूद हरे पेड़ काटे जा रहे हैं। विभाग के गार्ड मेवा सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि विभाग के अनेक काम होते हंै। इस समय पौधारोपण करवा रहे हैं, इसलिए ध्यान नहीं दे पाए। यानि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया है। जब उनसे पूछा गया कि एक माह में उन्होंने पेड़ कटने की कितनी शिकायत पुलिस थाने में दी है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और अपना मोबाइल बंद कर दिया। सवाल उठता है कि जब पौधारोपण के लिए विभाग प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च करता है तो पेड़ों की सुरक्षा को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है।
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आसमानी बिजली गिरने से गाय की मौत
डबवाली (यंग फ्लेम) उपमंडल के गांव खुईयां मलकाना मे आसमानी बिजली गिरने से एक गाय की मौत होने का समाचार प्राप्त हुआ।
प्राप्त जानकारी अनुसार गांव खुईयां मलकाना निवासी कृष्ण कुमार बिश्नोई पुत्र शेर सिंह ने बताया कि बीती शाम लगभग 6 बजे हल्की बारिश हो रही थी कि अचानक आसमान से बिजली की चिंगारी उसके आंगन मे बंधी हुई गाय पर गिर गई जिससे गाय की जीवन लीला समाप्त हो गई। किसान ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि गाय कि कीमत लगभग चालीस हजार रूपये थी। कृष्ण कुमार के पडोसियों ने बताया कि बिजली गिरने से उनकी छत पर पडेे हुए कपड़े भी जल गये।
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शुक्रवार, 2 सितंबर 2011
हलकी बरसात कहीं राहत तो कही आफत
डबवाली- शहर में हुई हलकी बरसात कहीं राहत तो कही आफत लेकर आई। बरसात होने के कारण शहर में जगह-जगह जलभरा
व के कारण आवागमन काफी प्रभावित रहा और कई जगह ठप सीवरेज व्यवस्था का दंश लोगों के लिए भारी परेशानी बना रहा। शहर का बस स्टैंड परिसर तालाब में तबदील हो गया। जहां देखों वहीं पानी जमा है। रोडवेज प्रबंधन द्वारा बस स्टैंड परिसर से पानी
निकासी के दावे कोरे साबित हो रहे है क्योंकि बस स्टैंड परिसर से पानी निकासी करने के लिए रोडवेज प्रबंधन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा जिसके चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है व बस बूथ तक पहुंचने के लिए यात्रियों को पानी का दरिया पार करना पड़ता है। बासात के कारण शहर के अन्य निचले इलाकों में भी जल भराव हो गया।
उधर, बरसात होने से शहर के मुख्य बठिंडा चौक में भी जल भराव हो गया। जिससे यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों व राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पानी जमा होने के कारण चौक से पैदल राहगीरों का गुजरना भी मुशिकल हो गया है चौक पर स्थित दुकानदारों का कहना है कि उन्हें हर बार बरसात होने पर ऐसी ही परेशानी से गुजरना पड़ता है क्योंकि सरकार द्वारा बरसाती पानी की निकासी के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है। जिस कारण बरसात का पानी उनकी दुकानों के आगे जमा हो जाता है और इस पानी के कारण उनकी दुकान पर कोई ग्राहक नहीं पहुंच पाता। दुकानदारों का कहना है कि वह इस बारे में कई बार संबंधित विभाग से शिकायत भी कर चुके है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। दुकानदारों ने प्रशासन से मांग की है कि जीटी रोड से पानी निकासी का स्थाई हल किया जाए ताकि उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े।


