सिरसा- सीओपीडी अर्थात क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज का विश्व भर में बढ़ता प्रभाव तथा इस रोग से ग्रस्त रोगियों की बढ़ती मृत्यु दर गहन चिंता का विषय है। वर्तमान समय में आलम यह है कि विश्व भर 60 करोड़ व अकेले भारतवर्ष में डेढ़ करोड़ लोग सीओपीडी से ग्रस्त हैं। यह बात शहर के प्रसिद्ध वरिष्ठ चिकित्सक डा.एमएम तलवार ने मंगलवार को आरसी रेजेंसी होटल में विश्व सीओपीडी दिवस पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। दवा निर्माण क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सिपला की ओर से आयोजित इस पत्रकार वार्ता में डा.एमएम तलवार ने बताया कि सीओपीडी की बीमारी वर्तमान समय में रोगियों की मृत्यु का चौथा सबसे बड़ा कारण है तथा अगर यह दर इसी तरह बढ़ती रही तो आने वाले दस वर्षों में यह बीमारी रोगियों की मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण बन जाएगा। डा.तलवार ने बताया कि सीओपीडी बीमारी मुख्य रूप से फेफड़ों व सांस की नलियों से संबंधित है। इस बीमारी में फेफड़ों व सांस की नलियों में सिकुडऩ आ जाती है तथा शरीर में आक्सीजन गैस का आदान प्रदान करने वाले अंगों अलवलाई द्वारा सही ढंग से काम करना बंद कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर के अंगों में ऑक्सीजन गैस की सही आपूर्ति नहीं हो पाती और सीओपीडी का मरीज पर्याप्त आक्सीजन के अभाव में कई अन्य बीमारियों का शिकार भी हो जाता है। डा.तलवार ने बताया कि गंभीर रूप से सीओपीडी का शिकार हो जाने वाले मरीज का पूर्ण उपचार संभव नहीं है, लेकिन इनहेलेशन थैरेपी से दवाइयां देकर उसकी स्थिति को नियंत्रण में रखना तथा उसे सहज जिंदगी दे पाना संभव है। उन्होंने बताया कि आज संपूर्ण विश्व में डायबिटीज तथा हृदय रोग से पीडि़त रोगियों की संख्या में जरूर कमी आ रही है लेकिन विज्ञान की अत्याधुनिक उन्नति के बावजूद सीओपीडी रोग से ग्रस्त रोगियों की संख्या में नियमित रूप से इजाफा होता जा रहा है। डा.तलवार ने बताया कि सीओपीडी रोग की रोकथाम के लिए धूम्रपान पर पूर्ण रूप से नियंत्रण करना व जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करना बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। उन्होंने इंटरनेट वेबसाइट ब्रीथफ्री डॉट कॉम जैसी सोशल वेबसाइटों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार की वेबसाइटों के माध्यम से सीओपीडी व अन्य श्वास रोगों के प्रति जागरूकता फैलाना बेहद प्रशंसनीय है। इस अवसर पर डा.तलवार के साथ सिपला प्रतिनिधि राम सुनेजा, अमरजीत, संदीप अरोड़ा, विकास भार्गव, प्रदीप कुमार आदि मौजूद थे।
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