चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा ने आज सभी विभागों को निर्देश दिए है कि वे कर्मचारियों के पैंशन सम्बंधी मामले उनकी सेवानिवृति तिथि से कम से कम छ: मास पहले पूर्ण रूप से तैयार करके महालेखाकार कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चित करें ताकि कर्मचारी को उसकी सेवानिवृति के लाभ जैसे कि पैंशन व ग्रेच्यूटी इत्यादि के आदेश सेवानिवृति से पहले ही जारी किए जा सकें। हुड्डïा आज भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कार्यालय के स्थापना के 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज हरियाणा, महालेखाकार चण्डीगढ़ कार्यालय में आयोजित एक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 150 वर्ष पूरे होने पर शुभकामनाएं वं बधाई देते हुए हुड्डïा ने कहा कि इस संस्था का गठन 1860 में अंगे्रजी शासकों द्वारा अपना लेखा-जोखा रखने के लिए किया गया था, लेकिन आज यह महान संस्था हिन्दुस्तान की जनता के लिए लेखा-जोखा रख कर प्रजातंत्र में अपनी विशेष भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि सीएजी का एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है और यह प्रजातंत्र के प्रमुख स्तंभों में से एक है। उन्होंने कहा कि महालेखाकार कार्यालय राज्य सरकार के वित्त एवं विनियोजन लेखों को तैयार करने एवं उनकी लेखा परीक्षा के साथ-साथ राज्य सरकार के लिए नई योजनाएं बनाने में मार्गदर्शन और पुरानी योजनाएं के मूल्यांकन का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। संस्था की एतिहासिक पृष्ठïभूमि का जिक्र करते हुए हुड्डïा ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ0 भीमराव अम्बेदकर ने कहा था कि सीजीए कार्यालय संविधान के अन्तर्गत सबसे महत्वपूर्ण कार्यालय होगा,क्योंकि वह जनता के जेब के संरक्षक का कत्र्तव्य निभाएंगा और देखेगा कि एक भी पैसा विधान सभा की अनुमति के बिना खर्च न हो। सीएजी कार्यालय के इसी महत्व को देखते हुए संविधान में यह व्यवस्था की गई थी कि यह कार्यालय एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विभाग रहेगा,जो कार्यपालिका के अधीन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में कृषि, उद्योग, प्रौद्योगिकी तकनीक एवंश्रम शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान होता है, इसके साथ-साथ इन क्षेत्रो के विकास योजनाओं की सफलता के लिए कुशल आर्थिक प्रबंधन बड़ा जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि यह संस्था निष्ठïापूर्वक और सफलतापूर्वक अपने कत्र्तव्यों का पालन कर रही है, जिससे प्रदेश सरकार को नई योजनाएं बनाने और पुरानी योजनाओं के मूल्याकन में काफी मदद मिलती है। हुड्डïा ने कहा कि सीएजी द्वारा लेखा परीक्षा के दस्तावेज जब विधान सभा के पटल पर रखे जाते है तो वे मात्र सरकारी अभिलेख न हो कर सर्वाजनिक सम्पत्ति बन जाते हैं और लोगों को भी सरकारी धन के उपयोग की सही जानकारी मिलती है। जिन मुदों पर सीएजी रिपोर्ट में असंतोष व्यक्त किया जाता है उनमें सरकार द्वारा सुधार के प्रयास किए जाते है। उन्होंने सीएजी कार्यालय द्वारा कर्मचारियों के हकदारी कार्यो, भविष्य निधि एवं सेवानिवृत्ति लाभों आदि के भुगतान के सम्बंध में तत्परता और कार्यावाही की भी प्रशंसा की। हरियाणा विधान सभा की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष प्रौफेसर सम्पत सिंह ने अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री श्री हुड्डïा को ‘चैम्पियन आफ चैम्पियनसÓ की संज्ञा देते हुए उनके द्वारा प्रदेश में उठाए गए अनेक कदमों व अपनाई गई योजनाओं का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा आज राष्टï्रीय स्तर पर पथ प्रदर्शक बन गया है,जिससे विदेशों में बैठे हरियाणवी भी अब गर्व महसूस करते है। उन्होंने कहा कि विदेशों में हरियाणा के लोग अपने आपको पंजाब से जोड़कर बताते थे लेकिन अब हरियाणा की एक अच्छी पहचान बनी है। उन्होंने महा लेखा कार्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका एवं योगदान की चर्चा भी की। हरियाणा विधान सभा की सार्वजनिक उपक्रमों की समिति के अध्यक्ष श्री आंनद सिंह डांगी ने कहा कि पिछले छ: वर्ष में हरियाणा के यशस्वी वं कर्मयोगी मुख्यमंत्री ने हरियाणा प्रदेश को नया स्वरूप दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का बजट छ:वर्ष पूर्व केवल 2200 करोड़ था जो अब 18,000 करोड़ हो गया है। उन्होंने कहा कि यह कायाकल्प सरकार की नीति व नियत तथा सिद्घान्तों का परिणाम है।
हरियाणा की मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी ने कहा कि सीएजी सरकार के लिए दोस्त, दार्शनिक और मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है और किसी भी दवाब में कार्य नहीं करता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हुड्डïा के नेतृत्व में हरियाणा ने अनेेक क्षेत्रों में एक मिसाल कायम की है।हरियाणा के प्रधान महालेखाकार(लेखा एवं हकदारी)श्री बलविन्द्र सिंह ने अपने कार्यालय की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि उनके कार्यालय द्वारा हरियाणा सरकार की 2,30,000 कर्मचारियों के जीपीएफ खातों को कम्प्यूटरीकृत किया गया है। इसके अलावा, सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत कर्मीयों के लिए अनेक कदम उठाए गए है। उन्होंने कहा कि जब-जब भी किसी सरकारी कार्य से उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने का अवसर मिला तो तब-तब श्री हुड्डïा ने प्रदेश की प्रगति और सेवारत तथा सेवानिवृत कर्मचारियों के हितों का अच्छी तरह से ध्यान रखने के लिए उन्हें उत्साहित किया। इससे पूर्व हरियाणा के प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षण) सुश्री सुषमा वी. दाबक ने अपने कार्यालय की गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की । उन्होंने कहा कि वे अपना तिमाही कार्यक्रम अपनी वैबसाईट-पर डाल देते है ताकि सभी को मालूम हो सके कि लेखा परीक्षण दल कब,कहा और किसी कार्यालय में लेखा परीक्षण करेगा। उन्होंने बताया कि लेखापरीक्षण की प्रणाली समय-समय पर मूल्यांकित की जाती है ताकि लेखा इकाईयां अपनी कार्य प्रणाली में बदलाव ला सकें। बाद में हरियाणा लोक सेवा आयोग के नये सदस्यों की नियुक्तियां कब तक की जाएंगी के सम्बंध में पत्रकारों द्वारा पूछे एक प्रश्न के उत्तर में हुड्डïा ने कहा कि इस बारे में कोई भी कदम राष्टï्रपति कार्यालय से प्राप्त होने के बाद उठाया जाएगा। केग के संबंध में श्री हुड्डïा ने कहा कि यह प्रजातंत्र का एक मजबूत स्तम्भ है और इसका लक्ष्य विधानसभा में पारित बिलों का एक-एक पैसा उसी उद्देश्यों के लिए सही उपयोग हो इससे बाहर न हो। इस अवसर पर हुड्डïा ने पौधारोपण भी किया। इस अवसर पर विधायक सुमिता सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री छत्तर सिंह व हरियाणा सरकार के अनेक वरिष्ठï अधिकारी भी उपस्थित थे।
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