उधर, गांव डबवाली के हाईवे पर स्थित दुकानों व घरों के लोगों को बरसात आने पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि सरकार द्वारा लाखों रूपए की धराशि खर्च कर बरसाती पानी की निकासी के लिए सड़क के दोनों और बनाए गए नालों का निर्माण न होने के कारण बरसाती पानी की निकासी सही ढंग से नही हो पाती है और पानी ज्यों का त्यों सड़क के किनारों पर खड़ा रहता है। थोडी-सी बरसात होने से दुकानों व घरों के आगे हाईवे पर पानी एकत्रित हो जाता है और सड़क एक जोहड़ के समान नजर आती है। लोगो ने बताया कि ये नाले 3 फीट चौड़े व 3 फीट गहरे है। इन नालों के आपसी सम्पर्क के लिए हाईवे को तोड़कर बीच मे से एक नाला बनाया गया था जिसको बाद मे कुछ मैटिरियल डालकर उसका लेवल कर दिया गया था। लेकिन इस मैटिरियल में भी कोताही बरतने के कारण हाईवे पर एक गहरी खाई बनती जा रही है जो किसी भी समय किसी बडे हादसे को न्योता दे सकती है। लोगों ने अपनी इस परेशानी का जिम्मेवार सम्बंधित विभाग को ठहराया जिसने अपने कार्य में लापरवाही की है। लोगों ने प्रशासन से मांग कि है कि जल्दी ही उनकी इस समस्या का समाधान किया जाए ताकि वह इन समस्यों से निजात पा सके।
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दो व्यक्तियों 12 बोर की एक अवैध पिस्तौल कारतूस सहित काबू
डबवाली- थाना पुलिस ने गश्त व चैकिंग के दौरान दो व्यक्तियों को 12 बोर की एक अवैध पिस्तौल व एक जिंदा कारतूस सहित क्षेत्र के गांव किंगरे से काबू किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान अमनदीप सिंह पुत्र नछत्तर सिंह व दौलत सिंह पुत्र गुरनाम सिंह निवासी गांव किंगरे के रूप में हुई है। दोनों आरोपियों के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत थाना ओढ़ा में मामला दर्ज किया गया है। मामले के जांच अधिकारी सहायक उपनिरिक्षक कश्मीरी लाल ने बताया कि दोनों आरोपियों को गश्त व चैकिंग के दौरान मुखबरी मिलने पर उनके गांव किंगरे के वाटर वक्र्स के निकट से काबू किया है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपियों को आज न्यायालय में पेेश कर रिमांड हासिल किया जाएगा ताकि उनसे पूछताछ के दौरान अवैध पिस्तौल व कारतूस के सप्लायर का नाम पता, ठिकाना मालूम कर उसे गिरफ्तार किया जा सके।
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ग्राहको को गुणवता व मात्रा जांच की जानकारी दी
डबवाली -1 सितम्बर को सार्वजनिक क्षेत्र सबसे बड़ी व विश्वसनिय पेट्रोलियम कम्पनी इण्डियन ऑयल के स्थापना दिवस के अवसर पर कम्पनी स्थानीय डीलर चैधरी दलीप सिंह रिपुदमन सिंह पेट्रोल पम्प पर ग्राहको को गुणवता व मात्रा जांच की जानकारी दी गई। यह जानकारी देते हुए चैधरी पेट्रोल पम्प के प्रबन्धक प्रदीप सिंगला ने बताया कि आज के इस प्रतिस्र्पधा के समय मे उपभोक्ता बाजार का
