दिल्ली, 16 नवम्बर। दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके में सोमवार रात पांच मंजिला रिहाइशी इमारत पूरी तरह ढह गई। इससे 32 परिवारों के 100 से अधिक लोग मलबे में दब गए। इस हादसे में अब तक 61 लोगों की मौत हो गई है। बताया गया है कि पिछले दिनों यमुना में आई बाढ़ के पानी से इमारत की नींव कमजोर हो गई थी, जिसे हादसे की वजह
माना जा रहा है। मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने सारा दोष एमसीडी पर मढ़ते हुए कहा कि आखिर इस मकान को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) किस आधार पर दे दिया गया। यह तो एमसीडी की घोर लापरवाही का नमूना है। एमसीडी (म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ डेल्ही) दिल्ली की स्थानीय निकाय संस्था है और इस पर दीक्षित की विरोधी पार्टी भाजपा का कब्जा है। इतने बड़े हादसे के बावजूद सरकारी मदद को पहुंचने में घंटों लग गए। इलाके की गलियां संकरी होने के चलते जेसीबी मशीन को घटनास्थल तक पहुंचने में लगभग दो घंटे का समय लगा। शुरुआत में स्थानीय लोगों ने करीब तीन दर्जन लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। स्वास्थ्य मंत्री किरण वालिया ने 61 लोगों की मौत होने की पुष्टि की। लगभग 80 लोग घायल हुए हैं। दबे हुए लोगों को मलबे से निकालने का काम जारी है। पुलिस के अनुसार रात लगभग सवा आठ बजे यह दुर्घटना हुई। पुलिस को सूचना मिली कि मकान संख्या एन-85, ललिता पार्क ढह गया है। कुछ देर बाद पुलिस भी पहुंच गई और मामले की जानकारी दमकल विभाग व डिजास्टर मैनेजमेंट को दी गई। इसके बाद दमकल की तीन गाड़ियां व एंबुलेंस भी पहुंच र्गई। घायलों को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, लोक नायक अस्पताल व आसपास के अस्पतालों में ले जाया गया

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