डबवाली-लगभग एक साल पहले सिरसा जिले को संपूर्ण स्वच्छ जिला घोषित किया गया था। इस अवार्ड से न सिर्फ जिला प्रशासन बल्कि जिले की जनता का भी सीना गर्व से फूल गया था क्योंकि संपूर्ण स्वच्छ जिला घोषित होना व निर्मल पुरस्कार मिलना छोटी बात नहीं होती है। पर अफसोस है कि निर्मल पुरस्कार पर फिर से दाग लगने लगे हैं। इसके लिए प्रशासन व आम जनता दोनों ही बराकर के भागीदार है। इस समय शहर के अन्य हिस्सों की तरह ही सामान्य बस स्टैंड के बाहर जमा गंदगी बाहर से आने वाले लोगों के सामने शहर की बदसूरत छवि प्रस्तुत कर रही है। जिले के तत्कालीन एडीसी युद्धवीर सिंह ख्यालिया ने स्वच्छता के प्रति पूरे जिले में एक अभियान चलाया था। युवाओं की एक टीम का गठन किया गया था। टीम सदस्यों की गांव स्तर पर ड्यूटी लगाई गई थी। सभी युवाओं ने दो माह तक घर-घर जाकर सफाई का महत्व बताया था। लोगों पर इसका असर भी हुआ था। जिन घरों में शौचालय नहीं बने हुए थे, उन घरों में शौचालय बनाए गए। सरकार ने भी शौचालय निर्माण में बीपीएल परिवारों को आर्थिक अनुदान दिया था। लोगों ने खुले में शौच जाने व कचरा आदि डालने की आदत लगभग छोड़ दी थी। प्रत्येक जिले में कचरा एक निश्चित स्थान पर डाला जाने लगा था। गलियां व सड़कें साफ नजर आने लगी थी। मगर प्रशासन ने जैसे ही ढील बरती, लोगों की दिनचर्या पुराने ढर्रे पर लौट आई है। अब लोगों ने फिर से घरों के बाहर गलियों में कचरा डालना शुरू कर दिया है। गांवों में खुले में शौच जाने की क्रिया फिर शुरू हो गई है। बस स्टैंड के दो गेट के साथ गंदगी पसरी हुई है। हर समय वहां कीचड़ रहता है। गंदगी पर गाय व अन्य पशु मुंह मारते रहते हैं। जब सिरसा में कोई नया व्यक्ति आता है तो वह बस स्टैंड पर उतरता है मगर यहां उसे शहर की तस्वीर धुंधली नजर आती है जो प्रशासन व लोगों के लिए शर्म की बात है। जब बस स्टैंड पर के बाहर ही गंदगी के ढेर लगे हो तो बाकी शहर में किस तरह की सफाई व्यवस्था हो सकती है, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
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बुधवार, 17 नवंबर 2010
शहर की तस्वीर बिगाड़ रही है बस स्टैंड के बाहर जमा गंदगी संपूर्ण स्वच्छ जिले तमगा पर लग रहे हैं दाग
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