राजा है। इसी कड़ी मे हमने कम्पनी स्थापना दिवस के उपलक्ष मे ग्राहको को जागरूक करने के लिऐ उत्पाद की गुणवता व मात्रा जांच की जानकारी दी। उन्होने आगे बताया कि पेट्रोल की गुणवता की पहचान फिल्टर पेपर व घनत्व जांच द्वारा की जाती है, फिल्टर पेपर जांच में पेट्रोल की एक बूंद फिल्टर पेपर पर डालने के एक या दो मिनट बाद अगर पेपर पर निशान नहीं रहता है तो पेट्रोल शुद्व है और यदि पेपर पर पेट्रोल अपना निशान छोड़ देता है तो वह पेट्रोल शुद्व नहीं होगा। डीजल की जांच के बारे मे जानकारी देते हुए प्रदीप सिंगला ने बताया कि डीजल की शुद्वता की जांच घनत्व परिक्षण द्वारा की जाती है और दोनो उत्पादो की सही मात्रा की जांच पेट्रोल पम्प पर उपलब्ध 5 लीटर के माप द्वारा की जाती है जो कि माप तौल विभाग द्वारा प्रमाणित होना चाहीऐ। उन्होने ग्राहाको से अपील की कि हमारे पम्प पर आप किसी भी समय पेट्रोल व डीजल की मात्रा व गुणवता की जांच कर सकते है जो कि आपका अधिकार है।
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रिसालियाखेड़ा स्कूल में युवा संसद आयोजित
बिज्जूवाली, 2 सितम्बर ( हेमराज बिरट )। क्षेत्र के गांव रिसालिया खेड़ा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में गत दिवस राज्य शैक्षणिक अनुसंधान
संस्थान की ओर से युवा संसद का आयोजन किया गया। जिसमें पर्यवेक्षक के रूप में डिंग से वरिष्ठ हरमेल सिंह और विजय सचदेवा ने भाग लिया। युवा संसद में विद्यार्थियों ने मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, शिक्षा का अधिकार, बाढ़, जनलोकपाल, महंगाई और सामाजिक कुरितियों संबंधी मुद्दे उठाए गए तथा सांसदों के मध्य तीखी बहस भी देखने को मिली। युवा संसद के दौरान प्रधानमंत्री की भूमिका कक्षा 9वीं के अजय कुमार ने निभाई। इसी प्रकार वित्त मंत्री के रूप में 12वीं के नानक चंद, स्पीकर 9वीं के रोबिन, पयर्टन मंत्री 9वीं के योगेश, संचार मंत्री 9वीं के रजनीकांत, कृषि मंत्री 9वीं के अरविंद, श्रम मंत्री 9वीं के अजय, खाद्य मंत्री 9वीं के संदीप कुमार बने तथा युवा संसद में विपक्ष के नेता के रूप में 9वीं के अभिषेक, राधेश्याम, सूर्यप्रकाश और 12वीं की मोहित कुमारी सहित अनेक विद्यार्थी नजर आए। युवा संसद का कार्यक्रम एक घंटे से ज्यादा समय तक जारी रहा। स्कूल के मुख्याध्यापक भूप सिंह ने बताया कि स्कूलों में समय-समय पर युवा संसदों का आयोजन होने से विद्यार्थियों की मानसिक शक्ति बढ़ती है और उन्हें लोगों के सामने अपने विचार बोलने का अवसर मिलता है। इस मौके पर देवरनंद, कमल जैन व ओमप्रकाश सहित समस्त स्कूल स्टाफ सदस्य तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।

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डॉ0 शमीम शर्मा ने ली स्वेच्छा से सेवानिवृति विद्यापीठ में पुन: संभालेंगी निदेशक का पदभार
डबवाली : राजकीय कॉलेज मण्डी डबवाली में बतौर प्राचार्य कार्यरत डॉ0 शमीम शर्मा ने अपने पद से स्वेच्छा से सेवानिवृति ले ली है। उन्होंने अपने 29 वर्षों की सरकारी सेवा की शुरूआत हिन्दी प्रवक्ता के रूप में की थी। अपने लम्बे सेवाकाल में उन्होंने
एफ.सी. कॉलेज हिसार, हिन्दू कॉलेज सोनीपत, माता हरकी देवी कॉलेज ओढ़ा में बतौर प्राचार्य तथा जेसीडी विद्यापीठ में कार्यकारी निदेशक के रूप में अपनी सफल सेवाएं प्रदान की है।
