सिरसा - संघ सिरसा के सीईओ एसएस कोहली को आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी न देने पर 15 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। मामले के अनुसार गांव खारियां निवासी राजेश पुत्र हरिसिंह ने 4 मार्च 2010 को सूचना के अधिकार के तहत दुग्ध संघ सिरसा से कुछ जानकारियां मांगी थी मगर संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसएस कोहली ने जानकारी देने की बजाय आरटीआई को ही मानने से इंकार कर दिया था। उन्होंने जानकारी के जवाब में कहा था कि संघ आरटीआई के अधीन नहीं आता है, इसलिए वे कोई जानकारी नहीं देंगे। उन्होंने दलील दी थी कि संघ को सरकार से कोई अनुदान या सहायता नहीं मिलती है, संघ स्वतंत्र संस्था है। राजेश के अनुसार दुग्ध संघ को हरियाणा सरकार व भारत सरकार से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये मिलते हैं। एसएस बोर्ड से संघ के सदस्यों का चयन होता है, इसके बावजूद कोहली ने सूचना न देने की नीयत से यह कहा था कि संघ आरटीआई के तहत नहीं आता है। राज्य सूचना आयोग ने सारी दलीलें सुनने के बाद 7 अक्टूबर 2010 को फैसला सुनाते हुए 19 अक्टूबर 2010 को शोकाज नोटिस जारी किया था जिसमें 15 दिन के अंदर सूचना देने को कहा गया था। कोहली को आयोग ने 10 नवंबर को उनके समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया था, मगर कोहली ने आयोग के आदेश के बाद भी 15 दिन के अंदर मांगी गई सूचना नहीं दी, जिस पर आयोग ने कोहली को सूचना न देने का दोषी मानते हुए 10 हजार रुपये जुर्माना व 5 हजार रुपये अपीलकर्ता को बतौर मुआवजा देने का फैसला सुनाया। राजेश ने आयोग के इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे उन अधिकारियों को सबक मिलेगा जो आरटीआई का मखौल उड़ाते हैं।
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मंगलवार, 16 नवंबर 2010
दुग्ध संघ के सीईओ कोहली को सूचना न देने पर 15 हजार का जुर्माना
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