चंडीगढ़,12 जुलाई: इनेलो ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को सरकार द्वारा अभी तक कोई राहत व सहायता न पहुंचाए जाने और पीडि़त लोगों को प्रकृति के रहमोकर्म पर छोड़े जाने की तीखी आलोचना करते हुए सरकार से लोगों को तुरन्त राहत सामग्री व सहायता पहुंचाए जाने की मांग की है। इनेलो के प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला ने आज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा, विधायक दल के उपनेता शेर सिंह बडशामी, पूर्व कृषि मन्त्री जसविंदर सिंह संधू व इनेलो के जिला प्रधान बूटा सिंह लुखी सहित पार्टी नेताओं के साथ कुरुक्षेत्र जिले के पेहवा, थानेसर और शाहबाद इलाके के बाढ़ प्रभावित करीब बीस गांवों का दौरा कर बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया। इससे पहले रविवार को अजय सिंह चौटाला ने पार्टी नेताओं के साथ बाढ़ से प्रभावित कैथल व गुहला-चीका क्षेत्र के गांवों का दौरा कर लोगों की समस्याओं को सुना और बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया था। इनेलो नेता इसके बाद अम्बाला जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेंगे।
अजय सिंह चौटाला ने कहा कि लोगों की दुर्दशा के लिए प्रदेश सरकार व प्रशासन की नालायकी और कुप्रबन्धन पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सरकार व प्रशासन की ओर से अभी तक कोई राहत सामग्री व मदद नहीं प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि सब जगह सरकार व प्रशासन पूरी तरह से पंगु साबित हुआ है और आज प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है और पूरी तरह से जंगलराज है। इनेलो विधायक ने कहा कि सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं, स्थानीय गैर सरकारी संगठनों व इनेलो कार्यकत्र्ताओं द्वारा लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जी-जान से मदद की जा रही है लेकिन कहीं भी सरकार की तरफ से कोई प्रयास नजर नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि किसानों की लाखों एकड़ फसलें न सिर्फ तबाह हो गई हैं बल्कि पशुओं के लिए चारा तक नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को राहत देना तो दूर अभी तक सरकार व प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी पीडि़त लोगों की सुध लेने व उनका हालचाल पूछने भी नहीं पहुंचा।
इनेलो के प्रधान महासचिव ने कहा कि जिन गांवों व कॉलोनियों में पांच-पांच, छह-छह फीट पानी भर गया था अब जैसे ही वहां से पानी उतरना शुरू हुआ है तो कहीं अनाज सड़ रहा है तो कहीं बाढ़ से जानवरों की मौत होने से दूर तक बदबू फैली हुई है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ बीमारियां फैलने का गम्भीर खतरा पैदा हो गया है बल्कि लोगों को पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिल पा रहा। सरकार ने अभी तक बिजली व्यवस्था को सुचारू करने व लोगों को पीने का साफ पानी उपलब्ध करवाने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया और जिन बस्तियों में बदबू फैल रही है वहां पर बीमारियां रोकने के लिए कोई दवाई वगैरह भी नहीं छिड़काई जा रही। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों को तुरन्त राहत व सहायता सामग्री पहुंचाए जाने, बीमारियां फैलने से रोकने के लिए विशेष चिकित्साशिविर चलाए जाने और पशुओं के लिए चारे का बंदोबस्त किए जाने की भी मांग की है।
अजय सिंह चौटाला ने कहा कि सरकार ने अगर समय रहते ड्रेनों, रजबाहों व बरसाती नालों की साफ-सफाई और बाढ़ से निपटने के लिए जरूरी आपदा प्रबन्धन तैयारियां की होती तो लोगों को होने वाले इस नुकसान से बचाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि सरकार की नालायकी के कारण ही अम्बाला व कुरुक्षेत्र में बाढ़ आने के बाद अन्य जिलों में कोई जरूरी पूर्व प्रबन्ध नहीं किए गए और जिसके चलते कैथल, फतेहाबाद व सिरसा जिले भी बाढ़ की चपेट में आ गए। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम व भारी बारिश की सम्भावनाओं को देखते हुए सरकार को प्रदेश के अन्य जिलों में भी पहले से बचाव व राहत सम्बन्धी सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए थे ताकि वहां लोगों को बाढ़ की मार से बचाया जा सकता। उन्होंने कहा कि बाढ़ से हजारों लोगों के मकान टूट गए और कीमती सामान बाढ़ में बह गया। सरकार को तुरन्त प्रभावित लोगों के क्षतिग्रस्त घरों व व्यापारिक संस्थानों और बर्बाद हुई फसलों का सर्वेक्षण व विशेष गिरदावरी करवाकर प्रभावित लोगों को पूरी राहत व मुआवजा राशि प्रदान करनी चाहिए।