डॉ0 शमीम शर्मा ने बताया कि वे 3 सितम्बर 2011 से अपनी सरकारी सेवा से सेवानिवृति उपरांत पुन: जेसीडी विद्यापीठ की निदेशक का पदभार संभालेंगी तथा इसके साथ-साथ वे माता हरकी देवी कॉलेज, ओढ़ा में प्राचार्य का कार्यभार भी देंखेगी।
डॉ0 शमीम शर्मा की राज्यभर में एक जागरूक शिक्षाविद्, लोकप्रिय लेखिका, प्रभावी प्रशासक एवं एक सशक्त, कर्मठ व ईमानदार समाजसेविका के रूप में पहचान है। उनकी इन बहुमुखी विशेषताओं के कारण ही उन्हें हरियाणा के राज्यपाल एवं भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। इतना ही नहीं वे अब तक 30 बार से अधिक रक्तदान भी कर चुकी हैं, जिसके लिए उन्हें राज्य सरकार की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है। उन्होंने गत वर्ष हरियाणा एन्साइक्लोपीडिया (विश्वकोश) का 10 खण्डों में (7000 पृष्ठ) का संपादन भी किया, जिसका लोकार्पण दिल्ली के पुस्तक मेले में हरियाणा के मुख्यमंत्री चौ0 भूपेन्द्र सिंह हुड्डा द्वारा किया गया तथा मुख्यमंत्री की ओर से डॉ0 शमीम शर्मा को एक लाख रूपए नगद राशि प्रदान कर सम्मानित भी किया गया। डॉ0 शमीम शर्मा गत 11 वर्षों से नियमित हिन्दी समाचार पत्रों दैनिक ट्रिब्यून, चण्डीगढ़ व दैनिक हिन्दी मिलाप, हैदराबाद में स्तम्भ लेखन कर रही हैं। वे सामाजिक मुद्दों तथा हास्य व्यंग्य पर 10 से अधिक पुस्तकें लिख चुकी हैं।
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गुरुवार, 1 सितंबर 2011
अन्ना टीम को लडऩा ही पड़ेगा ससंदीय चुनाव
महावीर सहारण (9354862355)
-----------------अन्ना
हजारे के सफल अनशन समापन पर अभी देशभर में जश्र का माहौल जारी है लेकिन देशवासियों को जो उम्मीद इस दौरान बंधी है क्या यह अपने अंजाम तक पहुंच पाएगी और अन्ना टीम को भविष्य में क्या रणनीति बनानी होगी यह महत्वपूर्ण यक्ष प्रश्र आज सबके सामने है।
अन्ना हजारे के जनआंदोलन को देशभर से बेमिसाल स्वतस्फूर्त जन समर्थन मिलना यह जाहिर कर गया कि भारतवासी भ्रष्टाचार रूपी राक्षस से किस कद्र परेशान है। हमेशा की तरह सता के घोड़े पर सवार सतारूढ़ दल के रणनीतिकार यह अंदाजा लगाने में पूरी तरह से चूक गए कि जन लोकपाल बिल का आंदोलन केवल मात्र मीडिया द्वारा प्रचारित किया गया नहीं है। बाबा रामदेव के आंदोलन को जिस प्रकार से कुचला गया उससे कांग्रेस में कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम धड़ा हावी था लेकिन उन्हें यह मालूम नहीं था कि बाबा रामदेव ने अपने आंदोलन का मुख्य हथियार लाखों करोड़ों रूपए का काला धन विदेशों से भारत लाने को बनाया और यह बात जग जाहिर है कि अगर यह काला धन देश में आता भी है तो प्रत्यक्ष इससे किसी देशवासी को कोई लाभ नहीं दिख रहा था। जबकि अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार से पीडित आम आदमी की नब्ज को पकड़ा तथा जनमानस यह भी समझने में सफल रहा कि सही कानून के आने से निचले स्तर पर भ्रष्टाचार पर व्यापक अंकुश लगने की संभावना नकारी नहीं जा सकती। क्योंकि सूचना अधिकार कानून व लोकायुक्त के कर्नाटक मुख्यमंत्री प्रकरण से यह लगने लगा है कि सही कानून का क्रियानवन प्रभावशाली साबित हो सकता है। दूसरे बाबा रामदेव द्वारा सन्यासी होते हुए 1200 करोड़ का आर्थिक सम्राज्य स्थापित किया जाना जबकि अन्ना हजारे का मंदिर