सिरसा-जिला पुलिस ने दस वर्ष पूर्व पुलिस हिरासत से फरार कुख्यात तस्कर मेजर
सिंह पुत्र जगतार सिंह निवासी बुर्ज कर्मगढ थाना सदर सिरसा हाल गांव मीने वाला गांव अरनियावाली जिला फिरोजपुर पंजाब को फिरोजपुर जेल से प्रोडेक्शन वारंट पर लेकर आई है। स्पैशल स्टाफ पुलिस के प्रभारी उपनिरीक्षक सुरजीत सिंह ने बताया कि आरोपी को आज अदालत में पेश किया जाएगा तथा शहर सिरसा व रानियां पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के संबंध में सूचना दी गई है ताकि वे आरोपी को जांच में शामिल कर सके।
मामले की जानकारी देते हुए स्पैशल स्टाफ प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक सुरजीत सिंह ने बताया कि मेजर सिंह के विरूद्ध 1997 में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज हुए अभियोग के संबंध में दिल्ली जेल में बंद था। जिसको सिरसा पुलिस रानियां थाना में 1991 में दर्ज हुए भादंसं की धारा 447,477, के लिए वर्ष 2000 में प्रोडेक्शन वारंट पर लेकर आई थी। पुलिस हिरासत में मेजर सिंह बीमारी के कारण सामान्य अस्पताल में दाखिल हो गया और इलाज के दौरान अस्पताल से पुलिस पार्टी को चकमा देकर फरार हो गया था। जिस पर आरोपी के खिलाफ 8 जून 2000 को भादंसं की धारा 223,224 के तहत थाना शहर में अभियोग दर्ज हुआ था। इस मामले में आरोपी को सिरसा अदालत ने 6 नवम्बर 2007 को उदघोषित करार दे दिया। आरोपी का नाम जिला की उदघोषित अपराधी सूचि में शामिल था तथा करीब दस सालों से पुलिस को इसकी तलाश थी। स्पैशल स्टाफ के प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक सुरजीत सिंह पर आधारित टीम जिसमें सहायक उपनिरीक्षक सुल्तान सिंह, सहायक उपनिरीक्षक रिसाल सिंह, मुख्य सिपाही कुलबीर, सिपाही सिकंदर सिंह शामिल है, ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाकर पता लगाया कि आरोपी फिरोजपुर जेल में मादक पदार्थ अधिनियम मामले में बंद है, जहां दोषी ने अपना नाम अपने आरोपों को छुपाने के लिए महल सिंह पुत्र जगतार सिंह अंकित करवा रखा है। प्रभारी ने बताया कि सिरसा अदालत से प्रोडेक्शन वारंट करवाकर आरोपी को फिरोजपुर जेल से लाया गया है।
फोटो:- आरोपी मेजर सिंह पुलिस पार्टी के साथ सिरसा अदालत में जाते हुए।

मामले की जानकारी देते हुए स्पैशल स्टाफ प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक सुरजीत सिंह ने बताया कि मेजर सिंह के विरूद्ध 1997 में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज हुए अभियोग के संबंध में दिल्ली जेल में बंद था। जिसको सिरसा पुलिस रानियां थाना में 1991 में दर्ज हुए भादंसं की धारा 447,477, के लिए वर्ष 2000 में प्रोडेक्शन वारंट पर लेकर आई थी। पुलिस हिरासत में मेजर सिंह बीमारी के कारण सामान्य अस्पताल में दाखिल हो गया और इलाज के दौरान अस्पताल से पुलिस पार्टी को चकमा देकर फरार हो गया था। जिस पर आरोपी के खिलाफ 8 जून 2000 को भादंसं की धारा 223,224 के तहत थाना शहर में अभियोग दर्ज हुआ था। इस मामले में आरोपी को सिरसा अदालत ने 6 नवम्बर 2007 को उदघोषित करार दे दिया। आरोपी का नाम जिला की उदघोषित अपराधी सूचि में शामिल था तथा करीब दस सालों से पुलिस को इसकी तलाश थी। स्पैशल स्टाफ के प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक सुरजीत सिंह पर आधारित टीम जिसमें सहायक उपनिरीक्षक सुल्तान सिंह, सहायक उपनिरीक्षक रिसाल सिंह, मुख्य सिपाही कुलबीर, सिपाही सिकंदर सिंह शामिल है, ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाकर पता लगाया कि आरोपी फिरोजपुर जेल में मादक पदार्थ अधिनियम मामले में बंद है, जहां दोषी ने अपना नाम अपने आरोपों को छुपाने के लिए महल सिंह पुत्र जगतार सिंह अंकित करवा रखा है। प्रभारी ने बताया कि सिरसा अदालत से प्रोडेक्शन वारंट करवाकर आरोपी को फिरोजपुर जेल से लाया गया है।
फोटो:- आरोपी मेजर सिंह पुलिस पार्टी के साथ सिरसा अदालत में जाते हुए।
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