सिरसा,3 अक्टूबर।अपनी क्षमताओं को पहचानने के लिए शिविरों का आयोजन किया जाता है और इन्हीं के माध्यम से क्षमताएं बाहर आती है। उपरोक्त शब्द संगीता भटनागर ने श्री सत्य साईं संगठन सिरसा द्वारा संगठन हॉल सुरतगढिय़ा बाजार में आयोजित बाल-विकास प्रशिक्षण शिविर में कहे। उन्होंने कहा कि शिविर के माध्यम से ही नए विचार आते हैं। इससे व्यक्तिगत साधना भी बढ़ती है तथा नम्रता बढ़ जाती है। रंजना ने समापन पर कहा कि भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए हमें सेवा व प्रार्थना निरंतर करते रहना चाहिए। भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए अपनी पात्रता बढ़ी करो। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पात्र जितना बड़ा होगा, उतनी अधिक कृपा मिलेगी। यह हम पर निर्भर करता है कि हमारा पात्र कैसा है। शिविर में 30 महिला-पुरुषों को बाल विकास का प्रशिक्षण दिया गया। समिति संयोजक कमल रेल्हन ने सभी का आभार व्यक्त किया। शिविर में महेंद्र मेहता, बीके गुलाटी, डॉ. बीएस श्योकंद, सुंदर लाल, कालूराम मेहता, आरपी सिंह, अश्वनी तनेजा, नरेश रेलन, लालचंद मेहता, जुगलाल, संजय साहनी, अमीलाल, भरत सिंह, ओपी यादव, आजाद सिंह, अमित यादव, कमलेश सहित अन्य उपस्थित थे।
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रविवार, 3 अक्टूबर 2010
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