कालांवाली,-वन विभाग हिसार के अधिकारियों ने एक छापेमारी में पंजाब की मलोट मंडी से सरकारी लकड़ी जब्त की है। जांच में पता चला है कि जब्त की गई लकड़ी विभाग के कालांवाली स्थित डिपो से भेजी गई थी। इस खुलासे के बाद कालांवाली डिपो में कार्यरत सभी अधिकारी व कर्मचारी शक के घेरे में हैं। जानकारी के अनुसार दो दिन पूर्व हिसार में विभाग की कटिंग शाखा की टीम ने गुप्ता सूचना पर कालांवाली से मलोट जा रही सरकारी लकड़ी पकड़ी थी। लकड़ी शीशम की है जिसकी कीमत लाखों रुपयों में आंकी जा रही है। इस मामले को लेकर पूरे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। कालांवाली में विभाग का डिपो है जहां विभाग द्वारा कटवाए गए पेड़ों की लकड़ी रखी होती हैं। सूत्रों के अनुसार जो लकड़ी पकड़ी गई है वह इसी डिपो से विभाग के कर्मचारियों ने चोरी से बेच दी थी। अब अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। वन विभाग हिसार के डीएफओ संदीप चतुर्वेदी ने इस संबंध में बताया कि मलोठ से सरकारी लकड़ी पकड़ी गई है। फिलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह लकड़ी दो नंबर की है या चोरी से भेजी जा रही है। अभी डिपो में जितना स्टॉक था व ठेकेदारों द्वारा कटवाई गई लकड़ी थी, उसके बीच मिलान किया जा रहा है। जब पूरे स्टॉक का मिलान हो जाएगा उसके बाद ही पता चलेगा कि लकड़ी कम है या नहीं। यदि लकड़ी कम मिली तो साफ हो जाएगा कि डिपो के कर्मचारियों ने चोरी से लकडिय़ां बेची हैं। उनका कहना है कि अभी मामला संदिग्ध है।
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