अजय सिंह चौटाला ने कहा कि लोगों की दुर्दशा के लिए प्रदेश सरकार व प्रशासन की नालायकी और कुप्रबन्धन पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सरकार व प्रशासन की ओर से अभी तक कोई राहत सामग्री व मदद नहीं प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि सब जगह सरकार व प्रशासन पूरी तरह से पंगु साबित हुआ है और आज प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है और पूरी तरह से जंगलराज है। इनेलो विधायक ने कहा कि सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं, स्थानीय गैर सरकारी संगठनों व इनेलो कार्यकत्र्ताओं द्वारा लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जी-जान से मदद की जा रही है लेकिन कहीं भी सरकार की तरफ से कोई प्रयास नजर नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि किसानों की लाखों एकड़ फसलें न सिर्फ तबाह हो गई हैं बल्कि पशुओं के लिए चारा तक नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को राहत देना तो दूर अभी तक सरकार व प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी पीडि़त लोगों की सुध लेने व उनका हालचाल पूछने भी नहीं पहुंचा।
इनेलो के प्रधान महासचिव ने कहा कि जिन गांवों व कॉलोनियों में पांच-पांच, छह-छह फीट पानी भर गया था अब जैसे ही वहां से पानी उतरना शुरू हुआ है तो कहीं अनाज सड़ रहा है तो कहीं बाढ़ से जानवरों की मौत होने से दूर तक बदबू फैली हुई है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ बीमारियां फैलने का गम्भीर खतरा पैदा हो गया है बल्कि लोगों को पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिल पा रहा। सरकार ने अभी तक बिजली व्यवस्था को सुचारू करने व लोगों को पीने का साफ पानी उपलब्ध करवाने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया और जिन बस्तियों में बदबू फैल रही है वहां पर बीमारियां रोकने के लिए कोई दवाई वगैरह भी नहीं छिड़काई जा रही। उन्होंने बाढ़ प्रभावित लोगों को तुरन्त राहत व सहायता सामग्री पहुंचाए जाने, बीमारियां फैलने से रोकने के लिए विशेष चिकित्साशिविर चलाए जाने और पशुओं के लिए चारे का बंदोबस्त किए जाने की भी मांग की है।
अजय सिंह चौटाला ने कहा कि सरकार ने अगर समय रहते ड्रेनों, रजबाहों व बरसाती नालों की साफ-सफाई और बाढ़ से निपटने के लिए जरूरी आपदा प्रबन्धन तैयारियां की होती तो लोगों को होने वाले इस नुकसान से बचाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि सरकार की नालायकी के कारण ही अम्बाला व कुरुक्षेत्र में बाढ़ आने के बाद अन्य जिलों में कोई जरूरी पूर्व प्रबन्ध नहीं किए गए और जिसके चलते कैथल, फतेहाबाद व सिरसा जिले भी बाढ़ की चपेट में आ गए। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम व भारी बारिश की सम्भावनाओं को देखते हुए सरकार को प्रदेश के अन्य जिलों में भी पहले से बचाव व राहत सम्बन्धी सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए थे ताकि वहां लोगों को बाढ़ की मार से बचाया जा सकता। उन्होंने कहा कि बाढ़ से हजारों लोगों के मकान टूट गए और कीमती सामान बाढ़ में बह गया। सरकार को तुरन्त प्रभावित लोगों के क्षतिग्रस्त घरों व व्यापारिक संस्थानों और बर्बाद हुई फसलों का सर्वेक्षण व विशेष गिरदावरी करवाकर प्रभावित लोगों को पूरी राहत व मुआवजा राशि प्रदान करनी चाहिए।
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