में प्रवास करना दोनों आंदोलनों को मिले जन समर्थन में अंतर पैदा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुआ। रही सही कसर कांग्रेस प्रवक्ता मनीश तिवारी द्वारा साफ सुथरे व्यक्तित्व के धनी अन्ना हजारे को भ्रष्ट साबित करने के असफल प्रयासों ने पूरी कर दी। केंद्र सरकार के रणनीतिकार अन्ना हजारे को जेल से मजबूरीवश रिहा करने के बाद भी जन आंदोलन की तीव्रता को समझ नहीं पाए तथा रामलीला मैदान में पहुंचे लोगों के बारे में यह सोचकर निश्चित हो गए कि यह भीड़ एक-दो दिन बाद थक हार कर अपने-अपने घर चली जाएगी। लेकिन दिनबदिन रामलीला मैदान पर देशभर से आंदोलनकारियों का हजूम बढ़ता ही गया। तब जाकर इन लोगों के हाथ पांव फूलने शुरू हुए तथा इन्होंने हार नहीं मानी व सिविल सोसायटी के सदस्यों को संसद की सर्वोच्चता को चुनौती देने का प्रचार आरंभ कर दिया। यह दाव भी जब उल्टा पड़ता दिखा तो आखिरकार दलित, पिछड़ा वर्ग से टीम अन्ना की दूरियां बढ़ाने का कुप्रयास भी किया गया। जिसकी बानगी पूरे देश ने संसद में बहस दौरान सपष्ट रूप से देखी। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जिन नेताओं की दलित व पिछड़ा वर्ग वोट बैंक से राजनीतिक दुकान चल रही है उन्हें भी मालूम है कि भ्रष्टाचार से सबसे ज्यादा पीडि़त तो दलित व पिछड़ा वर्ग ही है। चूंकि मध्य वर्ग तो पैसे के बल पर अपने काम धंधे फिर भी करवा लेता है लेकिन दलित व पिछड़ा वर्ग की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उनकी दुविधा ज्यादा है। इस घटनाक्रम में टीम अन्ना को मिले जबरदस्त जन समर्थन के बावजूद ये तानाकशी सुनने को मिली कि 'चुनाव जीतकर आओ व संसद में बैठकर कानून बनाओंÓ और यह बोली कोई दबे तो कोई खुले स्वर में हर राजनीतिक दल की थी।
वे शायद आसाम का उदहारण भूल चुके हैं जब विद्यार्थियों ने आंदोलन उपरांत चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लिया व असमगण परिषद पार्टी का गठन किया तथा तमाम राजनीतिक दलों को धूल चटाते हुए प्रफूल कुमार महंत प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें। वहीं आंध्रप्रदेश में अभिनेता से एकाएक राजनीति में उतर कर एनटी रामाराव ने तेलगुदेशम पार्टी का गठन किया व दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाई। ऐसी ही स्थिति 1977 में आपात काल उपरांत लोकसभा चुनाव में बनी जब जनता पार्टी ने सता पर कब्जा जमा लिया। हालांकि उसमें ज्यादातर अन्य पार्टियों से आए राजनीतिज्ञ शामिल थे। अब अन्ना हजारे पूरे देश में भ्रमण कर रहे है तथा उन्हें व टीम अन्ना को इस बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि संसदीय प्रणाली के मुताबिक देश वासियों से वे जन समर्थन मांगे तथा आने वाले लोकसभा चुनाव में खुद जैसे प्रत्याशी उतारे ताकि मौजूदा संसद में पहुंचे हुए सदस्यों को भी अहसास हो जाए कि अन्ना हजारे को ठोस जन समर्थन प्राप्त है व अन्ना हजारे देश के प्रधानमंत्री पद पर सुशोभित होते है तो देश वासियों के लिए इससे बड़ा सौभाग्य और कोई नहीं हो सकता। आखिर कब तक एक-एक जन लोक कल्याणकारी कानून को बनवाने के लिए अन्ना हजारे को अनशन पर बैठना पड़ता रहेगा।
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